पुरानी पेंशन बहाली के राष्ट्रीय आह्वान पर आक्रोश रैली, हरियाणा में कर्मचारी उतरे सड़क पर

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विस्तार से देखें आक्रोश रैली: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा 1 मई को दिल्ली संसद मार्च कार्यक्रम होगा। 1 जून से पुरानी पेंशन की मांग को लेकर हरियाणा में साइकिल यात्रा शुरू होगी।

पुरानी पेंशन बहाली के राष्ट्रीय आंदोलन के तहत आज 16 अप्रैल को आक्रोश रैली का आयोजन हुआ। जिसमे देशभर के 797 जिलों में कर्मचारियों ने एक साथ इस रैली का आयोजन किया। इनमें वे राज्य शामिल नहीं है जहां पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है।

हरियाणा में पेंशन बहाली संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश भर में कर्मचारियों ने आक्रोश मार्च निकाला। इस दौरान कर्मचारियों ने सिर्फ पुरानी पेंशन बहाली की मांग रखी। कर्मचारी बडी संख्या में नारेबाजी करते हुए अपने वाहनों पर वोट फॉर ओपीएस स्टीकरभी लगा रखा था। 

आंदोलन में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल है। पहले 19 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया गया था। उस समय भी बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी शामिल हुई थी। अब कर्मचारियों ने यह मांग पूरी कराने की ठान ली है और इसके लिए कोई भी बड़ा आंदोलन करने से कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे।

हरियाणा में चेतावनी- ओपीएस नहीं तो वोट नहीं

संघर्ष समिति ने सरकार को स्प्ष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश में जल्द पुरानी पेंशन बहाल न की गई तो संघर्ष समिति विरोध प्रदर्शनों के साथ साथ आगामी चुनावों में गठबंधन सरकार को सत्ता से भी बाहर करने का काम करेगी। हिमाचल प्रदेश का स्पष्ट उदाहरण गठबंधन सरकार के सामने है।

संघर्ष समिति ने कहा कि 20 फरवरी को हरियाणा सरकार और 6 अप्रैल को केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस की समीक्षा कमेटी केवल मुद्दे को लम्बा खींचने और गुमराह करने का जरिया मात्र है। सरकार अगर पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर गंभीर है तो इच्छाशक्ति दिखाते हुए राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पुरानी पेंशन नीति को बहाल करे।

एनपीएस में बदलाव नही, पुरानी पेंशन नीति बहाल हो!

मोर्चा ने कहा कि हम सरकार को स्पष्ट कर चुके है कि कर्मचारी कोई बीच का रास्ता या एनपीएस में बदलाव नही बल्कि पूर्ण रूप से पुरानी पेंशन नीति की बहाली चाहता है और किसी बदलाव से मानने वाला नहीं है। सरकार जहां एक तरफ कमिटी बना रही है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री और मंत्री पुरानी पेंशन पर तथ्यहीन बयानबाजी कर मुद्दे को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है। इससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। जब तक प्रदेश में ओपीएस बहाल नही हो जाती तब तक पेंशन आंदोलन जारी रहेगा।

1 जून से ओपीएस संकल्प यात्रा

इसी कड़ी में 1 जून 2023 से भीषण गर्मी के बीच संघर्ष समिति के नेतृत्व में नांगल चौधरी से ओपीएस संकल्प यात्रा निकलेगी। यात्रा सभी जिलों में कर्मचारियों/अधिकारियों के साथ–साथ आम जनता को भी ओपीएस आंदोलन के लिए जागरूक करते हुए 22 जून को चंडीगढ़ में राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपेगी।

यात्रा में सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इसके बावजूद भी सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए कोई सकारात्मक कदम नही उठाती तो संघर्ष समिति प्रदेश में ओर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी। आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में वोट फॉर ओपीएस मुहिम चला गठबंधन सरकार को सत्ता से बाहर करने का काम करेगी।

आज प्रदेश का सभी विभागों का कर्मचारी/अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर संगठित है और हमारा स्पष्ट नारा है पेंशन नही तो वोट नही, जो ओपीएस बहाल करेगा वही देश पर राज करेगा। आगामी चुनावों में ओपीएस बहाली सबसे बड़ा मुद्दा होगा।

हरियाणा के विभिन्न जिलों में आक्रोश मार्च की झलक

कैथल में आक्रोश रैली

अंबाला: विभिन्न विभागों के कर्मचारी ऊर्जा भवन के बाहर एकत्रित हुए। यहां से आक्रोश मार्च निकालते हुए सेक्टर-7 रोड, सिविल अस्पताल, जगाधरी गेट, रेलवे रोड, कपड़ा मार्केट से होते हुए अग्रसेन चौक पर पहुंचे। जहाँ कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कुरुक्षेत्र में पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारी पुराना बस अड्डे से रोष मार्च निकालते हुए जिला सचिवालय पहुंचे। कर्मचारी हाथों में बैनर, कटआउट आदि लिए हुए थे तो सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। जिला सचिवालय में धरना दिया, उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसमें लगभग सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी भागेदारी की।

नारनौल में पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा आक्रोश मार्च निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में कर्मचारी और अधिकारी शामिल रहे।

करनाल: नैशनल मूवमैंट फॉर ओल्ड पैंशन और पैंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के आह्वान पर करनाल शहर के कर्ण पार्क से आक्रोश मार्च निकालते हुए डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।

आगर मालवा: रविवार को जिले भर के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय आगर में प्रदर्शन किया। मुख्य मार्गों से होते हुए अपने वाहनों पर वोट फॉर ओपीएस स्टीकर लगाकर पेंशन संवैधानिक मार्च निकाला। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

हिसार की नई कपड़ा मार्केट से शहर के बस स्टैंड, फव्वारा चौक पर प्रदर्शन करते हुए क्रांतिमान पार्क पर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया।

सिरसा में अलग-अलग विभागों से हजारों कर्मचारियों ने शहर के मेन बाजार सुभाष चौक, भगत सिंह चौक, भगवान परशुराम चौक से होते हुए डॉक्टर भीम राव अंबेडकर चौक पर मार्च निकाला। 

मंडी आदमपुर में पुरानी पेंशन बहाल संघर्ष समिति ने पेंशन बहाली की मांग को लेकर रविवार को पेंशन आक्रोश मार्च का आयोजन किया। इस दौरान प्रदेश भर से कर्मचारी काले कपड़े पहनकर मार्च में शामिल हुए। कर्मचारियों ने पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के आवास पर भी प्रदर्शन किया।

फतेहाबाद: कर्मचारियों ने फतेहाबाद में पेंशन आक्रोश मार्च निकाला।

भिवानी में भी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला।

जींद में विभिन्न विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने रानी तालाब स्थित नेहरू पार्क में रोष सभा की फिर आक्रोश मार्च निकाला। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेताया कि जब तक पुरानी पेंशन बहाली की उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

मध्य प्रदेश में आक्रोश रैली

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली और नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने रविवार को आक्रोश रैली का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भोपाल

बैतूल में कर्मचारियों ने कर्मचारी भवन से बड़ी आक्रोश रैली का आयोजन किया जो पेट्रोल पंप चौराहे से बस स्टैंड, लल्ली चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां कर्मचारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव को संबोधित इस ज्ञापन में दो सूत्री मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है।

बैतूल

1 मई को दिल्ली संसद मार्च कार्यक्रम

उधर उत्तराखंड में भी ओपीएस आंदोलन तेज हो रहा है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के द्वारा 1 मई को दिल्ली संसद मार्च कार्यक्रम में उत्तराखंड के कर्मचारी भी बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। स्थानीय पारंपरिक ढोल दमाऊ के साथ आंदोलनकारी दिल्ली कूच करेंगे।

मोर्चे के नेता सीताराम पोखरियाल ने बताया कि आज पूरे देश में 75 लाख से अधिक कर्मचारी, अधिकारी एनपीएस हटा कर पुरानी पेंशन बहाली की भारत सरकार से लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। किंतु सरकार मांग पर गंभीरता से विचार नही कर रही हैं। जिससे कार्मिकों में दिनों दिन रोष बढ़ता जा रहा हैं।

देश के राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब एवं हिमाचल सरकारों ने जिस तरह से अपने कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली का निर्माण लिया है उसके लाभान्वित होने वाले राज्यों के कार्मिक के साथ ही देश के अन्य राज्यों के कार्मिक इन सरकारों की सराहना कर रही हैं। कहा कि पुरानी पेंशन की व्यवस्था करवाने वाले राज्य के कार्मिक भी 1 मई को दिल्ली संसद मार्च में एनपीएस की धनराशि वापसी के लिए भाग लेंगे।