दिल्ली में 9 वर्षीय दलित बच्ची से बलात्कार और हत्या के खिलाफ जयपुर में आक्रोश प्रदर्शन

पितृसत्तात्मक मानसिकता व लचर कानून व्यवस्था है ज़िम्मेदार
केएनएस ने कहा कि दलित बच्ची के साथ शर्मनाक घटना बानगी है, देश में महिलाओं के खिलाफ खास तौर से दलित महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तीव्र गति से वृद्धि हुई है…
जयपुर (राजस्थान)। 9 साल की दलित बच्ची के साथ दिल्ली कैंट में किए गए गैंगरेप व जलाकर हत्या के खिलाफ क्रांतिकारी नौजवान सभा (केएनएस) ने 6 अगस्त को जयपुर के भट्टा, झालाना डूंगरी में रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन हुआ और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की माँग के साथ ऐसी दमनकारी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश में पिछले सालों में लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तीव्र गति से वृद्धि हुई है, खास तौर से दलित महिलाओं के खिलाफ। एनसीआरबी के 2019 के आंकड़ों के अनुसार हर दिन 10 दलित महिलाएं बलात्कार का शिकार बनती है।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा केस दर्ज करने में आनाकानी करना, उसके बाद की जांच करने और सबूत इकट्ठा करने में कोताही के कारण और इसके साथ ढीली, उबाऊ और लंबी चलने वाली न्याय व्यवस्था और अपराधियों को राजनीतिक सह के कारण दलित और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े है।
अपराधी खुले आम घूमते है। इस वजह से अधिकतर केस तो दर्ज तक नही होते है। जिन अपराधियों को सजा होती वो भी कम व हल्की सजा होती है।

समाज में महिलाओं को इस्तेमाल की वस्तु समझा जाना, दलितों को प्रताड़ित करना सवर्ण जातियों द्वारा अपना अधिकार समझा जाना और लचर कानून व्यवस्था ने मिलकर दलित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा दिया है।
अगर इन अपराधों को जड़ से खत्म करना है तो पितृसत्तात्मक मानसिकता को खत्म करना होगा।