विमानन क्षेत्र में गई दस लाख लोगों की नौकरी

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आगामी समय में स्थिति और भी भयावह होगी

290 एयरलाइंस कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोशिएसन का अनुमान है कि दुनिया भर की एयरलाइंस कंपनियों को 84 अरब डॉलर का नुकसान होगा। इसके साथ ही दस लाख लोगों की नौकरियों ख़त्म हो जाएंगी।

इस हफ़्ते अमरीका की तीन सबसे बड़ी विमानन कंपनियों में से एक यूनाइटेड एयरलाइंस ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वह हवाई यात्राओं में भारी कमी आने की वजह से अपने 36000 नौकरियों में कमी ला सकती है।

इंवेस्टमेंट फर्म कोवेन में प्रबंध निदेशक और सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हेलेन बेकर कहती हैं कि इस महामारी की वजह से अमरीकी विमानन कंपनियां अपने 7.5 लाख कर्मचारियों में से दो लाख कर्मचारियों की छुट्टी कर सकती हैं।

अमरीकी विमानन कंपनियों के संघ ट्रंप सरकार पर 25 अरब डॉलर के बेल आउट पैकेज़ को बढ़ाने का दबाव डाल रहे हैं।

सरकार की ओर से जारी की गई मदद लेने के लिए विमानन कंपनियों को आगामी सितंबर महीने तक लोगों को नौकरियों पर रखना होगा। लेकिन आईएटीए कहती है कि ऐसा करने से व्यापक लाभ होंगे।

औसतन 23 करोड़ डॉलर का नुकसान

आईएटीए के महानिदेशक और सीईओ अलेक्जेंडर डी जुनिएक ने एक बयान में कहा कि 2020 एविएशन इतिहास का सबसे बुरा साल होने जा रहा है। इस साल उद्योग को प्रतिदिन औसतन 23 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा। कुल नुकसान 84.3 अरब डॉलर होगा।

जुनिएक ने कहा कि इसका अर्थ यह कि इस वर्ष अनुमानित 2.2 अरब यात्रियों के आधार पर विमानन कंपनियों को 37.54 डॉलर प्रति यात्री नुकसान होगा। इसलिए सरकारी वित्तीय राहत जरूरी है, क्योंकि विमानन कंपियां नकदी संकट से जूझ रही हैं।

इससे बुरा दौर नहीं आने वाला

उनके अनुसार, चूंकि कोविड-19 का दूसरा तथा अधिक नुकसानदायक दौर नहीं आने वाला है, लिहाजा यातायात की सबसे बुरी स्थिति संभवत: समाप्त हो चुकी है। मौजूदा समय में आईएटीए कोई 290 विमानन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो वैश्विक हवाई यातायात का 82 प्रतिशत हैं।

आईएटीए के प्रवक्ता ने कहा है कि विमानन क्षेत्र में जितनी नौकरियां जा रही हैं, वो ये बताता हैं कि विमानन क्षेत्र और वे सभी जो कि एयर कनेक्टिविटी पर निर्भर हैं कितना गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा है।

इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि सरकार की ओर से लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लगाए प्रतिबंध पूरी तरह समझ में आते हैं लेकिन ऐसा करते हुए इन कदमों के आर्थिक और सामाजिक परिणामों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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