पुरानी पेंशन खैरात नहीं, हमारा मौलिक अधिकार है -कर्मचारियों ने किया संघर्ष का ऐलान

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पुरानी पेंशन बहाल हो। पेंशन के बिना बुढ़ापा रीढ़विहीन शरीर के समान होगा, इसलिए हम युवा कर्मचारियों को अभी जग जाना होगा। -एनएमओपीएस

मुजफ्फरपुर  (बिहार)। पुरानी पेंशन की बहाली के लिए आंदोलनरत नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की बिहार इकाई की ओर से रविवार को वर्चुअल बैठक कर आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई गई।

एनएमओपीएस ने कहा कि लगभग सभी विभागों से एनएमओपीएस को समर्थन व सहयोग मिल रहा है। साफ जाहिर होता है कि पुरानी पेंशन की लड़ाई 2022 में पूरे बिहार में विकराल रूप धारण कर लेगी। पुरानी पेंशन खैरात में नहीं मांग रहे हैं। यह हमारा मौलिक अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे।

सोमवार से बिहार सरकार ने कोविड रोकथाम नियमों में ढील दे दी है, इसलिए अब प्रत्येक विभाग में बैठक करके सभी को जोड़ते हुए अगले 15 फरवरी तक प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड अध्यक्ष बना दिया जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय की अध्यक्षता में संगठन विस्तार भी किया गया। उपाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार ने पटना, मगध, कोसी व मुंगेर प्रमंडल के जिलों में पदाधिकारियों की घोषणा की। सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के अन्य जिलों की तरह शीघ्र संतुलित व सशक्त कार्यकारिणी का गठन कर प्रदेश कार्यकारिणी को सूचित किया जाए।

पेंशन के बिना बुढ़ापा रीढ़विहीन शरीर के समान होगा, इसलिए हम युवा कर्मचारियों को अभी जग जाना होगा। जिलाध्यक्ष डॉ. विजयेन्द्र झा ने जिला संगठन को विस्तारित करते हुए जिला संरक्षक डॉ. कृष्ण कुमार, संयुक्त सचिव रवि कुमार, संगठन सचिव डॉ. कुमारी संध्या व राहुल कुमार और समन्वयक डॉ. चितरंजन कुमार के नाम की घोषणा की। इसपर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी।

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