कस्तूरबा अस्पताल में तीन महीने से नर्सों को नहीं मिला वेतन

0
0

नर्सों का कहना सैलरी ही नहीं तो अपनी जिंदगी खतरे में क्यों डालें

वेतन के भुगतान में देरी के खिलाफ नोर्थ एमसीडी के हिंदू राव अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की हड़ताल के सप्ताह भर बाद, नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल में नर्सों ने सोमवार (6 जुलाई, 2020) को दो घंटे का विरोध प्रदर्शन किया। हॉस्पिटल में नर्स संघ के अध्यक्ष बी एल शर्मा ने कहा कि उन्हें आखिरी बार वेतन मार्च में मिला था, जिसका भुगतान भी मई में किया गया था। शर्मा ने कहा कि प्रशासन से आश्वासन मिलने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

ऐसा तब है कि जब दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया और नगर निकायों से वेतन देने कि लिए कहा था। कस्तूरबा हॉस्पिटल में नर्स मंजू लता ने बताया कि 60 से अधिक कर्मचारियों ने इस विरोध में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘पिछले चार सालों से वेतन में देरी नियमित हो गई है। मगर इसकी भी एक सीमा है। हमें तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया है। अगर हमें वेतन नहीं मिल रहा तो क्यों अपनी जिंदगी खतरे में डालें?

उन्होंने कहा कि हमें उधार लेकर वित्तीय खर्च पूरे करने पड़ रहे हैं। मगर कुछ लोग ऐसी हालत में आ गए हैं कि वो अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, राशन खरीदने के लिए भी पैसे खत्म हो रहे हैं। अगर वो हमें भुगतान नहीं कर सकते तो अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें भोजन मिले।

अन्य नर्स अल्का कौशिक ने कहा कि हमने कोरोना महामारी और मरीजों को देखते हुए पहले ये मुद्दा नहीं उठाया था। कई नर्स हॉस्पिटल आने के लिए हर दिन सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर अपनी जान जोखिम में डालती हैं। वेतन में देरी के कारण मुझे बैंक से होम लोन और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करने का नोटिस मिला है।मामले में नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि निगम ने सभी खर्चों को रोक दिया है और केवल वेतन देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम उन्हें जल्द से जल्द वेतन देने की कोशिश कर रहे हैं।

अभिनव राजपूत

जनसत्ता से साभार