बंगाल, बिहार, यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र… अब असम में दरिंदगी; ट्यूशन से लौट रही नाबालिग के साथ गैंगरेप

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नागांव (असम)। पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार, यूपी,  झारखंड में महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटनाओं के बीच अब असम के नागांव जिले में ट्यूशन क्लास से घर लौट रही एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और दरिंदगी का मामला सामने आया है।

कोलकाता और ठाणे में हुए दुष्कर्म को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी हैं। वहीं अब असम में भी इस दरिंदगी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दुष्कर्मियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया है और अनिश्चितकाल के लिए बंद बुलाया है।

यह घटना गुरुवार को घटी। आरोप है कि असम के नागांव जिले के ढिंग इलाके में ट्यूशन क्लास से घर लौट रही एक नाबालिग लड़की के साथ 3 दुष्कर्मियों द्वारा मिलकर सामूहिक बलात्कार किया गया है।

नाबालिग लड़की को सड़क किनारे बेहोशी की हालत में पाया गया और स्थानीय लोगों ने उसे बचाया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। उसे इलाज के लिए राज्य के नागांव जिले के ढिंग मेडिकल यूनिट में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। नागांव के एसपी स्वप्ननील डेका ने प्रेस से कहा, ’14 वर्षीय लड़की ने हमें बताया है कि उसके साथ तीन लोगों ने बलात्कार किया है। लड़की की जांच की गई है और एक महिला अधिकारी ने उसका बयान दर्ज किया है। हमने घटनास्थल से सभी वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा लिए हैं और मामले पर काम कर रहे हैं।’ 

जनता का फूटा गुस्सा; विरोध-प्रदर्शन तेज

इस घटना के बाद इलाके के स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। संगठनों और निवासियों ने हमलावरों की गिरफ्तारी होने तक अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।

पीटीआई के मुताबिक, दुकानदारों ने अपने कारोबार बंद कर दिए, जबकि सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने अपराधियों के लिए कठोर दंड और महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। क्षेत्र में तनाव बरकरार है, जिसके कारण पुलिस गश्त और सतर्कता बढ़ा दी गई है।

हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या से समाज में आक्रोश अभी कम भी नहीं हुआ था कि एक के बाद एक कई दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। ये घटनाएं झकझोर रही हैं कि हमारा भारतीय समाज कहां खड़ा है।

कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले को पश्चिम बंगाल सरकार दबाने में लगी रही। मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टमार्टम से लेकर केस दर्ज करने के समय और पूरे क्रम पर सवाल उठाए हैं।

उत्तराखंड के रुद्रपुर में फूटेला अस्पताल की एक नर्स के साथ दुष्कर्म कर हत्या हुई। पीड़ित नर्स की लाश काफी दिन बाद सडी-गली अवस्था में मिली। परिजानों द्वारा न्याय की मांग करने पर जिम्मेदार पुलिस अधिकारी द्वारा घटिया बयान दिया गया। प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया व मंत्री चुप्पी साधे रहे। घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूटा और विरोध-प्रदर्शन तेज हुए।

महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर के एक नामी स्कूल में 13/14 अगस्त को चार साल की दो बच्चियों के साथ 23 साल के स्कूल के सफाई कर्मी अक्षय शिंदे ने शौचालय में यौन उत्पीड़न किया। आरोपी अक्षय की घिनौनी हरकत तब सामने आई जब एक बच्ची ने दर्द की शिकायत की और अपने माता-पिता को आप बीती बताई।

इस घटना के बाद बदलापुर में आक्रोश फैल गया और लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। अक्रोशित लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि वहां के मुख्यमंत्री इस घटना पर कुछ कहें लेकिन मुख्यमंत्री की पुलिस न्याय मांगने वालों के ही दमन पर उतारू हो गई।

महाराष्ट्र के ही अकोला में 20 अगस्त को उच्च माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 7-8 में पढ़ने वाली 6 छात्राओं ने अपने अध्यापक प्रमोद मनोहर सरदार पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।  घटना सामने आने और विरोध के बाद पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार किया गया है।

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के कांदीकुप्पम के एक निजी स्कूल का 5 से 9 अगस्त के बीच एनसीसी के नाम पर फर्जी शिविर लगाया गया था। इसमें 17 छात्राओं सहित 41 छात्रों ने भाग लिया था। शिविर में 12 छात्राओं के साथ छेड़ छाड़ व कक्षा 8 में पढ़ने वाली 13 साल की एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। रिपोर्ट दर्ज हो गई है और आरोपी शिवरामन सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बिहार में पश्चिमी चंपारण के बेतिया में स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की छात्राओं का आरोप है कि इस नर्सिंग संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मनीष जायसवाल कार्यालय में ही शराब पीते हैं व शराब के नशे में मसाज करवाते हैं। छात्राओं की शिकायत पर कोई कर्रवाई ना होने पर उन्होंने अब सीएम से अपनी गुहार लगाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं ने प्रभारी प्राचार्य की करतूतों की तस्वीरें दिखा कर विभाग को इसकी जानकारी दी थी। शिकायत के बाद निदेशक प्रमुख नर्सिंग, ने इस मामले में बेतिया के सिविल सर्जन को दिए जांच के आदेश सीएस ने प्रभारी को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट भी भेज दी थी। लेकिन इस प्रभारी प्राचार्य पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है।

बिहार के ही मुजफ्फरपुर में नाबालिग लड़की को घर से उठा कर बलात्कार के बाद हत्या की घटना हुई।

झारखंड की राजधानी रांची में 18 जून को एक नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। रिपोर्ट के अनुसार कार सवार चार अपराधियों ने सड़क पर सो रही 15 साल की नाबालिक को उठाकर किसी दूसरी जगह ले गए। वहां उसके साथ गैंगरेप किया, फिर सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गए। पीड़िता को गंभीर हालत में रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सवाल दर जवाब हैं

ये हाल में घटित देश की कुछ चुनिंदा घटनाएं हैं। ऐसी और भी न जाने कितनी घटनाएं इन दिनों में ही घटी होंगी जो सामने नहीं आ पाईं। इन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज देश में महिलाओं, यहाँ तक कि छोटी बच्चियों की क्या स्थिति है। दरिंदगी चरम पर है और विकृत मानसिकता के अपराधियों, जिनमें तथाकथित प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हैं, के हौसले किस कदर बुलंद हैं।

ऐसी घटनाओं से मोदी सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे की असलियत सामने है। दरअसल, यौन हिंसक मानसिकता के शिकार संसद-विधान सभाओं से लेकर शिक्षालयों तक में मौजूद हैं। रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं। यह एक सभ्य समाज के ऊपर बदनुमा दाग है, जो तमाम सवाल खड़ा करता है।

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