नीमराना : डायडो प्रबंधन के इशारे पर शांति भंग के बहाने प्लांट में श्रमिकों का पुलिस उत्पीड़न

एक श्रमिक को प्लांट से उठाकर थाने में बंद रखा। एसडीएम नीमराना के सामने यह खुला कि 26 जनवरी को गेट पर झंडा लगाने की डायडो प्रबंधन की झूठी अफवाह पर पुलिस ने कार्रवाई की है।
अलवर में डायडो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नीमराना में, प्रबंधन के इशारे पर पुलिस ने सोमवार को यूनियन पदाधिकारियों सहित 16 श्रमिकों को शांति भंग के आरोप में पाबंद करने के लिए 107/116(3) सीआरपीसी का नोटिस जारी किया है। पुलिस घर-घर जाकर यूनियन पदाधिकारियों और मजदूरों को डराने लगी।
प्रबंधन की झूठी शिकायत पर नीमराना पुलिस, यूनियन पदाधिकारियों से मिलकर बातचीत किए बगैर और प्राथमिक जांच किए बगैर सोमवार को शांति भंग का नोटिस लेकर डायडो प्लांट में पहुंच गई। नीमराना पुलिस ने प्लांट में पहुंचकर प्लांट के अंदर ही श्रमिकों को नोटिस देना शुरू कर दिया और यूनियन बनाने पर धमकी देना शुरू कर दिया।
एक श्रमिक ने नोटिस के बारे में पूछताछ की और हस्ताक्षर करने से मना किया तो पुलिस ने उसको शांति भंग करने के आरोप में उठाकर थाने में बंद कर दिया। श्रमिक के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किया गया और किसी को भी उससे मिलने नहीं दिया गया, थाने में उससे मिलने गए अन्य श्रमिकों के साथ पुलिस वालों ने मारपीट की।
उसके बाद प्लांट में भारी पुलिस बल और स्पेशल पुलिस फोर्स की क्यूआरर्टी तैनात कर दी गई। आज मंगलवार शाम 4:30 बजे पुलिस ने 24 घंटे बाद श्रमिक को एसडीएम के सामने पेश किया तब जाकर श्रमिक को 25, 25000 के दो मुचलके पर छोड़ा गया।
शाम को एसडीएम की मध्यस्थता में यूनियन और डायडो प्रबंधन की मीटिंग हुई उसके बाद जाकर एसडीएम नीमराना के सामने यह मामला स्पष्ट हुआ कि डायडो प्रबंधन ने 26 जनवरी को गेट पर झंडा लगाने के नाम पर झूठी अफवाह उड़ा कर यह पुलिस कार्रवाई अंजाम दी है।
यूनियन का कहना था कि प्रबंधन द्वारा प्लांट के अंदर बाउंसरों को तैनात कर दिया गया है जो श्रमिकों से बदतमीजी कर रहे हैं और श्रमिकों की फोटो खींच रहे हैं, इस प्रकार प्रबंधन प्लांट में माहौल बिगाड़ कर, औद्योगिक शांति भंग कर श्रमिकों को फंसाना चाहती है यह स्पष्ट हो गया है। प्लांट के अंदर सामान्य कार्य आदेश को भी प्रबंधन कलेक्टर श्रम सचिव और स्थानीय थाने को भेजकर यूनियन और श्रमिकों के खिलाफ माहौल बना रहा है।
प्लांट के अंदर बाउंसर की तैनाती को लेकर यूनियन ने प्रशासन को कई बार पत्र लिखा मगर उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यूनियन शांतिप्रिय से समझौता वार्ता करना चाहती है मगर प्रबंधन तैयार नहीं है। यूनियन बनाने और मांग पत्र देने के बाद से प्रबंधन द्वारा श्रमिकों पर यूनियन छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
1 सप्ताह में 4 श्रमिकों का गेट बंद कर दिया गया है और 3 महिला श्रमिकों को 4 दिनों से एचआर द्वारा बैठा कर रखा गया है। जिसमें से एक महिला ने सुपरवाइजर के खिलाफ अभद्र व्यवहार करने की शिकायत प्रबंधन को दे रखी है जिस पर 3 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रबंधन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है ना ही आईसीसी द्वारा कोई जांच शुरू की गई है।
इस मामले को लेकर डाइकिन यूनियन और अन्य यूनियन ने श्रम विभाग में ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।