नीमराना : निसिन ब्रेक मज़दूरों का एसडीएम ऑफिस पर सामूहिक भूख हड़ताल

कम्पनी गेट पर धरनारत मज़दूरों को पुलिस ने हटाया, मज़दूर एसडीएम ऑफिस पहुँचे
नीमराना (राजस्थान)। अवैध छंटनी के ख़िलाफ़ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से संघर्षरत निसिन ब्रेक के मज़दूर आज कंपनी गेट पर धरने पर बैठ गए थे। लेकिन पुसिल ने उन्हें जबरिया हटा दिया, जिससे आक्रोशित मज़दूर एसडीएम, नीमराना के कार्यालय पर सामूहिक अनशन पर बैठ गए हैं।
अवैध छंटनी के शिकार नीमराना जापानी जोन स्थित होंडा की वेंडर कम्पनी निसिन ब्रेक इंडिया प्रा लि के ट्रेनी एसोसिएट आज कंपनी गेट पर सुबह 8 बजे से 10 बजे के लिए धरने पर बैठे थे। नौ बजे के आसपास पुलिस वालों ने आकर धरने की परमिशन कैंसल होने की बात कह कर श्रमिकों को वहाँ से खदेड़ दिया।

पुलिस वाले श्रमिकों को जापानी जोन से खदेड़ते हुए हाईवे तक ले आए। जिसके बाद श्रमिक कड़ी धूप के बावजूद एसडीएम नीमराना कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं। श्रमिकों की मांग है कि उन्हें नौकरी पर वापस लिया जाए।
एसडीम नीमराना के मार्फत राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में श्रमिकों ने कहा है कि अगर सरकार और प्रबंधन श्रमिकों को रोजगार नहीं दे सकते तो उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।
निकाले गए सभी श्रमिक ट्रेनी एसोसिएट है जिन्हे 2 साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद परमानेंट होना था। कई श्रमिकों ने प्लांट के अंदर 2 साल से ज्यादा समय तक भी काम किया है। ट्रेनी श्रमिकों का निकालने के बाद कंपनी में खुलेआम ठेका मजदूरों की भर्ती जारी है। निसिन प्रबन्धन श्रमिकों से बात करने को तैयार नहीं है। अप्रैल और मई में लॉक डाउन के दौरान श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने घर से बुलाकर अपना अपना रिजाइन लेटर लिखने को कहा।

निसिन ब्रेक होंडा की मुख्य वेंडर है जो डिस्क ब्रेक और ब्रेक पैड बनाती है।श्रमिकों का कहना है कि हम स्किल्ड वर्कर है 2 साल तक हमने ट्रेनिंग ली है सरकार एक तरफ तो आत्म निर्भर होने, स्किल इंडिया और स्किल मैपिंग की बात करती है और दूसरी तरफ़ स्किल्ड वर्कर को काम से निकाल दिया गया है।