अलवर( राजस्थान): कल सुबह करीब 10.25 बजे नीमराना औद्योगिक क्षेत्र स्थित टाइमिंग चैन, चैन सेट बनाने वाली मारुति, होंडा, यामाहा की वेंडर कंपनी डायडो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में अनजान व्यक्तियों के द्वारा प्लांट में घुसकर श्रमिकों को तंग करने और उनकी फोटो खींचने से मना करने पर डायडो प्रबंधन के इशारे पर नीमराना पुलिस द्वारा अवैध तरीके से श्रमिकों की बात सुने बिना यूनियन के महासचिव अमित कुमार एवं कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार को काम के दौरान प्लांट से उठाकर अनजान जगह पर ले जाया गया और नीमराना पुलिस ने उनके बारे में अन्य श्रमिकों को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। घटना की ख़बर मिलने पर डायडो यूनियन, डाइकिन यूनियन, रूचिस बेवरेज यूनियन के श्रमिक नीमराना एसडीएम और एडिशनल एसपी कार्यालय के सामने इक्कट्ठे हो गए। नीमराना एसएचओ ने श्रमिकों से बात करने से इंकार कर दिया और थाने के सामने से अपनी जीप में बैठ कर चले गए। देर शाम तक विभिन्न यूनियन के श्रमिक नीमराणा थाने के सामने डटे रहे। फ़िर एडिशनल एसपी से मुलाकात के बाद थाने से यूनियन पदाधिकारियों को छोड़ा गया।
संस्थान के अंदर औद्योगिक शांति भंग करने की नियत से और यूनियन पदाधिकारियों को फसाने की नियत से प्रबंधन द्वारा बाउंसरों को तैनात कर दिया गया है जो विभिन्न विभाग में जाकर श्रमिकों की तस्वीर खींचते हैं और लाइन पर काम करते वक्त उनसे जबरदस्ती लड़ाई करने का प्रयास करते हैं। संस्थान में सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं इसके बावजूद बाउंसरों द्वारा श्रमिकों और महिला श्रमिकों की तस्वीर उतारी जा रही है। इस संबंध में श्रमिकों और यूनियन द्वारा पहले भी नीमराना थाना प्रभारी और एसडीएम महोदय और एडिशनल एसपी कार्यालय को लगातार पत्र लिखकर सूचित किया गया मगर श्रमिकों के आवेदन पर प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। नीमराना थाना द्वारा उल्टे श्रमिकों को ही प्रबंधन के इशारे पर झूठे आरोपों में संस्थान के अंदर से उठाकर थाने में बंद कर दिया जाता है और शांति भंग का झूठा आरोप लगा दिया जाता है। पूरे घटनाक्रम से यही प्रतीत होता है कि प्रबंधन और नीमराना पुलिस श्रमिकों के खिलाफ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
विगत 25 जनवरी को भी नीमराना पुलिस द्वारा एक श्रमिक को प्लांट से उठाकर थाने में बंद कर दिया गया था और झूठी अफवाह फैलाकर करीब 26 सदस्यों को एसडीएम नीमराना द्वारा शांति कायम करने के लिए द्वारा पाबंद कर दिया गया था। कल की घटना में प्रबंधन द्वारा सुनियोजित तरीके से प्लांट के अंदर बाउंसरों की तैनाती कर दी गई थी। बाउंसर लाइन पर आकर श्रमिकों से बदतमीजी कर रहे थे और अपने आपको मैनेजर बता रहे थे, जिसकी सूचना श्रमिकों ने प्रबंधन को दी। प्रबंधन से वार्ता भी हुई जिसमें उन्होंने श्रमिकों का आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा मगर वार्ता के बाद प्रबंधन ने थाने में आकर यूनियन के महासचिव अमित कुमार और कोषाध्यक्ष प्रवीण के खिलाफ ही झूठा बयान दर्ज करा दिया जिसके बाद पुलिस प्लांट में आई तथा अमित और प्रवीण को गिरफ्तार कर ले गई। नीमराना पुलिस ने किसी भी श्रमिक का कोई बयान नहीं लिया ना ही उनका कोई पक्ष जानने की कोशिश की। इस प्रकार एक तरफा कार्रवाई कर नीमराना पुलिस द्वारा श्रमिकों के अंदर दहशत का माहौल व्याप्त करने की कोशिश की जा रही है जो कि सरासर अनुचित है। प्रबंधन और नीमराना पुलिस द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही से श्रमिकों के अंदर भय और रोष व्याप्त है।