इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के खिलाफ 10 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल

देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी करेंगे कार्यबहिष्कार
केंद्र सरकार की ओर से संसद के मानसून सत्र में पेश होने जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 को लेकर बिजली कर्मचारी मुखर हैं। देहरादून पहुंचे ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, जिस दिन केंद्र सरकार कैबिनेट में इस बिल को लाएगी, उसी दिन हड़ताल होगी। अन्यस्था दस अगस्त को देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर रहेंगे।
शैलेंद्र दुबे ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को भारी नुकसान का बिल करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिमकार्ड बदलने की आजादी है, वैसे ही बिजली कनेक्शन बदलने का विकल्प उपभोक्ताओं को दिया जाएगा, लेकिन यह बिल उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा है जबकि कारपोरेट घरानों के लिए फायदेमंद होगा।
उन्होंने इस बिल को उपभोक्ता और ऊर्जा क्षेत्र के लिए धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि बिल के हिसाब से एक से अधिक कंपनियां बिना लाइसेंस काम करेंगी। उनका कोई अपना नेटवर्क नहीं होगा, लेकिन सरकार के पहले से स्थापित नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगी। सरकारी कंपनियों पर नेटवर्क उच्चीकृत, परिचालन का भार बढ़ जाएगा।
बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि केवल सरकारी कंपनियां ही उपभोक्ता को हर हाल में बिजली कनेक्शन देने के लिए बाध्य होंगी। निजी कंपनियां, जिसे चाहेंगी, उसे कनेक्शन देंगी। किसान, बीपीएल उपभोक्ता या 300 से 400 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं से यह निजी कंपनियां किनारा कर लेंगी।
वह केवल वहीं कनेक्शन देंगी, जहां लागत से कम मूल्य पर बिजली दे सकेंगी। बिल में सब्सिडी खत्म हो जाएगी। कहा कि मान लो कि अगर उत्तराखंड में बिजली की लागत सात रुपये प्रति यूनिट है तो उपभोक्ताओं को इसी दर पर बिजली मिलेगी, जिसके लिए सरकार ने गैस की तर्ज पर बाद में खाते में पैसा भेजने की बात कही है। इससे उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिलेगी।
शैलेंद्र दुबे ने कहा कि देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल करेंगे, लेकिन अगर इससे पूर्व ही केंद्र सरकार केंद्रीय कैबिनेट में इस बिल को लेकर आती है तो उसी दिन हड़ताल कर दी जाएगी। ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमर उजाला से साभार