मुंबई : बहुमंज़िला इमारत में भीषण आग, 28 झुलसे, 7 की मौत; अस्पतालों ने की अमानवीयता

mumbai fire

20 मंज़िला इमारत में सुबह आग लगी। इमारत में फायर सिस्टम भी खराब था। जबकि तीन अस्पतालों रिलायंस, वोकार्ट और मासीना ने घायलों को भर्ती करने से इनकार कर दिया। 

मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। मध्य मुंबई के ताड़देव इलाके में भाटिया अस्पताल के पास कमला बिल्डिंग की 20 मंजिला इमारत में आग लग गई। आग 18वें मंजिल पर लगी थी। हादसे में 28 लोग जख्मी हुए हैं। इमारत में फायर सिस्टम था, लेकिन वह काम नहीं कर रहा था।

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि गोवालिया टैंक में गांधी अस्पताल के सामने स्थित इमारत ‘कमला’ में सुबह करीब सात बजे आग लगी, उस समय इसमें रहने वाले कई लोग सो रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यह 20 मंजिला इमारत है। आग इसकी 18वीं मंजिल पर लगी। इस घटना में कई लोग घायल हो गए, उन्हें पास के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया।‘

तीन अस्पतालों का अमानवीय चेहरा उजागर

इस बीच अमानवीयता की एक बड़ी खबर भी सामने आई है। जिस वक्त पीड़ितों को इलाज चाहिए था, तब तीन अस्पतालों ने घायलों को भर्ती कराने से इनकार कर दिया। घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया। लेकिन, रिलायंस, वोकार्ट और मासीना ने घायलों को भर्ती करने से इनकार कर दिया।

एकबार फिर मुनाफे का धंधा बना चुके कॉरपोरेट अस्पतालों का चहरा सामने आया है। इस अमानवीय घटना से लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। फिलहाल चौतरफा निंदा और विरोध के बाद इलाज करने से इनकार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना है।

आग भीषण, आंतरिक अग्निशमन प्रणाली फेल

कुछ निवासियों के अनुसार, आग लगने के बाद इमारत में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई। आग लगने के समय इमारत के कई निवासी सो रहे थे। आग लगने के तुरंत बाद निवासी अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाहर की ओर भागने लगे। प्रत्येक मंजिल पर कम से कम छह फ्लैट हैं। आग ने 18वीं और 19वीं मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया और कुछ निवासी वहां फंस गए।

खबर के मुताबिक नायर अस्पताल ले जाए गए सात में से पांच घायलों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोगों की मौत दो अलग-अलग अस्पतालों- भाटिया अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल में हुई। फिलहाल भाटिया अस्पताल में 13, नायर अस्पताल में दो और कस्तूरबा अस्पताल में एक व्यक्ति का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती कुछ लोगों को दम घुटने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

सूचना मिलने पर आग बुझाने के लिए दमकल की 13 गाड़ियां और पानी के सात टैंकर घटनास्थल पर पहुंचे। इस आग को तीसरे स्तर की (भीषण) आग बताया गया है। बताया कि फिलहाल दमकलकर्मियों ने आग पर चारों तरफ से काबू पा लिया है।

मुंबई फायर ब्रिगेड के मुख्य अग्निशमन अधिकारी हेमंत परब ने कहा कि आंतरिक अग्निशमन प्रणाली काम नहीं कर रही थी, इसलिए उनके लोगों को ऊपर जाने और लोगों को बचाने के लिए सांस लेने संबंधित उपकरण पहनने पड़े। उन्होंने कहा कि आग 19वीं मंजिल पर शुरू हुई और डक्ट के माध्यम से दूसरी मंजिलों में फैल गई. हमने 26 लोगों को बचाया है।

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