एमपी : सर्वदलीय आदिवासी समाज ने देवगढ़ किले के निजीकरण का किया विरोध

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मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस ऐतिहासिक धरोहर को निजी हाथों में सौंपे जाने की गोंडवाना आदिवासी समाज ने निंदा करते हुए मुख्यमंत्री के नाम इसे रोकने समेत विभिन्न समस्याओं का ज्ञापन भेजा है।

छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)। मोहखेड़ विकासखंड के ऐतिहासिक प्राचीन देवगढ़ किले को पुरातत्व विभाग और प्रदेश सरकार द्वारा निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर मोहखेड़ तहसील के सर्वदलीय आदिवासी समाज ने इसकी घोर निंदा करते हुए देवगढ़ से मोटरसाइकिल रैली निकालकर मोहखेड़ तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार साधना सिंह को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन द्वारा ऐतिहासिक प्राचीन देवगढ़ किले को निजी हाथों में देने से रोकने के अलावा क्लास 3 और 4 के पदों पर 10वीं और 12वीं की मैरिट के आधार पर की जा रही भर्ती का विरोध, भोपाल में सैकड़ों युवकों पर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई लाठीचार्ज पर दोषियों को सजा दिए जाने और दोबारा इस गलती को न करने की मांग की गई।

इसके साथ ही आदिवासी धरोहर के झंडे के लिए चबूतरा निर्माण, देवगढ़ किले जाने के लिए संकेतक सूचना फलक लगाने, देवगढ़ किले में असमाजिक तत्वों पर रोक लगाने को लेकर सुरक्षा चौकी खोलने, बस्ती से किले तक जगह-जगह डस्टबिन बनाने और पानी की उचित व्यवस्था करने, सूरजकुंड व मजार के पास नदी पर पुल निर्माण, गांवों में बिक रही अवैध शराब पर रोक लगाने आदि की मांग की गई।

ज्ञापन सौंपने में गोंडवाना महासभा छात्र संगठन छिंदवाड़ा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश धुर्वे, जिलाध्यक्ष अजय धुर्वे, ब्लाक अध्यक्ष रूपेश उइके, संयोजक संदीप बरकड़े, गणेशलाल परतेती, राजेश परतेती, अतरलाल धुर्वे, राजीव उइके, अजय उइके, राकेश इवनाती, अमुनसिंह भलावी, मदन परतेती, अजय सरेयाम, दुर्गेश कुडापे, सूर्यकांत परतेती, सुनील धुर्वे सहित समस्त बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लौग मौजूद थे।

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