मोदी सरकार 8 साल पुराने वाहनों से वसूलेगी ग्रीन टैक्स

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सरकार जनता पर लगातार थोप रही है टैक्स का बोझ

पुरानी गाड़ियों पर ‘ग्रीन टैक्स’ वसूलने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को मंजूरी दे दी है। अब 8 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान यह टैक्स वसूला जाएगा। औपचारिक नोटिस जारी होने से पहले इस प्रस्ताव को राज्यों को भेजा जाएगा और उनकी प्रतिक्रिया मांगी जाएगी। जानकारी के मुताबिक इस टैक्स से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में किया जाएगा।

गडकरी ने सरकारी विभागों में इस्तेमाल हो रहे 15 साल से पुराने वाहनों को हटाने और डिरजिस्ट्रेशन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। यह 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा। फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के दौरान पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10 से 25 प्रतिशत तक वसूल किया जाएगा। व्यक्तिगत वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिनीवल के दौरान ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। वहीं सरकारी वाहनों जैसे कि सिटी बसों पर यह चार्ज कम होगा।

मंत्रालय की तरफ से कहा गया, ‘अनुमान के मुताबिक कमर्शन वाहनों से करीब ’65 फीसदी प्रदूषण होता है। साल 2000 से पहले निर्मित वाहन कुल बेड़े का 1 प्रतिशत है, लेकिन प्रदूषण में इनका योगदान 15 फीसदी है।’ सरकार ने अत्यधिक प्रदूषित शहरो में वाहनों के लिए ज्यादा रोड टैक्स प्रस्तावित किया है। यह 50 फीसदी के आसपास भी हो सकता है।

मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि डीजल और पेट्रोल वाहनों पर टैक्स अलग-अलग तरह के होंगे। सीएनजी, एलपीजी वाहनों को टैक्स में छूट भी दी जाएगी। यह ग्रीन टैक्स खेती में इस्तेमाल होनें वाली मशीनों पर नहीं लागू होगा। यानी ट्रैक्टर, हार्वेस्टर पर ग्रीन टैक्स लागू नहीं होगा। मंत्रालय ने कहा कि प्रदूषण पर निगरानी रखने का अलग सिस्टम तैयार किया जा रहा है औऱ टैक्स से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल प्रदूषण की समस्या से निपटने में किया जाएगा।

ग्रीन टैक्स लगाने का उद्देश्य यह भी है कि लोग पुराने वाहनों का इस्तेमाल कम करें और नए वाहन अपनाएँ जिससे कि प्रदूषण में कमी लाई जा सके। ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन से चलने वाले वाहनों पर टैक्स भी ज्यादा होगा और कम प्रदूषण वाले पर कम टैक्स लगाया जाएगा।

जनसत्ता से साभार

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