मनरेगा कर्मियों के समर्थन में आए मंत्रालयिक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन; आंदोलन की चेतावनी

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पंचायतीराज के मंत्रालयिक कर्मचारी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में जुटे हैं, लेकिन अन्य कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही है।

जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थागत मंत्रालयिक कर्मचारी संघ भी महात्मा गांधी नरेगा कार्मिक संघ के आंदोलन का समर्थन में आ गया है। कार्मिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को नारेबाजी की। मांगें पूरी नहीं होने पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने 9 मई से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

संघ के पदाधिकारी अनिल पंड्या ने बताया कि पंचायतीराज संस्थाओं में मंत्रालयिक कर्मचारी हमेशा सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अन्य कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मंत्रालय कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो 9 मई से पंचायती राज मंत्रालयिक कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हुए आंदोलन पर उतर जाएंगे।

पंचायतीराज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने अन्य राज्यों के समान लिपिक और ग्राम विकास अधिकारी का स्वतंत्र कार्य विभाजन करने, कनिष्ठ लिपिक का पदनाम परिवर्तन करने, विभाग में खाली चल रहे 10 हजार से ज्यादा पदों को भरने, लंबे समय से संविदा पर काम कर रहे कार्मिकों का नियमित करने, मानदेय बढ़ाने और विभिन्न प्रकार के भत्तों का भुगतान करने समेत अन्य मांग रखी हैं।

दैनिक भास्कर से साभार