प्रवासी मजदूर : ट्रेनें ही नहीं बसें भी भटक रहीं हैं

लखनऊ से जाना था छत्तीसगढ़, भेज दिया इलाहबाद
प्रवासी मज़दूरों को ले जाने वाली 71 ट्रेनों के भटकाने का मामला अभी सामने आया था कि बस भी भटकाने लगी हैं। योगी राज में यूपी की राजधानी लखनऊ से प्रवासी मजदूरों को छत्तीसगढ़ जाना था लेकिन सभी को इलाहबाद की बस में बैठाकर वहां भेज दिया गया। यह घटना छत्तीसगढ़ जाने के लिए डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्विविद्यालय में बने आश्रय केन्द्र पर हुई।
इस केंद्र में मौजूद श्रमिकों में कई ऐसे भी थे जिन्होंने ट्रेन के लिए आवेदन किया था। इनका कहना है कि इन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। जब ज्यादा दिन बीत गए तो ये सब शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय आश्रय केन्द्र तक आ गए। एक दिन पहले कुछ जागरूक नागरिकों ने नि:शुल्क बस मुहैया करा रहे स्वयं सेवकों से इनके लिए बात की। तय हुआ कि शनिवार दोपहर तक बस आएगी।
इन श्रमिकों में कुछ रायबरेली रोड के आसपास की निर्माण इकाइयों से आए थे और कुछ फैजुल्लागंज से। सभी छत्तीसगढ़ जाने के लिए यहां इकट्ठे हुए थे लेकिन इन्हें अलग-अलग बसों में बैठाकर इलाहबाद भेज दिया गया।
बसें बनीं श्रमिकों का सहारा
लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में फंसे लोगों के लिए श्रमिक स्पेशल बसें चलानी शुरू हुई हैं। लखनऊ में रह रहे श्रमिक शकुंतला मिश्रा विवि पहुंचकर बस पकड़ रहे हैं। शनिवार को 30 बसों से लगभग एक हजार स्थानीय श्रमिकों को उनके घर भेजा गया। लापरवाही की यह घटना यहीं घटी है।
शारीरिक दूरी के नियम की भी अवहेलना
बीते 24 घंटों में 9 श्रमिक स्पेशल ट्रेन लखनऊ पहुंचीं। ट्रेनों से मुम्बई, पनवेल, रत्नागिरी और बोरीवली से 13 हजार 192 श्रमिक लखनऊ पहुंचे। यहां से 259 बसों द्वारा इन्हें घरों को रवाना किया गया।
महत्वपूर्ण यह है कि इस दौरान बसों में शारीरिक दूरी (फिसिकल डिस्टेंसिंग) का पालन नहीं किया गया और एक बस में 35 से 40 श्रमिकों को बैठाकर रवाना कर दिया गया। जबकि 52 सीटर बस में 26 श्रमिकों को बैठाने के ही निर्देश हैं।
प्रवासी मज़दूरों की दुर्दशा एक नंगी सच्चाई
कोरोना/लॉकडाउन के दौरान सबसे भयावह स्थिति प्रवासी मज़दूरों की रही है। भूखे-प्यासे, सामानों और बच्चों को लादे, दमन झेलते, कटते-मरते भयावह विपदा के बीच हजारों मील पैदल घर की ओर चलते रहे। फिर ट्रेनें चलीं तो दुर्दशा की नयी कहानियों के साथ ट्रेनें कहीं से कहीं पहुँचने लगीं। खुद रेल मंत्रालय 71 ट्रेनों के भटकाने को स्वीकार कर चुका है। और अब बसों के ये हालत हैं।