कार्यबहाली हेतु भगवती-माइक्रोमैक्स श्रमिकों द्वारा ALC का घेराव, प्रबंधन को नोटिस हुआ जारी

Micro_Alc_gherao-1

श्रमिकों ने श्रम अधिकारियों द्वारा मामला लटकाने पर आक्रोश जताते हुए उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन की माँग को लेकर ज्ञापन दिया। तब एएलसी ने प्रबंधन को नोटिस भेजा।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। 42 माह से गैरकानूनी छँटनी व ले-ऑफ का दंश झेल रहे भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड (माइक्रोमैक्स) के मज़दूरों ने आज 2 जून को सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर का घेराव किया और श्रम अधिकारियों द्वारा कार्यबहाली कराने की जगह लगातार मामले को उलझाने पर आक्रोश जताया।

भगवती श्रमिक संगठन द्वारा ज्ञापन देकर माननीय उच्च न्यायालय और औद्योगिक न्यायाधिकरण के आदेशों के परिपालन में समस्त देयकों सहित सभी श्रमिकों की कार्यबहाली की मांग बुलंद हुई। ऐसा ना करने पर आंदोलन तेज करने व श्रमभवन, रुद्रपुर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की चेतावनी दी।

इसके तत्काल बाद सहायक श्रम आयुक्त में कारखाना प्रबंधक को नोटिस जारी किया और इस प्रकरण में एक सप्ताह में कार्यवाही कर सूचित करने का निर्देश दिया।

ट्रिब्यूनल के बाद उच्च न्यायालय से भी मिली जीत

श्रमिक प्रतिनिधि दीपक सनवाल ने कहा कि भगवती प्रबंधन ने 303 श्रमिकों की दिनांक 27/12/2018 से गैरकानूनी छँटनी कर दी थी, साथ ही यूनियन अध्यक्ष की बर्खास्तगी और 47 श्रमिकों का गैरकानूनी लेआफ विगत 42 माह से जारी है। माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी के आदेश दिनांक 02/03/2020 द्वारा उपरोक्त छँटनी अवैध हो चुकी है और दिनांक 27/12/2018 से समस्त 303 श्रमिक सारे हितलाभ के अधिकारी हैं।

बन्दना बिष्ट ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने पक्षों की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिनांक 05/04/2022 को आदेश पारित कर उन्हें निरस्त कर दिया जिसमें धारा 11बी प्रकरण भी शामिल है और माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण के आदेश को वैध ठहराया।

उपरोक्त आदेशों से स्पष्ट है कि समस्त 303 श्रमिक बकाया वेतन भुगतान सहित दिनांक 27/12/2018 से सवेतन कार्यबहाली के कानूनन अधिकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

https://mehnatkash.in/2022/05/27/micromaxs-retrenched-workers-won-from-high-court-will-the-administration-resume-work-now/

श्रम अधिकारी मामले को लटकाते रहे

ठाकुर सिंह ने कहा कि श्रम न्यायालय से प्राप्त आदेशों के उपरांत भी श्रम विभाग उक्त मामले को बेवजह उलझाता रहा है। उसने छँटनी के समय एक भी वार्ता कराये बगैर मामले को लटकाने के लिए विवाद औद्योगिक न्यायाधिकरण संदर्भित कर दिया। स्पष्ट आदेश आने के बाद 151 श्रमिकों द्वारा हिसाब ले लेने के बहाने 152 श्रमिकों को ही लाभार्थी बनाने पर जोर दिया।

कथित स्पष्टीकरण के बहाने प्रकरण को उ. प्र. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 11बी के तहत माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण को संदर्भित कर दिया। पुराने देयकों की अबतक आरसी नहीं काटी। उच्च न्यायालय के आदेश की पंजीकृतर प्रति के बहाने लटकाया। 47 श्रमिकों के गैरक़ानूनी ले-ऑफ प्रकरण को लंबित रखा है। आज भी 351 मज़दूर सड़क पर हैं।

https://mehnatkash.in/2020/03/16/sorting-of-bhagwati-micromax-declared-illegal/

श्रम भवन पर न्याय मिलने तक धरना देने की चेतावनी

लोकेश पाठक ने कहा कि हमारी माँग है कि उपरोक्त सम्मानीय आदेशों के अनुपालन में समस्त श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली कराने और अब तक के बकाया समस्त वेतनों और अन्य देयकों के भुगतान का आदेश पारित हो।

कहा कि श्रमिकों को न्याय न मिलने की स्थिति में समस्त पीड़ित श्रमिक उक्त आदेशों के अनुपालन में सवेतन कार्यबहाली होने तक श्रम भवन, रुद्रपुर में धरना देने को बाध्य होंगे, जिसके जिम्मेदार श्रम अधिकारी होंगे।

एएलसी द्वारा प्रबंधन को जारी हुआ नोटिस

प्रदर्शन के बाद एएलसी द्वारा तत्काल कारखाना प्रबंधक के नाम नोटिस जारी किया गया।

नोटिस में श्रम आयुक्त उत्तराखंड के पत्र के अनुपालन एवं श्रमिक प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए पत्र का हवाला देते हुए माननीय उच्च न्यायालय और माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण के आदेशों के अनुपालन में समस्त 303 श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली कराने और अब तक के बकाया समस्त वेतन व अन्य बकाया राशि का भुगतान कर आदेशों का परिपालन करने का संदर्भ दिया गया है।

नोटिस में लिखा है कि उपरोक्त प्रकरण पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर कृत कार्रवाई से इस कार्यालय को एक सप्ताह के अंदर अवगत कराना सुनिश्चित करें। कार्यवाही न करने की दशा में आपके विरुद्ध नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी, जिसका दायित्व आपका स्वयं का होगा।

आज के प्रदर्शन व ज्ञापन देने में कारोलिया लाइटिंग इम्पालाइज यूनियन के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह, भगवती इंम्प्लाइज यूनियन के उपाध्यक्ष मुकेश जोशी, कोषाध्यक्ष हेम जोशी, नीरज शर्मा, पूजा चंद, रश्मि, सूरज बोरा, रिहाना, दीपक पंत, गणेश मेहरा, मुकेश पंत, गिरिश पंत, संत कुमार, राजकुमार, पूरन बिष्ट, धीरज कुमार, दीपक पांडे, कौशल कुमार, मनोज पांडे, शिवम गुप्ता, संतोष गुप्ता, गोपाल भट्ट, जीवन चंद उप्रेती, शिव कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, नैनी गोपाल, भागीरथ, सुदेश सक्सेना, अर्जुन सिंह, दिगम्बर सिंह बोरा, जोरावर सिंह, प्रमोद कुमार, राजेन्द्र सिंह, रवि फुलारा, ओम फुलारा, सुनील कुमार, यसपाल, चेतन सिंह, विजय सिंह सहित भारी संख्या में पुरुष व महिला मज़दूर शामिल रहे।