भगवती-माइक्रोमैक्स मज़दूरों के वेतन भुगतान के लिए प्रबंधन को 15 करोड़ का नोटिस जारी

303 श्रमिकों की छँटनी अवैध घोषित होने के बाद कार्यबहाली व बकाया वेतन के संघर्ष के बीच 41 माह के बकाया वेतन भुगतान हेतु रुपए 15,49,59,910 की वसूली का नोटिस जारी हुआ है।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। माइक्रोमैक्स फोन निर्माता भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड सिडकुल पंतनगर गैरकानूनी छंटनी के शिकार मज़दूरों के बकाया वेतन भुगतान के लिए सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर की ओर से प्रबंधन को नोटिस जारी हुआ है।
इसके तहत 303 मज़दूरों के दिनांक 27/12/2018 से मई 2022 तक बकाया कुल रुपए 15,49,59,910 की वसूली की नोटिस जारी हुई है।
श्रमिक पक्ष ने उत्तर प्रदेश समय अंतर्गत वेतन भुगतान अधिनियम 1978 के तहत बकाया वेतन के संबंध में परिपत्र लगाया था। इस अधिनियम के तहत श्रम अधिकारियों को यह अधिकार प्राप्त है कि बगैर कोई नोटिस जारी किए भी आरसी काट सकते हैं। इसके बावजूद मामले को विलंबित करने के लिए यह नोटिस जारी की गई है।
दरअसल 27 दिसंबर 2012 को भगवती माइक्रोमैक्स प्रबंधन ने 303 श्रमिकों की छँटनी कर दी थी, तबसे मजदूरों का जमीनी और कानूनी संघर्ष लगातार जारी है।
3 मार्च 2020 को औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी ने मज़दूरों के हक में फैसला सुनाया था और 303 श्रमिकों की छँटनी को अवैध घोषित कर दिया था। साथ ही समस्त श्रमिकों को समस्त हित लाभ देने का अधिकारी भी बताया था।
लेकिन कोविड के बीच श्रम विभाग और प्रबंधन की मिलीभगत से यह मामला लटका रहा। प्रबंधन के कहने पर श्रम अधिकारियों ने 151 श्रमिकों को हिसाब लेना बताकर 152 श्रमिकों का विवाद बनाने की कोशिश की और अवार्ड की व्याख्या के बहाने मामल न्यायाधिकरण में पुनः संदर्भित कर दिया था।
मामला उच्च न्यायालय में गया। 5 अप्रैल 2022 को उच्च न्यायालय नैनीताल ने तीन विभिन्न याचिकाओं पर फैसला दिया और औद्योगिक न्यायाधिकरण के आदेश को सही ठहराते हुए मज़दूरों की जीत मुकम्मल कर दी थी।
इसके बावजूद अब तक न तो श्रमिकों की कार्यबहाली हुई है न ही बकाया वेतन का भुगतान हुआ है।
श्रमिकों ने लगातार श्रम अधिकारियों का घेराव किया। अवार्ड/आदेशों के परिपालन कराने और समस्त मज़दूरों की सवेतन कार्यबहाली व बकाया वेतन का भुगतान कराने की मांग जोरदार तरीके से उठाई।
इसी क्रम में 2 जून को एएलसी महोदय द्वारा न्यायालयों के आदेशों के परिपालन में समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली करने संबंधी नोटिस प्रबंधन को भेजा गया था और 7 दिनों में जवाब मांगा गया।
हालांकि प्रबंधन की उपलब्धता न होने आदि का बहाना भी श्रम अधिकारी करते रहे। अंत मे श्रम विभाग की ओर से कंपनी गेट पर उक्त नोटिस चस्पा कर दिया गया।
इस बीच श्रमिकों के संघर्ष के दम पर मई 2022 तक के वेतन के भुगतान के संबंध में एएलसी महोदय ने यह नोटिस जारी की है और प्रबंधन से जवाब तलब किया है कि क्यों ना श्रमिकों के वेतन अदायगी के लिए उक्त राशि की आरसी काटी जाए।
औद्योगिक न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालय से जीत के बावजूद आदेशों का परिपालन ना होने से श्रमिकों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। जबकि श्रम अधिकारी पूरे मामले को उलझाने में ही व्यस्त हैं।
श्रमिक प्रतिनिधियों का कहना है कि 43 महीने से हमारा संघर्ष जारी है और हम समस्त देयकों के भुगतान के साथ समस्त श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली कराने तक संघर्ष जारी रखेंगे।