नेस्ले पंतनगर प्रबंधन की हठधर्मिता से भारत स्थित नेस्ले के सभी प्लांटों में सामूहिक विरोध शुरू

Nestle_joint_protest_F

पंतनगर में एक साल से जारी विवाद। ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर बिचोलियम, टाहलीवाल, समालखा, पोंडा, चोलाडी, नंजनगुड व पंतनगर में एकजुट विरोध जारी है।

पंतनगर (उत्तराखंड)। नेस्ले इंडिया पंतनगर में एक साल से लंबित माँगपत्र पर प्रबंधन की लगातार जारी हठधर्मिता से नाराज ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन (AINWF) के आह्वान पर नेस्ले के भारत में स्थित सभी प्लांटों में एक साथ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

ज्ञात हो कि नेस्ले पंतनगर में लंबित मांग पत्र के संबंध में ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन ने 14/09/2023 को नेस्ले के हेड ऑफिस व नेस्ले की यूनिट स्तर पर चल रहे लंबित प्रकरण के निस्तारण हेतु पत्र दिया था।

लेकिन इसका निस्तारण नहीं होने पर फेडरेशन ने पूर्व सूचना के अनुसार प्रथम चरण में 3 अक्टूबर से नेस्ले की भारत स्थित पंतनगर, विचोलियम, पौंडा, नंजंगुड, समालखा, टाहलीवाल, चोलाडि इकाई/प्लांट में यूनियन कार्यकारणी के पदाधिकारी ने काले बैच बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभी प्लांट में एक सूत्र में बंधकर मजदूर भाईचारा का परिचय दे रहे हैं।

प्रबंधन की हठधर्मिता से सामूहिक विरोध प्रदर्शन

फेडरेशन ने बताया कि विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण प्रबंधन द्वारा नेस्ले पंतनगर में लॉंग टर्म सेटलमेंट का विवाद बनाए रखने, श्रमिक अधिकारों का हनन करने और यूनियनो और महासंघ के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की वजह से सभी प्लांटों के यूनियन प्रतिनिधियों ने ब्लैक बैच लगा के अपनी नाराजगी जाहिर करने का निर्णय लिया है जो फेडरेशन के आगामी आदेश तक जारी रहेगा।

श्रमिक नेताओं ने कहा कि फेडरेशन से नेस्ले इंडिया की समस्त यूनियनें सम्बद्ध हैं। विवाद के समाधान के लिए लगातार प्रयास किया गया, शीर्ष प्रबंधन को तीन पत्र भेजे गए, लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता कायम रही। अंततः नेस्ले इंडिया के सभी सात प्लांटों की समस्त यूनियन नेताओं की ऑनलाइन बैठक में विरोध पत्र देकर दो चरणों में आंदोलन/विरोध कार्यक्रम की सूचना दी गई थी।

इसके बावजूद प्रबंधन का अड़ियलपन बने रहने से पहले चरण का विरोध कार्यक्रम शुरू हुआ है। जिसके तहत 3 से 12 अक्टूबर तक सभी यूनियनों की पूरी कार्यकारिणी द्वारा प्रतिरोध कार्यक्रम चलेगा। यदि फिर भी प्रबंधन का अड़ियल रुख बना रहा तो 16 से 31 अक्टूबर तक भारत स्थित सभी प्लांटों के समस्त मज़दूर प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रबंधन फिर भी नहीं चेता और अन्य इकाइयों के समान पंतनगर में 1 जनवरी से समझौता लागू करने सहित माँगपत्र का सर्वमान्य समाधान न निकलने पर फेडरेशन कोई कठोर फैसला ले सकता है।

एक साल से माँगपत्र लंबित

उल्लेखनीय है कि नेस्ले पंतनगर इकाई की दोनों यूनियनों- नेस्ले मज़दूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने प्रबंधन को नए समझौते के लिए 5 सितंबर 2022 को मांग पत्र दिया था। लेकिन पंतनगर प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण एक साल से विवाद और गतिरोध लगातार जारी है।

यूनियन प्रतिनिधियों के अनुसार प्रबंधन ने 2020 के समझौते के कुछ बिंदुओं का भी उल्लंघन किया है, जिसका विवाद भी लंबित है। उधर प्रबंधन द्वारा मज़दूरों पर दबाव बनने के लिए कई श्रमिकों को फर्जी आरोप पत्र देने, घरेलू जांच के बहाने परेशान करने का क्रम जारी है।

https://mehnatkash.in/2023/09/15/nestle-pantnagar-workers-federation-with-ainwf-notice-of-agitation-given-in-all-plants/

यही नहीं, शांतिपूर्ण वैधानिक प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रबंधन की सह पर जिला प्रशासन व पुलिस ने जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी, धरना रोकने का प्रयास किया और दोनों यूनियन के 10 प्रतिनिधियों पर कथित शांतिभंग के तहत धारा 107-116 के तहत पाबंद कर दिया था।

इन स्थितियों में भी श्रमिक संघर्ष लगातार जारी है। प्रबंधन की जारी हठधर्मिता से विरोध में दोनों यूनियनों की वार्ताकार टीम 2 फरवरी से भूखे रहकर कार्य करती रही। कोई समाधान न निकालने से प्लांट के समस्त श्रमिको ने भी भूखे पेट अपनी शिफ्ट में काम शुरू किया। लेकिन प्रबंधन बेरहमी से इसकी अनदेखी करता रहा। अब आंदोलन की कमान ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन ने संभाली है।

भूली-बिसरी ख़बरे