शहीद यादगार किसान-मज़दूर पदयात्रा जारी, 26 मार्च को होगा भारत बंद

पदयात्राएं : खटकर कलां (पंजाब), हांसी (हरियाणा) व मथुरा (यूपी) से
मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के अगले पड़ाव की शुरूआत गुरुवार को हुई। शाहीदे आज़म शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस (23 मार्च) की याद में हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब से किसान-मज़दूर पद यात्राएं शुरू हिन। 26 मार्च को भारत बंद है और 28 मार्च को काले कानूनों की प्रतियों का दहन होगा।
शहीद यादगार किसान-मज़दूर पदयात्रा 3 हिस्सों में- पंजाब के खटकर कलां, हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश के मथुरा से चल रही है, जो 23 मार्च को शहीदी दिवस वाले दिन दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचेगी।
खटकर कलाँ, पंजाब से सिंघू बार्डर
पंजाब के खटकर कलां गांव से शुरू हुई पदयात्रा पानीपत से होकर सिंघू बॉर्डर तक जाएगी। खटकर कलां भगत सिंह का पुश्तैनी गांव है।
लाल सड़क हांसी, हरियाणा से टिकरी बार्डर
दूसरी पदयात्रा 18 मार्च को लाल सड़क हांसी से शुरू हुई ,जो 23 मार्च को टिकरी बार्डर पहूंचेगीI किसान इस आंदोलनों को दूसरी आज़ादी का संघर्ष बता रहे हैं। लाल सड़क पर झंडी दिखाने शहीद भगत सिंह की भांजी गुरजीत कौर भी मौजूद थीं।
हरियाणा के हांसी क्षेत्र में 1857 में हुई ‘आज़ादी की पहली लड़ाई’ में जालिम अंग्रेज़ी हुकूमत ने ‘सैनिक विद्रोह’ में शामिल होने के जुर्म में 100 लोगों को रोड रोलर से रौंद दिया था। यह ऐतिहासिक सड़क, जिसे लाल सड़क के नाम से जाना जाता है, लोगों के संघर्ष की गवाही देती है।

मथुरा से पलवल
तीसरी पदयात्रा मथुरा में शुरू होगी और पलवल की ओर रवाना हुई। मथुरा से शुरू हुई किसानों की पदयात्रा के स्वागत के लिए भी पलवल में तैयारियां की गई। पदयात्रा 21 मार्च को होडल पहुंचेगी।

कर्नाटक के गांवों की मिट्टी से बनेगा शहीद स्मारक
कर्नाटक में 400 किलोमीटर की पदयात्रा तय मार्ग के साथ गांवों में भारी भागीदारी के साथ आगे बढ़ रही है। 23 मार्च को बेलारी में यात्रा पूरी करने के बाद, 6 अप्रैल को कर्नाटक के गांवों की इकट्ठा की जा रही मिट्टी को सिंघु बॉर्डर पर लाया जाएगा। यहां आंदोलन के शहीदों के लिए स्मारक बनाने की योजना बनाई जा रही है।
26 को भारत बंद, 28 को काले कानूनों का दहन
काले कृषि कानूनों व मज़दूर विरोधी श्रम संहिताओं के विरोध में 26 मार्च को “संपूर्ण भारत बंद” होगा। किसान आंदोलन के चार महीने 26 मार्च को पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इसके बाद, 28 मार्च को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन किया जाएगा।