मारुति सुजुकी मजदूर संघ द्वारा जुलूस-प्रदर्शन; बेलसोनिका में छँटनी के खिलाफ आवाज हुई बुलंद

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डीसी को ज्ञापन- गुड़गांव, मानेसर व धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में छिपी छँटनी पर आक्रोश; मज़दूरों का दमन बंद करने तथा बेलसोनिक सहित मारुति के बर्खास्त मज़दूरों की कार्यबहाली की माँग।

गुड़गांव। बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा मजदूरों के निलंबन व बर्खास्त करने की बदस्तूर जारी प्रक्रिया के खिलाफ आज 28 अप्रैल को मारुति सुजुकी मजदूर संघ के बैनर तले जोरदार रैली निकाली गई और उपायुक्त गुरुग्राम को ज्ञापन देकर मज़दूरों का शोषण बंद करने सहित विभिन्न माँग उठी।

प्रदर्शन में बेलसोनिका यूनियन के मजदूर, उनके परिवार की महिलाएं-बच्चे तथा मारुति सुज़ुकी मजदूर संघ से जुड़ी अन्य यूनियनें तथा क्षेत्र की तमाम यूनियनें और मजदूर संगठन शामिल रहे।

इस दौरान हुई सभा और ज्ञापन के माध्यम से मजदूरों व प्रतिनिधियों ने कहा कि गुड़गांव, मानेसर व धारूहेड़ा के औद्योगिक इलाके में श्रमिक विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। फैक्ट्री प्रबंधन ने श्रमिकों की छिपी छँटनी करने की योजना बनाई है। फर्जी दस्तावेजों के नाम पर 10-15 साल से कार्य कर रहे श्रमिकों को नौकरी से निकाल रही हैं। बेलसोनिका, सनबीम, लूमैक्स प्रबंधन श्रमिकों को फर्जी बताकर नौकरी से निकाल चुके और निकाल रहे हैं।

वक्ताओं ने कहा कि बेलसोनिका के मज़दूर पिछले 2 वर्ष से प्रबंधन की इसी छुपी छँटनी के शिकार बन रहे हैं जिसके खिलाफ जारी संघर्ष में बेलसोनिका प्रबंधन लगभग 17 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर चुका है तथा 13 श्रमिकों को निलंबित कर चुका है।

वक्ताओं ने कहा कि बेलसोनिका फैक्ट्री में बड़ी संख्या में बाउंसरों के रूप में अराजक तत्व व पुलिस तैनात हैं। फैक्ट्री में बड़ी संख्या में ठेका मजदूरों को भर्ती कर मुख्य उत्पादन का काम करवाया जा रहा है जो कि गैरकानूनी है। श्रम अधिकारी व अतिरिक्त उपायुक्त की समझौता वार्ता के दौरान दिए गए शांति तथा यथास्थिति के निर्देशों की बेलसोनिका प्रबंधन खुली अवहेलना कर रहा है।

21 मार्च को उपायुक्त व श्रम अधिकारी द्वारा बेलसोनिका प्रबंधन से स्थाई श्रमिकों की भर्ती का मापदंड, नोटिफिकेशन के दस्तावेज, ठेका मज़दूरों की सूची आदि मांगे गए थे लेकिन कोई भी विवरण अबतक प्रबंधन ने नहीं दिया है।

वक्ताओं ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2012 में मारुति सुजुकी मानेसर के मजदूरों ने यूनियन बनाने के अधिकार को हासिल करने के लिए संघर्ष किया था। उन मजदूरों ने मारुति फैक्ट्री के अंदर गैर कानूनी ठेका प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी। मजदूरों की उस आवाज को मारुति प्रबंधन व शासन प्रशासन ने मिलकर दबा दिया और 18 जुलाई 2012 की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया था। इस बहाने उसने 556 स्थाई और लगभग 2500 अस्थाई मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। 13 यूनियन प्रतिनिधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उक्त घटना के 11 साल बाद भी मजदूर अपनी नौकरी पाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं और न्याय की उम्मीद कमजोर होती जा रही है।

मज़दूरों की माँगें-

इस दौरान उपायुक्त गुरुग्राम को दिए गए ज्ञापन में निम्नलिखित माँगें उठाई गईं-

  1. बेलसोनिका के सभी निलंबित व बर्खास्त श्रमिकों को तत्काल काम पर वापस लिया जाए;
  2. फर्जी दस्तावेज के नाम पर छिपी छँटनी बंद की जाए, अनुचित श्रम अभ्यास कर रहे बेलसोनिका प्रबंधन के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज किया जाए;
  3. मारुति के बर्खास्त किए गए 556 श्रमिकों को काम पर वापस लिया जाए;
  4. बेलसोनिका कंपनी में तैनात सभी बाउंसरों व अराजक तत्वों को तत्काल बाहर किया जाए;
  5. बेलसोनिका में गैरकानूनी भर्ती पर रोक लगाई जाए;
  6. बेलसोनिका में लंबित सभी सामूहिक मांग पत्रों का समाधान किया जाए।

इस दौरान मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन से सम्बद्ध जीवानंद कुमार मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, ऋषि पाल मारुति उद्योग कामगार यूनियन, पवन कुमार मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, संजय कुमार मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, अमरेंद्र शर्मा एमएसडब्लूयू, महेंद्र कपूर बेलसोनिका यूनियन, मनोज कुमार मारुति पवार ट्रेन यूनियन, राजेश कुमार मारुति उद्योग कामगार यूनियन, संदीप कुमार एमपीटीयू ने बातें रखीं।

सभा को इंकलाबी मजदूर केंद्र के श्यामबीर, मजदूर सहयोग केंद्र के खुशी राम, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से रानी, श्रमिक संग्राम कमेटी से सुभाष शर्मा, बेलसोनिक यूनियन से अजित आदि ने भी संबोधित किया। संचालन सुनील ने किया।

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