मानेसर: हिटाची (प्रोटेरिअल) प्रबंधन द्वारा बंद खाना-टॉयलेट मज़दूरों के विरोध के बाद हुआ बहाल

अवैध बर्खास्तगी के बाद हिटाची प्लांट के भीतर बैठे मजदूरों का प्रबंधन ने खाना-पनि व टॉयलेट भी बंद कर दिया था। व्यापक विरोध के बाद प्रबंधन दोनों सुविधाएं बहाल हुईं।
गुड़गाँव (हरियाणा)। आईएमटी मानेसर स्थित प्रोटिअरल (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड के संघर्षरत और प्लांट के भीतर धरनारत मज़दूरों का प्रबंधन ने टायलेट बंद कर दिया था। यही नहीं मज़दूरों को प्लांट से खाने की व्यवस्था बंद कर दी। यहाँ तक कि बाहर से भी खाना पहुँचने पर रोक लगा दी।
इसका बाहर धरनारत मज़दूरों और मज़दूर यूनियनों व संगठनों ने तीखा विरोध किया, जिसके बाद प्रबंधन को दोनों व्यवस्था बहाल करनी पड़ी।
ज्ञात हो कि कल 11 मई को हिटाची (प्रोटेरिअल)प्रबंधन द्वारा दो नेतृत्वकारी मजदूरों के गैरकानूनी रूप से बगैर किसी सूचना के बर्खास्त करने के विरोध में मजदूरों ने काम बंद कर दिया था। बी शिफ्ट के मजदूर प्लांट के भीतर ही बैठ गए थे और ए व नाइट शिफ्ट के मजदूर प्लांट के बाहर धरने पर बैठे हैं।
दमन तेज करते हुए प्रबंधन ने नेतृत्वकारी सहित अबतक 30 मजदूरों को बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं, प्रबंधन ने प्लांट के भीतर बैठे हुए मज़दूरों को ‘पानी पीने’ और ‘टायलट के इस्तेमाल’ करने पर रोक लगा दी और खाना बंद कर दिया, यहाँ तक कि बाहर से भी खाना ले जाने पर रोक लगा दी।
मज़दूरों और यूनियनों के दबाव में सुविधा हुई बहाल
आज 12 मई की सुबह मारुति सुजुकी पावरट्रेन यूनियन के साथी कंपनी गेट पर पहुंचे और उन्होंने बाहर धरने पर बैठे मजदूरों के खाने का इंतजाम किया, लेकिन अंदर के मजदूर साथियों को खाना न मिलने के कारण बाहर के मजदूर साथियों ने भी खाने से इंकार कर दिया।
इसके बाद पावर ट्रेन यूनियन प्रबंधन से इसपर आपत्ति जताई और खाना व त्यलेट बहाल करने की माँग की। इस बीच पावरट्रेन यूनियन साथ ही मानेसर मारुति कार प्लांट की यूनियन तथा मज़दूर सहयोग केंद्र व इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा श्रम अधिकारियों से भी बात हुई और लगातार प्रयास जारी रहा।
यूनियनों की सक्रियता और मजदूरों के विरोध को देखते हुए लेबर इंस्पेक्टर भी प्लांट में पहुंचे। अंततः संघर्ष के बाद प्रबंधन ने प्लांट के भीतर बैठे मजदूरों के लिए टॉयलेट खोल दिया और खाने की व्यवस्था कंपनी द्वारा ही हुई।
उधर बाहर धरने पर बैठे मजदूरों के लिए दिन में खाने की व्यवस्था पावरट्रेन यूनियन ने की और रात में मारुति मानेसर कार प्लांट की मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन ने खाने की व्यवस्था की है।

सभी मज़दूरों की कार्यबहाली हो, परमानेंट का पत्र मिले
इस बीच लेबर इंस्पेक्टर ने मजदूरों से कहा कि वर्तमान में निकाले गए 30 मजदूरों को कंपनी अंदर लेकर प्लांट चलाएगी और बाकी पूर्व में निकाले गए मजदूरों के संबंध में 18 मई को श्रम विभाग में वार्ता में समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। जबकि मज़दूरों ने निकले गए समस्त मज़दूरों की कार्य बहाली तथा स्थायीकरण का पत्र देने की बात रखी।

कंपनी का नाम बदलना शोषण का नया हथियार
दरअसल जून 2022 में प्रबंधन ने कम्पनी का नाम ‘हिटाची’ से ‘प्रोटेरिअल’ कर दिया और पुराने ठेका मज़दूरों की जबरदस्ती नई भर्ती की नीति चली। कम्पनी इसके जरिये पुराने मज़दूर को स्थायी करने से छुटकारा पाना चाहता था। जिसे मज़दूरों ने नकार दिया था। तबसे मज़दूरों का संघर्ष जारी है।
संघर्ष जारी है…
फिलहाल स्थिति लगातार विकट बनी हुई है। बी शिफ्ट के मजदूर कल से कंपनी के भीतर प्लांट में बैठे हुए हैं और बाकी सभी मज़दूर प्लांट के बाहर धरना दे रहे हैं। विकट गर्मी और तपिश के बीच मजदूरों के हौसले बुलंद हैं।
मज़दूरों का अन्याय के खिलाफ हक़ का संघर्ष जारी है। समर्थन में मारुति कि अन्य यूनियनें आगे अअ रही हैं व मज़दूर सहयोग केंद्र व इंकलाबी मजदूर केंद्र आदि संगठन सहयोग में सक्रिय हैं।