मज़दूर क्रांति परिषद, पश्चिम बंगाल ने भी दिया समर्थन
कॉरपोरेटपरस्त 3 कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के जुझारू संघर्ष के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार की हठधर्मिता के बाद देश के किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद के इस आह्वान का देश की मज़दूरों-कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं-नौजवानों, महिलाओं सहित न्यायप्रिय जनता का लगातार समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में मज़दूर क्रांति परिषद, पश्चिम बंगाल ने भी अपनी संग्रामी एकजुटता प्रदर्शित की है।
मज़दूर क्रांति परिषद की केन्द्रीय कमेटी द्वारा भारत बंद के समर्थन में 6 दिसंबर, 2020 को जारी बयान-
देश में चल रहे किसान आंदोलन के संगति ज्ञापन में एकजुट हों!
8 दिसंबर 2020 भारत बंद को सफल करें!
इस समय देश के किसान मोदी सरकार के नई कृषि कानून को रद्द करने की माँग पर एक आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। संग्रामी किसान करोना एवं भारी ठंड की उपेक्षा कर विभिन्न प्रांत से राजधानी दिल्ली के बाहर जमा हुए हैं । इनकी एक ही माँग है कि इस देश के कृषि को बड़े पूँजीपतियों के हाथों में नहीं सौंपा जाए। इसलिए पूँजीपतियों के मुनाफे के स्वार्थ में बनाए गए नई कृषि कानून जल्द से जल्द रद्द करना होगा।
इस आंदोलन की व्यापकता के सामने सरकार को सिर झुकाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इस आंदोलन ने सरकार तथा भाजपा का नकाब उतार दिया है। कॉरपोरेट पूँजीपतियों की स्वार्थ रक्षा ही इनका लक्ष्य है, मेहनतकश आम जन के हित के लिए अच्छी दूसरी कोई सोच नहीं है। इसलिए इस लड़ाई को दिग्भ्रमित करने का दुष्ट मनसूबा चलाया जा रहा है।
तथाकथित बातचीत के नाम पर लड़ाकू किसानों की धैर्य की परीक्षा लिया जा रहा है। लेकिन आंदोलन के प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार सरकार के साथ बातचीत में बैठने के बाद भी किसान अपनी माँग पर दृढ हैं।
चल रहे आंदोलन को और भी व्यापक रूप देने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के किसान इनके समर्थन में मैदान में उतर पड़े हैं। हजारों-हजार किसान विभिन्न प्रांतों से आंदोलन में जुड़ने के लिए लगातार रवाना हो रहे हैं। धर्म-वर्ण-जाति से अलग देश की जनता अपनी सहभागिता दिखा रही है। छात्र-छात्राएं, श्रमिक- कर्मचारी सहित अनगिनत जनता इस लड़ाई के साथ जुड़ रही है। यह आंदोलन आम जनता को पक्ष या विपक्ष में अपनी पक्षधरता तय करने के लिए बाध्य कर रहा है।
मज़दूर क्रांति परिषद (एमकेपी) इस लड़ाई को सलाम कर रहा है एवं इस लड़ाई के पक्ष में रहने का वादा भी कर रहा है।
आन्दोलन के अगले कार्यक्रम के तहत संघर्षशील किसानों की पुकार पर एमकेपी आठ दिसंबर भारत बंद सफल करने का आह्वान कर रहा है।