मध्यप्रदेश : संविदा कर्मियों, अधिकारियों व शिक्षकों ने संविदा नीति की जलाईं प्रतियाँ

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कहा कि वित्त विभाग समग्र शिक्षा अभियान के कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने की फाईल लंबित रखा है, वही दूसरी ओर वित्त विभाग के मंत्रियों के लिये नई लक्जरी कारों के लिये अनुमति दे रहा है।

सारंगपुर (मध्यप्रदेश)। सारंगपुर जनपद शिक्षा केंद्र के सामने मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ एवं राज्य शिक्षा केन्द्र कर्मचारी अधिकारी संगठन के संयुक्त तत्वावधान में अपनी माँगों को लेकर संविदा कर्मचारियों ने शुक्रवार को 5 जून 2018 की संविदा नीति की प्रतियाँ जलाई और इसे आगे भी जलाने का ऐलान किया।

संविदाकर्मी एवं बीसीए बीएल वर्मा ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने की फाईल वित्त विभाग में एक साल से चल रही, वही दूसरी और वित्त विभाग के मंत्रियों के लिये नई लक्जरी कारों के लिये अनुमति दे रहा है। उन्होंने कहा कि 5 जून 2018 की नीति बने हुये 3 साल से भी ज्यादा हो गये हैं। उसकोद भी मप्र सामान्य प्रशासन विभाग की संविदा नीति का पालन नहीं हो पाने के कारण कर्मचारी आक्रोशित है।

वित्त विभाग के इस दोहारे रवैये कारण संविदा कर्मचारी चरणबद्घ आंदोलन करेंगे। कहा कि आज हमने 5 जून 2018 के आदेश की प्रतियां जलाई है। अब पूरे प्रदेश के जिला शिक्षा केन्द्र और राज्य शिक्षा केन्द्र पुस्तक भवन के सामने 5 जून 2018 की संविदा नीति की प्रतियां जलाकर चरणबद्घ आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

संविदा कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर विभागों के रिक्त पदों पर नियमित करने; 5 जून 2018 की संविदा नीति के अनुसार समग्र शिक्षा अभियान के समस्त कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता देने; सहायक यंत्री, प्रोग्रामर, सहायक परियोजना वित्त का ग्रेड पे 5600/- रुपये करने; उपयंत्री का ग्रेड पे 3600 करने; एमइएस का ग्रेड पे 3200/- एमआरसी का ग्रेड पे 2800/- सहायक वार्डन का ग्रेड पे माध्यमिक शिक्षक के बराबर 2800/- करने आदि माँगें हैं।

साथ ही शिवपुरी जिले की बगैर गलती हटाए गए 8 सहायक वार्डनों सहित जितने भी संविदा कर्मचारियों को बेवजह हटाया गया है उन सबको वापस लेने; किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाने के पूर्व राज्य शिक्षा केन्द्र से जाँच करवाने; संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सामूहिक बीमा और मेडिकल सुविधा देने; कर्मचारियों को अनुकृंपा नियुक्ति का प्रावधान करने; संविदा कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर समयमान वेतनमान और क्रमोन्नाति और पदोन्नाति देने आदि मांग रखी गई।