मध्यप्रदेश: आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने अपने खून से मुख्यमंत्री के नाम लिखा पोस्टकार्ड

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अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं को एक माह बीत जाने के बाद भी अबतक सरकार सुध नहीं ले रही, जबकि मामूली मानदेय पर ढेरों कामों में खटा रही है।

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की आशा-उषा कार्यकर्ता वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी है। अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर कार्यकर्ताओं ने अपने खून से मुख्यमंत्री के नाम एक पोस्टकार्ड लिखा है, जिसमें अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की गई है।

ज्ञात हो कि, अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं को एक माह बीत चुका है। लेकिन, इस अवधि के बीत जाने के बाद भी अबतक सरकार या कोई भी जन प्रतिनिधि आशा कार्यकर्ताओं की मांगों के बारे में सुनने या उनका समर्थन करने नहीं पहुंचा है।

अब तक मांगे पूरी नहीं होने पर आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर अपने खून से पोस्टकार्ड लिखकर सरकार को भेजे जाएंगे ताकि सरकार जाग जाए और उनकी मांगों को पूरा कर सके। इसी कड़ी में जबलपुर में गांधी भवन से घंटाघर तक मशाल जुलूस निकाला।

आशा और ऊषा कार्यकर्ताओं की मांग है कि आशा को 10 हज़ार और सहयोगी को 15 हज़ार वेतन दिया जाए। जिस प्रकार से शासकीय कर्मचारियों को शासन अन्य लाभ देती है उसी प्रकार आशा उषा कार्यकर्ताओ को भी समकक्ष लाभ सरकार प्रदान करें। 

सभी सरकारी अस्पताल में आशा कार्यकर्ताओं को बैठने की अनुमति दी जाए। वेतन देने में मनमानी रोकी जय और प्रति माह एक निश्चित तारीख तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए।