लुधियाणा: अन्याय के खिलाफ मार्शल मशीन्स के मज़दूरों का डी.सी. दफ्तर पर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन

काम से निकाले गए मज़दूर नेताओं की बहाली, वेतन बढ़ोत्तरी, बोनस और अन्य जायज़ अधिकारों के लिए मार्शल कंपनी के मज़दूर 9 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।
लुधियाणा (पंजाब)। मार्शल मशीन्स लिमिटेड कंपनी के मज़दूरों ने कारखाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में मंगलवार को डी.सी. कार्यालय लुधियाणा पर धरना-प्रदर्शन किया। धरने में टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन, नौजवान भारत सभा, पेंडू मज़दूर युनियन (मशाल) और अन्य जनवादी जनसंगठनों द्वारा भागीदारी की गई।
डी.सी. लुधियाणा से माँग की गई कि 9 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे मज़दूरों की मांगें- निलंबित किए गए मज़दूर नेताओं की बहाली, वेतन बढौतरी, बोनस भुगतान, मालिक-मैनेजमेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और अन्य जायज माँगें तुरंत पूरी की जाएँ।
संगठनों ने ओवरटाइम काम के घंटे 2 से 4 करने का नोटिफिकेशन पंजाब सरकार तुरंत रद्द करने, सभी कारखानों में सख्ती से मज़दूरों के कानूनी श्रम अधिकार लागू करने और श्रम कानूनों को तोड़ने वाले मालिकों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई और सख्त सजाओं की माँग उठाई।

रोष-प्रदर्शन को संबोधन करते हुए कारखाना मज़दूर यूनियन के प्रधान लखविंदर ने कहा कि मार्शल मशीन्स लिमिटेड कंपनी के मज़दूर लगभग एक साल से कंपनी में श्रम कानून लागू करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके संघर्ष की बदौलत कई अधिकार उन्होंने हासिल भी किए हैं और कंपनी के मालिक और मैनेजमेंट को गैर-कानूनी तरीके से काम चलाने के लिए जवाबदेह भी होना पड़ा है।
इसलिए कंपनी मालिक-मैनेजमेंट द्वारा लगातार मज़दूरों की एकता तोड़ने और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिशें की जा रही थीं। 8 नवंबर को कंपनी द्वारा पाँच मज़दूर नेताओं पर झूठे इलजाम लगाकर उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद मज़दूरों को 9 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा है।
हड़ताली मज़दूरों का कहना है कि जब तक मालिक-मैनेजमेंट नौकरी से निकाले गए मज़दूर नेताओं की बहाली, वेतन बढ़ौतरी, बोनस भुगतान, पक्की हाजिरी और अन्य कानूनी हक लागू नहीं कर देते उनका संघर्ष जारी रहेगा।
वक्ताओं ने कहा कि सभी कारखानों और अन्य कार्यस्थलों पर मज़दूरों के श्रम अधिकार पूँजीपतियों द्वारा लागू नहीं किए जा रहे। ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी सरकारी व्यवस्था पूँजीपतियों के पक्ष में भूमिका निभा रहा है, मज़दूरों की लूट तेज़ की जा रही है। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भारत की मोदी सरकार जैसे ही श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी संशोधन का रास्ता अपनाया हुआ है।
वक्ताओं ने ओवरटाइम काम के घंटे 2 से 4 करने के नोटिफिकेशन का ज़ोरदार विरोध करते हुए इसे तुरंत रद्द करने की माँग की।
धरने में कारखाना मज़दूर यूनियन के प्रधान लखविंदर, सचिव कल्पना, नेता तिलकधारी, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार युनियन के प्रधान जगदीश, मार्शल मशीन्स लिमटिड यूनियन के प्रधान पवन कुमार, नौजवान भारत सभा के नेता संजू, पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल) के नेता मक्खण सिंह, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज़ यूनियन के विजय नारायण, लोक एकता संगठन के गल्लर चौहान, जमहूरी अधिकार सभा के जसवंत जीरख, मैडीकल प्रैकटीशनर एसोशीएशन पंजाब से डा. सुरजीत सिंह ने संबोधन किया। मंच संचालन कारखाना मज़दूर यूनियन की उपाध्यक्ष गगनदीप ने किया।