लखनऊ : विशाल किसान महापंचायत ने दिया कडा संदेश; पहली जीत के साथ उठी लंबित माँगें

नेताओं ने कहा ये देश को बेचने का काम करेंगे, हिन्दू-मुस्लिम और जिन्ना में उलझायेंगे। हमारी मांग किसानों के हक में है। एसकेएम ने पीएम को पत्र भेज उठाईं जायज माँगें।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर विरोध कर रहे किसानों की लंबित जायज़ मांगों को सरकार के सामने रखा। कहा मांगों को पूरा करने के लिए सभी वर्गों से किसानों को मिल रहा है जोरदार समर्थन।
पंचायत का ऐलान- सरकार माँग मान लें, हम आंदोलन खत्म कर देंगे
यूपी की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में सोमवार 22 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान महापंचायत ने किसानों की ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। इस मौके पर एसकेएम के दर्जनों नेता मौजूद थे। आज लखनऊ पहुंचे कई नेताओं का हवाईअड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया।

वक्ताओं ने इस तथ्य पर जोर दिया कि मोदी ने जो घोषणा की, वह विरोध कर रहे किसानों की केवल पहली जीत है। मेज पर कई मांगें थीं पर सरकार अभी भी बहुत सारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। किसानों ने कहा कि जब तक एमएसपी नहीं, तब तक आंदोलन वहीं। कहा कि सरकार मांग मान लें, हम आंदोलन खत्म कर देंगे।
एसकेएम नेताओं ने अब तक एकजुट होकर संघर्ष कर रहे भारत के किसानों और मजदूरों को बधाई दी और उनसे संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया। उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों के गन्ना का बकाया भुगतान न करने के खिलाफ चेतावनी दी गई।
सभी नेताओं ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में न्याय के लिए अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार करने और बर्खास्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। हमारे भोजन और कृषि प्रणालियों पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ सफल विरोध को नोट किया गया, और नागरिकों से आग्रह किया गया था कि वे अब तक आंदोलन से पैदा हुई चेतना और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए उसी भावना को जारी रखें।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा ये देश को बेचने का काम करेंगे। हिन्दू-मुस्लिम और जिन्ना में उलझायेंगे। हमारी मांग किसानों के हक में है। हम किसान एमएसपी गारंटी कानून की मांग से नहीं डिगेंगे।
महापंचायत में आज कई एसकेएम नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के शहीदों के परिवारजन मंच पर मौजूद थे। परिजनों का अभिनंदन किया गया। मंच से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी की मांग भी जोरों से उठी।
एसकेएम का पीएम को खत : अन्य मुद्दों का समाधान हो, अविलंब वार्ता शुरू हो!
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू मोर्चा पर बैठक के बाद कल देर शाम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में, एसकेएम ने इंगित किया कि पीएम ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले की एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, इसके बावजूद एसकेएम ने घोषणा का स्वागत किया।
पत्र में सभी कृषि उपजों पर सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी (सी 2 + 50% स्तर पर) का कानूनी अधिकार और खरीद सुनिश्चित करना, विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 की वापसी, किसानों को दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन से संबंधित दंडात्मक प्रावधानों के दायरे से बाहर रखना और इसलिए, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021” से धारा 15 को हटाना,वर्तमान आंदोलन में हजारों किसानों पर लगाए गए सैकड़ों मुकदमे वापस लेना, भारत सरकार के मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी और गिरफ्तारी, आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास सहायता और सिंघू मोर्चा पर उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण की माँग की गई है।

पत्र के अंत में प्रधानमंत्री को यह याद दिलाया गया कि उन्होंने किसानों से घर वापस जाने की अपील की है। पत्र में कहा गया, “हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटें। अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन को जारी रखेगा।”।
इस बीच, सभी घोषित कार्यक्रम योजनानुसार जारी रहेंगे, और 27 नवंबर 2021 को एसकेएम की बैठक में एक वर्ष से चल रहे आंदोलन समीक्षा की जाएगी।
लंबित मुद्दों पर एसकेएम दृढ़
देश भर में कई राजनीतिक दल आंदोलन के लंबित मुद्दों से संबंधित समाधान पर एसकेएम की मांगों को मजबूती से उठा रहे हैं, चाहे वह एमएसपी कानूनी गारंटी से संबंधित हों या शहीदों के परिवारों को मुआबजा देने या प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने आदि से संबंधित हो।
ऐतिहासिक किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ के करीब आते ही मोर्चों पर भारी संख्या में किसान एकजुट हो रहे हैं।
मछुआरों के प्रमुख नेता के निधन पर गहरा शोक व्यक्त
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज राष्ट्रीय मत्स्य कार्यकर्ता मंच (एनएफएफ) के अध्यक्ष श्री नरेंद्र पाटिल के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की। श्री पाटिल द्वारा पूरे भारत में मछुआरे और मछली पकड़ने वाले समुदायों के संघर्षों का नेतृत्व किया जा रहा था। एसकेएम ने पूरे भारत में मछुआरों के एक प्रमुख नेता के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
185 दिनों में 5100 किमी पदयात्रा कर पहुँचे सिंधु मोर्चा
कर्नाटक के के नागराज, कर्नाटक के एमएम हिल्स से सिंघू मोर्चा तक पदयात्रा कर 185 दिनों में 5100 किलोमीटर चलने के बाद, पहुंचने पर कल गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने पहले कर्नाटक के 31 जिलों का भ्रमण किया और फिर दिल्ली के लिए रवाना हुए। यात्रा के दौरान उन्होंने हर जगह विरोध कर रहे किसानों के मुद्दों का संदेश पहुँचाया। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू मोर्चा पहुंचने पर किसानों के प्रति उनकी भावना और समर्थन को सलाम पेश किया है। एसकेएम ने आज लखनऊ किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए अमृतसर से लखनऊ जगदीश सिंह का भी अभिनंदन किया।

फिर लोकप्रिय गायक का गीत हुआ प्रचलित
एक बार फिर से लोकप्रिय गाने तैयार किए जा रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसा पिछले साल इस समय के आसपास किये गए थे। पंजाब के एक लोकप्रिय गायक का एक गीत अब प्रचलित हो रहा है, जैसे आंदोलन के पिछले बारह महीनों में कई प्रेरक गीतों ने आंदोलन में किसानों को सक्रिय और लामबंद किया। गायक, कलाकार, खिलाड़ी, फिल्मी हस्तियां और अन्य प्रभावशाली शख्सियतें इस आंदोलन की प्रबल समर्थक हैं और एसकेएम इस समर्थन की सराहना करता है।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति (361वां दिन, 22 नवंबर 2021) के साथ
जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।