संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मचारी की हत्या के बाद न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों पर 25 मई को लाठीचार्ज की घटना के बाद लखनऊ शहर के सफाई कर्मचारी आक्रोशित हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गोमतीनगर थाने की एक घटना में संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मचारी रामू यादव की सफाई कार्य करते समय एक्सीडेंट से मौके पर मौत हो गई। ठेका कर्मचारी रामू यादव 25 मई की सुबह सड़क पर सफाई कर रहा था तभी तेज गति से आ रही वैगनआर कार ने उसे टक्कर मार दी। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि घटना के बाद पुलिस ने मामले को दर्ज करने में जानबूझकर देरी की। पुलिस के द्वारा मुकदमा ना लिखने और लापरवाही करने के कारण सफाई कर्मचारी इकट्ठा हुए थे तभी योगी सरकार के प्रशासन के आदेश से पुलिसकर्मियों ने सफाई कर्मचारियों पर लाठियां बरसाना चालू कर दिया।
मृतक सफाई कर्मचारी के सहकर्मियों ने बताया कि सुबह ड्यूटी पर आया तो एसआरएस मॉल के पास तीन युवकों ने उसे कचरा उठाने के लिए कहा जिस पर उसने मना कर दिया थोड़ी देर बाद वहीं युवक कार में आए और उसे कुचल कर चले गए।
उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर संघ और उत्तर प्रदेश ठेका सफाई कर्मचारी संघ के आह्वान पर 26 मई को सफाई कर्मी गोमतीनगर तहसील कार्यालय पर एकत्र हुए और लखनऊ में संविदा कर्मी की हत्या तथा इंसाफ की मांग कर रहे संविदा कर्मियों पर गोमती नगर पुलिस की लाठी चार्ज की निंदा की गई। सफाई कर्मचारियों द्वारा गोमती नगर पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारी मृतक संविदा कर्मी को मुआवजा और लाठी चार्ज के दोषी पुलिस कर्मियों के विरुध्द कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उसके बाद संगठनों द्वारा घटना के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया।
फिलहाल आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मृतक सफाई कर्मचारी के परिवार वालों को मुआवजे के बारे में फिलहाल अभी तक कोई जानकारी नहीं है। नियमानुसार मृतक ठेका सफाई कर्मचारी के आश्रितों को फ्रंटलाइन वर्कर को मिलने वाले 50 लाख का बीमा मुआवजा मिलना चाहिए।