राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पीएम, केंद्रीय वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया। लखनऊ में बड़ी रैली से लेकर चक्का जाम सहित उग्र आंदोलन की तैयारी। पुरानी पेंशन को लेकर राज्य कर्मचारियों ने एक बार फिर से आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेतृत्व में कर्मचारियों ने मौन व्रत रखा। कर्मचारी नेता बीएन सिंह की प्रतिमा के सामने सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने दो घंटे से ज्यादा समय तक मौन व्रत रखा।
इस दौरान पुरानी पेंशन को लेकर लगातार आंदोलन चलाने की बात कर्मचारी नेताओं ने कही। कर्मचारी संगठन ने इस दौरान पीएम, केंद्रीय वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक कर्मचारी संगठन आंदोलन जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि नई पेंशन नीति एक धोखा है। पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है। इसको बहाल नहीं किया गया तो कर्मचारी आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन को विवश होंगे। इसमें लखनऊ में बड़ी रैली से लेकर चक्का जाम और बाकी आंदोलन की कार्रवाई शामिल हो सकती है। क
र्मचारियों ने संकल्प लिया है कि जब तक पुरानी पेंशन जारी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान आंदोलन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अन्तर्गत आने वाले छोटे – बड़े 50 से ज्यादा संगठन के नेता मौन व्रत में शामिल रहे।
शिवबरन सिंह, आरके पाण्डेय, एडी द्विवेदी, अमरजीत मिश्रा, राम सुरेश यादव, अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव, विवेक कुमार, राजेश सिंह, अरूण सिंह, पीके मिश्रा, अनुज शुक्ला, वीरेन्द्र सिंह, अशोक सिंह, रवि सिंह,अमिता त्रिपाठी, धर्मेन्द्र सिंह, फईम अख्तर, सुभाष चन्द्र तिवारी, कश्मीर सिंह , राजर्षि त्रिपाठी, आरके मौर्या, जितेन्द्र गुप्ता, दिग्विजय यादव समेत कई नेता इसमें शामिल रहे।