अब मोदी सरकार ने आटा, चीनी, गेहूं, अंडा जैसी वस्तुओं व निर्माण रोजगार में काम आने वाली वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाने का फरमान जारी करके जनता पर एक चोट मार दी है।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। आज 9 जुलाई को जन संघर्ष मंच हरियाणा की कुरुक्षेत्र जिला इकाई की तरफ से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के खिलाफ स्थानीय पुराने बस अड्डा थानेसर पर रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कड़ा विरोध जताया।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने रसोई गैस के सिलेंडर के दाम ₹50 और बढ़ाकर ₹1070 से पार कर दिये है। पिछले एक साल में ₹244 प्रति सिलेंडर रिफिल के दाम की बढ़ोतरी की गई है। इससे रसोई बजट पर जबरदस्त मार पड़ी है। मजबूर होकर गरीब लोगों को रसोई गैस छोड़कर फिर परंपरागत चूल्हे में लकड़ी या गोबर के उपले जलाकर खाना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों करोड गरीब लोगों को फ्री रसोई गैस कनेक्शन व गैस सिलेंडर की प्रशंसा करते नहीं थकते, सन् 2014 में जो गैस सिलेंडर ₹400 में भरता था अब ₹1070 में भरेगा। इससे उनके ड्रामे का पर्दाफाश हो गया है कि वे कैसे तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़वाने में लगे हुए हैं।
रसोई की अन्य जरूरी वस्तुओं- आटा, दाल, नमक, तेल आदि के रेट भी बेतहाशा बढ़ गए हैं। महंगाई रोकना तो दूर रहा अब मोदी सरकार की जीएसटी कौंसिल ने आटा, चीनी, गेहूं, अंडा जैसी सभी वस्तुओं व निर्माण रोजगार में काम आने वाली वस्तुओं पर भी 15 जुलाई 2022 से 5 से 10% जीएसटी लगाने का फरमान जारी करके जनता पर एक चोट मार दी है।
पेट्रोल डीजल के दाम भी प्रतिदिन के आधार पर बढ़ाए जा रहे हैं जो अब सौ का आंकड़ा पार कर चुके हैं जिसके कारण जनता परेशान है। कोरोना महामारी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पहले ही मंदी के दौर से गुजर रही थी और जीडीपी ग्रोथ चार प्रतिशत से भी नीचे गिर चुकी है।
करोड़ों लोगों के रोजगार या तो समाप्त हो गए या उनकी आमदनी घटा दी गई। लेकिन भाजपा सरकार ने आपदा में अवसर तलाशते हुए आम जनता को किसी भी तरह की राहत देने की बजाय पूंजीपरस्त आर्थिक नीतियों के तहत देश के विकास के नाम पर पूंजीपतियों को लाखों करोड़ों रुपए के पैकेज दिए जिससे उनकी संपत्तियां 35% से भी अधिक बढ़ गई है।
अब अग्निपथ जैसी फिक्स्ड टर्म रोजगार की जनविरोधी योजना लाकर बेरोजगार युवाओं का रोजगार देने के नाम पर मजाक उड़ाया जा रहा है। मोदी व खट्टर सरकार सब सरकारी संस्थान बेच रही है। गाँव के गरीब मजदूरों को मनरेगा में भी सौ दिन काम नहीं दिया जा रहा है और न मनरेगा दिहाड़ी ₹800 की जा रही है।
मंच के नेताओं ने खेदड़ में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज व एक किसान की मौत तथा आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की नेता जगमति मलिक तथा कमला दयोरा को गिरफ्तार किये जाने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार मेहनतकश जनता का दमन कर रही है और जनता को धर्म व देवी देवताओं के नाम पर लड़वाने का अपराध कर रही है।
जन संघर्ष मंच हरियाणा ने कहा कि मंच का मानना है कि यदि सरकार की पूंजीपरस्त आर्थिक नीतियों में बदलाव नहीं किया जाता तो देश के श्रीलंका जैसे हालात होने की पूरी आशंका है। अतः मंच देश के आम आवाम से आह्वान करता है कि सरकार को जनपक्षीय आर्थिक नीतियां बनाने के लिए मजबूर करने के लिए सशक्त आंदोलन का निर्माण करें।
जन संघर्ष मंच हरियाणा का प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग-
- रसोई गैस सिलेंडर की कीमत तुरंत घटाकर ₹400 की जाए। डीजल व पेट्रोल के भी दाम घटाए जाएं. महंगाई पर रोक लगाई जाए।
- आर्थिक नीतियों में परिवर्तन कर जनपक्षीय नीतियां बनाई जाए।
- खेदड़ में किसानों पर लाठीचार्ज के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए व शहीद किसान धर्मपाल के परिजनों को ₹50 लाख मुआवजा तथा घायलों को उचित मुआवजा दिया जाए।
- आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन नेताओं- जगमति मलिक व कमला दयोरा के खिलाफ कैथल में दर्ज केस रद्द किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किये जाने पर रोक लगाई जाए।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जन संघर्ष मंच हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र के कन्वीनर डॉ लहणा सिंह ने किया। प्रदर्शन को जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेश कुमारी, प्रदेश वित्त सचिव चंद्र रेखा, उषा कुमारी, मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रधान नरेश कुमार, महासचिव सोमनाथ ने संबोधित किया।
प्रदर्शन में रामकुमार, कृष्ण कुमार, जयप्रकाश, मेवाराम, सतीश कुमार, सरोज, संगीता, मीना, पवन, नेमवती, बिमला आदि ने भाग लिया।