कुरुक्षेत्र: वाहन पलटने से घायल मनरेगा मज़दूरों के निशुल्क इलाज व आर्थिक सहायता की माँग

मनरेगा मजदूर यूनियन ने घायलों से मुलाकात कर सरकार से उनके निशुल्क इलाज व उचित खुराक का प्रबंध, ठीक होने तक आर्थिक सहायता व काम पर आने जाने के लिए वाहन की माँग की है।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। बीते 9 मई की शाम 4 बजे जिला कुरुक्षेत्र के ब्लॉक पिहोवा गांव तलहेड़ी के दो दर्जन से अधिक मनरेगा मजदूर एक निजी वाहन द्वारा काम करके घर लौट रहे थे। वाहन ओवरलोड था और रास्ते में गढ्ढे व रेत बजरी पड़ी हुई थी, इस कारण वाहन का संतुलन खराब हो गया और वाहन पलट गया। दर्जन से अधिक मनरेगा मजदूरों को चोटें लगीं हैं।
वाहन के नीचे दबे मनरेगा मजदूरों को लोगों ने निकाला। घायल मजदूरों को मेट अशोक कुमार अन्य लोगों की सहायता से पिहोवा के विभिन्न अस्पतालों में ले गए।
मनरेगा मजदूर यूनियन को कल देर रात इस दुखद घटना की सूचना मिली थी। आज 10 मई को मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव कॉमरेड सोमनाथ व जिला कुरुक्षेत्र के उप प्रधान रोशन लाल ने गाँव तलहेड़ी का दौरा किया और घायल मनरेगा मजदूरों का हालचाल जाना।

यूनियन नेताओं को घायल महिला मजदूर सुदेश ने बताया कि हमारे ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया है। गत जनवरी मास में मेरे पति मौत हो गई थी और अब मुझे चोट लग गई है। बच्चे छोटे हैं और अब क्या होगा। उसके सिर व बाईं बाजू पर चोट लगी हुई है।
महिला मजदूर पूरनी की दोनों टांगों में बहुत अधिक चोट लगी हुई है और वह दर्द से कराह रही थी। उनकी आयु 60 से अधिक है मगर घर में कमाने वाला न होने के कारण उसे दिहाड़ी पर जाना पड़ता है।
रोते हुए बबली पत्नी पवन ने बताया कि उसकी दाईं बाजू में बहुत चोट लगी हुई है मगर पैसे की कमी के कारण मैं एक्सरे न करवा पाई हूँ। महिंद्रो की बाईं बाजू में चोट है वह भी एक्सरे करवा नहीं पाई है।
कमलेश जिसकी आयु 61 साल है उसकी रीढ़ की हड्डी व सिर में चोट लगी हुई है। चोट गंभीर है और उसे उचित अस्पताल में दाखिल होना चाहिए था मगर घर में पड़ी दर्द से कराह रही है। इसके अलावा बबली पत्नी संत राम, ऊषा, पाला राम, कश्मीरी आदि को भी चोटें लगी हुईं हैं।
मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव कॉमरेड सोमनाथ ने कहा कि इतनी दुखद घटना होने के बाद भी प्रशासन के आदमी मजदूरों की सुध नहीं आए थे, अकेला मेट अशोक व घायल मजदूरों के परिजन भागदौड़ कर रहे हैं। सरकार द्वारा काम पर आने जाने के लिए सुरक्षित वाहन का प्रबंध नहीं किये जाने के कारण पहले भी ऐसी कई दुखद घटनाएं हो चुकी हैं।
यूनियन ने बताया कि ऐसा ही हादसा कैथल जिला के गाँव पपराला के मनरेगा मजदूरों के साथ हुआ था जिसमें बहुत से मजदूरों को चोट लगी थी और एक महिला मजदूर रेश्मा की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और प्रशासन ने उसका उचित इलाज नहीं करवाया था। जिसके कारण मजदूर रेशमा की मौत हो गई थी। सरकार ने परिजनों को कोई आर्थिक सहायता भी नहीं दी। गाँव बारवा के मजदूरों को भी इसी तरह गंभीर चोटें आई थीं उनमें से भी कुछ मजदूर आज भी ठीक नहीं हैं।
बीडीपीओ दफ्तर पिहोवा में एबीपीओ मनोज कुमार को जब पता चला कि मनरेगा मजदूर यूनियन की टीम घायल मजदूरों से मिलने आई हुई है तो वे भी गाँव में घायल मजदूरों से मिलने आए। यूनियन के महासचिव कॉमरेड सोमनाथ ने एबीपीओ से घायल मजदूरों का इलाज करवाये जाने और उचित मुआवजा दिये जाने की मांग की।
इस पर एबीपीओ ने बताया कि हम घायल मजदूरों का सरकारी अस्पताल में इलाज करवाएंगे और यदि सरकारी अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं होगी तो निजी अस्पताल में इलाज करवाया जाएगा और जब तक डाक्टर ठीक होने की बात नहीं कहता तब तक हर रोज की आधी दैनिक मनरेगा मजदूरी घायल मजदूरों को दी जाएगी।
जब कॉमरेड सोमनाथ ने कहा कि इतनी कम सहायता राशि देना, यह तो पूरी तरह मजदूरों के साथ बेइन्साफी है। तब एबीपीओ ने बताया कि यही सरकारी प्रावधान है।
यूनियन ने कहा कि इस देश में अमीरों और गरीबों के लिए अलग अलग प्रावधान और हालात हैं। किसी अमीर को, एमएलए, एमपी, मंत्री संतरी को छींक भी आ जाए तो अच्छे से अच्छे अस्पतालों में इलाज और गरीब बिना इलाज के मरता है तो मरे। यदि सरकार ने उचित सुरक्षित वाहन का प्रबंध किया होता तो इस तरह मजदूर न तो घायल होते और न जान जाती।
मनरेगा मजदूर यूनियन ने घायल मनरेगा मजदूरों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यूनियन आशा करती है वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे।
यूनियन ने मनरेगा अधिकारियों और हरियाणा सरकार से मांग की कि घायल मजदूरों का उचित अस्पतालों में फ्री इलाज करवाया जाए और उचित खुराक का प्रबंध किया जाए। जब तक वे पूरी तरह काम करने के लायक नहीं होते हैं तब तक हरेक मजदूर को 25 हजार रुपये महीना आर्थिक सहायता दी जाए। दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर काम पर आने जाने के लिए सरकार सुरक्षित वाहन का प्रबंध करे।
कॉमरेड सोमनाथ ने कहा कि यदि मनरेगा अधिकारियों व हरियाणा सरकार ने शीघ्र ही यह मांगे पूरी नहीं की और घायल मजदूरों को राहत नहीं दी तो यूनियन घायल मजदूरों को इन्साफ दिलवाने के लिए पुरजोर संघर्ष करेगी।