किसान आन्दोलन : आज फिर वार्ता, आन्दोलन की रूपरेखा भी जारी

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देशभर में फैला आन्दोलन, पटना में रैली पर दमन

किसान आन्दोलन का आज 35वां दिन है। आज सरकार के साथ वार्ता का सातवाँ दौर होगा। हालाँकि कोई परिणाम निकलने कि संभावना लगभग नहीं के बराबर है। जहाँ किसान संगठन स्पष्ट कर चुके हैं कि तीन काले कानूनों के खात्मे से कम पर बात नहीं बनेगी, वहीं सरकार इससे इतर मुद्दों पर उलझाने को आतुर है। दूसरी ओर किसान आन्दोलन देशभर में फ़ैल चुका है। बीते दिन पटना में प्रदर्शनकारियों पर दमन का सहारा लिया जा चुका है।

किसान संगठनों और भारत सरकार के बीच आज (बुधवार को) दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाली बातचीत से ठीक पहले किसान नेताओं ने कृषि सचिव को चिट्ठी लिख कर साफ़ कर दिया है कि उनके लिए बैठक का मुख्य एजेंडा 3 नए कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी पर खरीद की क़ानूनी गारंटी की माँग होगी।

किसानों ने कृषि सचिव को लिखी चिट्ठी, कल होने वाली बैठक का एजेंडा किया साफ

उधर सरकार का तीनों कृषि कानून वापस नहीं करने का अड़ियल रुख कायम रहने और एमएसपी पर सरकार सिर्फ लिखित आश्वासन देने की बात कर रही है।

पिछले पांच हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कृषि सचिव के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मंगलवार को एक पत्र लिख कर कहा कि वो चार मांगें रखने बैठक में शामिल होंगे। किसान नेताओं ने साफ़ तौर पर कहा कि “हमने सरकार को लिखित में बता दिया है कि तीनों कृषि कानून वापस होने चाहिए”।

सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों, एमएसपी की खरीद व्यवस्था, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आस पास वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग, अध्यादेश एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा एजेंडा बनाया गया है।

पटना : राजभवन मार्च पर लाठी चार्ज

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 29 दिसंबर को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित किसानों के राजभवन मार्च में पुलिस ने लाठीचार्च किया। इसमें सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर है।

इसके पूर्व गांधी मैदान से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर हजारों किसानों ने राजभवन मार्च का आरंभ किया। 

बिहार के दूर-दराज के इलाकों से दसियों हजार की तादाद में किसान अपनी मांगों को लेकर पटना आए थे, और वो बिहार के राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन प्रशासन ने संवेदनशील रवैया अपनाने की बजाए दमन का रास्ता अपनाया। और किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया।

आन्दोलन होगा तेज, नयी रूपरेखा बनी

इस बीच किसान संगठनों ने देशभर में आंदोलन को तेज करते करते हुए पटना, थंजवुर (तमिलनाडू), हैदराबाद और इंफाल(मणिपुर ) में हज़ारों किसानों की रैली आज और अगले 2 दिनों में करने की घोषणा की है। कोलकाता और मुंबई में किसानों की विशाल रैलियां आयोजित की जा चुकी हैं। 200 जिलों में दिल्ली की तरह के अनिश्चितकालीन धरने दिए जा रहे हैं।

हरियाणा के सभी टोल प्लाजा मुफ्त किए जाने, 30 दिसंबर को हजारों ट्रैक्टरों की रैली निकाले जाने तथा 1 जनवरी को संविधान की प्रस्तावना की शपथ के साथ तीन कृषि कानून रद्द करने, बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने, सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर सरकारी खरीद सुनिश्चित करने के कानूनी अधिकार आदि मुद्दों को लेकर हर कुर्बानी देने का देशभर में संकल्प लेने की घोषणा की गई है। 26 जनवरी तक के कार्यकर्मों पर विचार किया जा रहा है।

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