झारखंड: मुक़दमा वापस मज़दूर नेता रिहा, संघर्ष जारी रखने का ऐलान

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मजदूरों की एकता और संघर्ष का नतीजा है कि बीसीसीएल प्रबंधन को झुकना पड़ा, मुकदमा वापस लेना पड़ा। लेकिन जब तक 246 मजदूरों का रोजगार नहीं मिल जाता है आंदोलन जारी रहेगा।

तिसरा : मजदूरों की एकता और संघर्ष का नतीजा है कि बीसीसीएल प्रबंधन को झुकना पड़ा। मजदूर प्रतिनिधियों के ऊपर से मुकदमा वापस लेना पड़ा। लेकिन जब तक सीके डब्ल्यू साइडिंग के 246 मजदूरों का रोजगार नहीं मिल जाता है। बीसीकेयू, मासस और जमसं का आंदोलन जारी रहेगा। उक्त बातें बीसीकेयू के केंद्रीय सचिव सुरेश प्रसाद गुप्ता और मासस के जिला अध्यक्ष बिंदा पासवान ने मंगलवार को जेल से छूटने के बाद गोलकडीह लोडिंग प्वाइंट के पास सभा में कही। कहा कि प्रबंधन को एक धक्का और देने की जरूरत है।

प्रबंधन, प्रशासन और ठेकेदार ने मजदूरों के खिलाफ गठबंधन कर लिया है। वह नहीं चाहता है कि यहां के मजदूरों को उनका हक मिले। इसलिए हम लोगों को जेल भेजा गया। ताकि आंदोलन समाप्त हो जाए। लेकिन लाल झंडा के लोग जेल जाने और केस होने से नहीं डरते हैं। चाहे जो भी हो जब तक मजदूरों का रोजगार नहीं मिलेगा। आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज पूरा देश क्रांति दिवस मना रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि सरकार रोजगार, शिक्षा आदि से ध्यान हटाकर सबको तिरंगा के ऊपर केंद्रित कर दिया है। इस बार की लड़ाई अगले बार से अलग होगी। क्योंकि करो और मरो की स्थिति है।

15 अगस्त तक फैसला नहीं हुआ तो 16 अगस्त से बस्ताकोला, लोदना क्षेत्र का चक्का जाम कर देंगे। सभी नेताओं को माला पहनाकर स्वागत किया गया। एक जुलूस परियोजना कार्यालय से निकाला गया। मौके पर राजेंद्र पासवान, हरेराम पासवान, सपन पासवान, रीना पासवान, रेखा देवी, आशा वर्मा, सुरेंद्र पासवान, कुंदन पासवान, सुरेंद्र वर्मा, नरेश निषाद, राजेश पासवान, करण पासवान, प्रमोद पासवान, शिवबालक पासवान, राजेश बिरूआ, अशोक राम, हरेंद्र निषाद, किशु चौहान आदि थे।

जागरण से साभार