महँगाई बेलगाम, प्याज-आलू भी आम जनता की खरीद से दूर

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भारत में आलू प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं। महंगाई बेलगाम होती जा रही है। इसे लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। केंद्र सरकार आलू प्याज की कीमतों को कम करने के लिए भूटान का सहारा ले रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आलू की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में लाने के लिए भूटान से 30,000 टन आलू का आयात किया जा रहा है। वहीं 7,000 टन प्याज का आयात किया जा चुका है, दिवाली से पहले इसकी 25,000 टन खेप और आने की संभावना है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमने हाल ही में जो कदम उठाए उसके कारण पिछले एक सप्ताह से प्याज की कीमत स्थिर है। अभी औसत मूल्य 65 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है। हमने 14 सितंबर को ही प्याज के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया था। 21 अक्टूबर से प्याज आयात के नियमों को भी आसान किया गया है।

प्याज की कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए सरकार ने हाल ही में 23 अक्टूबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट भी लगा दी है। होलसेलर्स के लिए यह लिमिट 25 मिट्रिक टन और रीटेलर्स के लिए 2 मिट्रिक टन है। प्याज के ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए तीन दिन अलग से दिए जाएंगे। साथ ही किसान रेल के जरिये प्याज को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है। सरकार ने प्याज के बीज के एक्सपोर्ट पर भी बैन लगा दिया है। बफर स्टॉक से भी राज्यों को प्याज़ दी गई है। सरकार की ओर से आलू के इम्पोर्ट ड्यूटी पर 10 लाख मीट्रिक टन पर 10% का कोटा तय किया गया है। सरकार ने इस कोटे को 31 जनवरी 2021 तक के लिए लागू किया है। फिलहाल आलू की औसत कीमत 42 रुपये के करीब है। आलू के आयात के नियम को आसान किया गया है।

बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। आरजेडी नेता ने लिखा है, प्याज का भाव 100 रूपये किलो हो गया है। तेल का भाव शतक लगाने वाला है, बेरोजगारी दर अर्धशतक के पास पहुंच चुका है।

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जनसत्ता से साभार

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