निजीकरण के खिलाफ रक्षा कंपनियों में 19 जुलाई से बेमियादी हड़ताल

Ordnance-Factory-Protest

41 आयुध कारखानों के 76 हजार कर्मचारी आक्रोशित

भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद, टैंक, हथियार व पैराशूट आदि बनाने वाली सरकारी आर्डनेंस (आयुध) कंपनियों के निगमीकरण/निजीकरण का विरोध तेज हो गया है। देश के सभी 41 आयुध कारखानों में 19 जुलाई से बेमियादी हड़ताल होगी। एआईडीईएफ, आईएनडीडब्लूएफ और बीपीएमएस संगठनों ने हड़ताल का एलान किया है।

कर्मचारी यूनियनों ने ऑर्डनेंस फ़ैक्ट्री बोर्ड ख़त्म किए जाने और कार्पोरेशन बनाने के मोदी सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस 1 जुलाई को देने का निर्णय लिया है।

https://mehnatkash.in/2021/06/19/80-thousand-workers-agitated-against-privatization-of-ordnance-factories/

बीपीएमएस के महासचिव मुकेश सिंह ने बताया, सभी कर्मचारी संगठन 220 साल पुराने 41 आयुध कारखानों को सात कंपनियों में विभाजित करने के खिलाफ हैं। केंद्र सरकार ने ऐसा कर इन कारखानों का निजीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। अभी इन कारखानों को निगमों में तब्दील किया गया है। कुछ समय बाद यह कह कर इन्हें प्राइवेट हाथों में सौंप दिया जाएगा कि ये आयुध कारखाने तो घाटे में चल रहे हैं।

ज्ञात हो कि कर्मचारियों के तमाम विरोधों के बावजूद, कोरोना महामारी के बीच केंद्रीय कैबिनेट की बीते 16 जून को हुई बैठक में मोदी सरकार ने सभी 41 आयुध कारखानों को सात कंपनियों में विभाजित करने का फैसला ले लिया और रक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी कर दी।

इस अधिसूचना के बाद कर्मचारियों के तीन प्रमुख संघों एआईडीईएफ, आईएनडीडब्ल्यूएफ और बीपीएमएस ने संयुक्त रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राजकुमार (आईएएस), सचिव (डीपी) को एक पत्र जारी किया।

पत्र में संघों ने रक्षा मंत्रालय पर आरोप लगाते हुए कहा है कि निगमीकरण का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया है। इस दौरान इस बात को भी नजरअंदाज कर दिया है कि इसका असर हमारी देश की रक्षा तैयारियों पर पड़ सकता है।

यह काम कर रहे 76 हजार कर्मचारियों की नौकरियों और भविष्य को अंधकार में ढकेला गया है।

यूनियनों ने किया विरोध तेज, जलाईं प्रतियां

कर्मचारी यूनियन ने 17 जुलाई को एक साझा प्रेस रिलीज जारी करके विरोध जताया। सभी कर्मचारी अपनी-अपनी फैक्ट्री में काली रिबन बांधकर काम करने और अपनी फैक्ट्रियों के गेट पर ही धरना-प्रदर्शन के साथ विरोध शुरू किया। 19 जून को देशभर में अधिसूचना की प्रतियां फूंकीं।

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सरकार के अड़ियल रवैये के कारण संघों ने 20 जून को एक संयुक्त बैठक में स्थगति हड़ताल को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है।

बैठक में लिए गए निर्णय

  1. वरिष्ठ वकीलों के परामर्श से कानूनी कार्रवाई की संभावना तलाशना।
  2. सुलह प्रक्रिया सीएलसी (सी) द्वारा आईडी अधिनियम 1947 के प्रावधानों के अनुसार समाप्त कर दी गई है, 7 दिनों के बाद हड़ताल की कार्रवाई को बहाल किया जाएगा। यह निर्णय लिया गया है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए हड़ताल का नोटिस 1 जुलाई को जारी किया जाए और 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल हो सके जिससे न्यूनतम आवश्यक 14 दिन का नोटिस दे पाए और फेडरेशन को तैयारी के लिए पर्याप्त समय भी मिले।
  3. अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने के निर्णय की सूचना सरकार को 23 जून को दी जाएगी। इस दौरान फेडरेशन अपनी-अपनी कार्यकारिणी समिति की बैठक करेंगे और इस 3 दिनों के भीतर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें संयुक्त निर्णय की जानकारी देंगे।
  4. सीडीआरए व इसके संबद्ध आयुध निर्माणियों के संगठन, जेडब्ल्यूएम एसोसिएशन, आईओएफएस एसोसिएशन और एनपीडीईएफ, एआईबीडीईएफ को पूर्ण समर्थन देने और आयुध निर्माणियों को बचाने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल सहित सभी कार्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए संयुक्त पत्र जारी किया जाना है।
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