न्यूज़क्लिक व न्यूज़लॉन्ड्री पर आयकर विभाग का छापा निष्पक्ष मीडिया को दबाने की कोशिश है

डराने-धमकाने और सच का गला घोंटने के कूप्रयास घोर निंदनीय हैं। ‘मेहनतकश’ की टीम सत्ता प्रतिष्ठानों की दलाली से अलग जन मूल्यों पर आधारित स्वतंत्र पत्रकारिता के साथ खड़ी है।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को दिल्ली के दो ऑनलाइन मीडिया पोर्टल्स – न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के यहां छापेमारी (‘सर्वे’) किया। ये कार्रवाई मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने का एक और प्रयास है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विभाग ने इसे ‘सर्वे ऑपरेशन’ बताते हुए कहा कि टैक्स पेमेंट डीटेल्स और संगठन द्वारा किए गए प्रेषण को वेरिफाई करने के लिए ये किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि टैक्स अधिकारी दोनों पोर्टल के बिजनेस परिसर को कवर कर रहे हैं।
यह मोदी सरकार के प्रतिशोध और जन पत्रकारिता को दबाने-कुचलने के जारी कारनामों की ही बानगी है। डराने-धमकाने और सच का गला घोंटने के कूप्रयास घोर निंदनीय है और ‘मेहनतकश’ की टीम सत्ता प्रतिष्ठानों की दलाली से अलग जन मूल्यों पर आधारित स्वतंत्र पत्रकारिता के साथ खड़ी है। हम निष्पक्ष मीडिया और जनतान्त्रिक अधिकारों व मूल्यों को बचाने के हर संघर्ष में साथ खड़े हैं।
देश में संपादकों की सर्वोच्च संस्थान एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने न्यूज़लॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक पर आयकर विभाग के ‘सर्वे’ पर चिंता व्यक्त की है। अपने बयान में कहा कि “गिल्ड को इस बात की गहरी चिंता है कि पत्रकारों के डेटा की इस तरह की जब्ती जिसमें कई संवेदनशील जानकारियां शामिल होती हैं जैसे कि स्रोतों का विवरण, स्टोरी को लेकर किया जा रहा काम और अन्य पत्रकारिता डेटा। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।”
गिल्ड ने बयान में कहा, “सरकारी एजेंसियों का स्वतंत्र मीडिया को परेशान करने और डराने-धमकाने का खतरनाक चलन बंद होना चाहिए क्योंकि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र को कमजोर करता है।”
उल्लेखनीय है कि न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री सरकार परस्त गोदी मीडिया के समांतर जन पत्रकारिता के केंद्रों में से एक हैं। मोदी सरकार और सत्ता के सामने घुटने टेकने की जगह सच को बेबाकी से सामने लाने में जुटे हैं। दोनों ने व्यापक रूप से कोविड-19 महामारी, किसान आंदोलन, मेहनतकश आवाम के हालत व संघर्षों सहित ऐसे मुद्दों को कवर किया है, जिसने केंद्र सरकार की लफ्फाजियों को उजागर किया है।

दोनों मीडिया प्रतिष्ठानों पर कथित सर्वे की उत्पीड़नकारी घटना पर उनके आधिकारिक बयान यहाँ हम साझा कर रहे हैं-
आयकर विभाग के ‘सर्वे’ पर न्यूज़क्लिक का बयान
10 सितंबर को आयकर विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा न्यूज़क्लिक कार्यालय में दोपहर 12 बजे शुरू हुई “सर्वे” कार्रवाई देर रात तक चली। यह कार्रवाई आयकर अधिनियम की धारा 133A के तहत की गई थी। आयकर विभाग की टीम ने न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ का बयान दर्ज करने के अलावा उनका फोन ज़ब्त कर लिया व न्यूज़क्लिक परिसर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज ले गए – जिन्हें उन्होंने “लूस पेपर्स” बताया। उन्होंने प्रबीर, संपादक प्रांजल और न्यूज़क्लिक से संबंधित विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय खातों के ईमेल डंप भी लिए। पूरे “सर्वेक्षण” के दौरान न्यूज़क्लिक के लगभग 30 कर्मचारी और सहायक कर्मचारी कार्यालय में थे। उनके फोन अस्थायी रूप से ज़ब्त कर लिए गए थे और उन्हें अपने कंप्यूटर पर काम करने की अनुमति नहीं थी।
यह पहली बार नहीं है जब न्यूज़क्लिक सरकारी एजेंसियों के निशाने पर आया है। न्यूज़क्लिक के कार्यालयों के साथ-साथ प्रबीर पुरकायस्थ और हमसे जुड़े अन्य व्यक्तियों के आवासों पर भी इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने भी छापेमारी की थी। न्यूज़क्लिक ने प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध शाखा की जांच में सहयोग किया है और समय-समय पर मांगे गए सभी दस्तावेज़ सौंपे हैं। आयकर अधिकारियों ने जून में प्रबीर और प्रांजल से पूछताछ की और तब एक बार फिर न्यूज़क्लिक ने विभाग को आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराए थे।
कल (10 सितंबर) की छापेमारी उन्हीं झूठे और निराधार आरोपों से संबंधित प्रतीत होती है जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। हमने इन आरोपों को अदालतों में चुनौती दी हुई है।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही ये कार्रवाई और ये चुनिंदा आरोप न्यूज़क्लिक सहित मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने का एक और प्रयास है। अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत भारत का संविधान सभी को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, जिसके आधार पर हम अपना काम कर रहे हैं।
न्यूज़क्लिक उन सभी को धन्यवाद देना चाहता है जिन्होंने हमारे साथ एकजुटता व्यक्त की है। हम इन कार्रवाइयों से भयभीत नहीं होंगे। हम अपना काम यूंही जारी रखेंगे और साहस के साथ सत्ता से सच बोलेंगे।
प्रबीर पुरकायस्थ (एडिटर-इन-चीफ, न्यूज़क्लिक)
आयकर विभाग के ‘सर्वे’ पर न्यूज़लॉन्ड्री का पक्ष
10 सितंबर की दोपहर 12:15 बजे आयकर विभाग की एक टीम न्यूज़लॉन्ड्री के हमारे मुख्य दफ्तर पहुंची। मुझे दिखाए गए कागजात के अनुसार वो धारा 133 ए के तहत “सर्वे” करने आए थे। यह टीम परिसर से 11 सितंबर को रात के 12:40 बजे के आस-पास गई।
मुझे कहा गया कि मैं अपने वकील से बात नहीं कर सकता और मुझे अपना फोन उन्हें देना होगा। टीम में करीब छः या सात लोग थे और सभी का व्यवहार विनम्र और पेशेवर रहा। मुझे बताया गया कि कानून के अनुसार मुझे बिना कानूनी सलाह लिए उनका सहयोग करना होगा।
उन्होंने हमारे दफ्तर में मौजूद सभी कंप्यूटर उपकरणों को देखा और खंगाला। मेरा मोबाइल, लैपटॉप और ऑफिस की कुछ मशीनों को अपने अधिकार में लेकर आईटी टीम के द्वारा उसमें मौजूद सारा डाटा डाउनलोड कर लिया गया। जहां तक मैं जानता हूं इससे (मेरे व्यक्तिगत लैपटॉप और मोबाइल फोन से डाटा लेने से) मेरे निजता के मौलिक अधिकार का हनन होता है।
हमसे लिए गए डाटा के लिए कोई अधिकृत हैश वैल्यू मुझे नहीं दी गई। खैर यह बाद की बात है। आयकर विभाग की टीम का मेरे दफ्तर में दूसरी बार आना हुआ है। पहली बार ऐसा जून में हुआ था। हमने तब भी उनका पूरा सहयोग किया था। हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है और हमने सब कुछ नियमानुसार किया है। हम किसी भी कानून का उल्लंघन या अतिक्रमण नहीं कर रहे। हम अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करते हैं। हमने पूर्व में भी आयकर अधिकारियों को हमारी फंडिंग और खातों से संबंधित सभी कागजात दे दिए थे।
कानून के अनुसार जितना भी सहयोग हमें करना चाहिए वह हम अवश्य करेंगे। हम जनहित पत्रकारिता करना भी जारी रखेंगे क्योंकि वही हमारे अस्तित्व का कारण है। हमें किसी सरकार या कारपोरेट के विज्ञापन या जनसंपर्क से सहयोग नहीं मिलता, बल्कि उन लोगों से मिलता है जो जनहित पत्रकारिता का महत्व समझते हैं और न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करते हैं। हमें अपने सब्सक्राइबर आधारित मॉडल पर गर्व है। आप हमारा सहयोग यहां पर जाकर कर सकते हैं।
मुझे अपनी पूरी टीम पर गर्व है, ऐसे बेहतरीन सहकर्मी, जिनमें से कुछ बहुत कम आयु के हैं, के लिए मैं सदैव शुक्रगुज़ार रहूंगा, जो सामने आने वाली बाधाओं की लंबी फेहरिस्त के बावजूद अपना काम करते रहे। उन सभी को धन्यवाद। हम दृढ़ता से डटे रहेंगे। हम पूरी तरह साफ हैं क्योंकि आप जानते ही हैं, न्यूज़लॉन्ड्री का मतलब है सबकी धुलाई।
अभिनंदन सेखरी (चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर, न्यूज़लॉन्ड्री)