निजीकरण व नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारियों की 22 अक्तूबर को भारत छोड़ो पदयात्रा

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नई पेंशन व्यवस्था निजीकरण की नींव है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगी। पुरानी पेंशन भविष्य की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा व बुढ़ापे का सहारा है।

बिजनौर। अटेवा द्वारा नई पेंशन योजना व निजीकरण के विरोध में 22 अक्तूबर को भारत छोड़ो पदयात्रा निकाली जाएगी। कर्मचारियों से पदयात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया गया।

जिला अस्पताल में हुई गेट मीटिंग में प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रहास सिंह ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था निजीकरण की नींव है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगी। शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी भविष्य की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंतित है क्योंकि पुरानी पेंशन बुढ़ापे का सहारा है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजेश कुमार रवि ने कहा कि पुरानी पेंशन भविष्य को आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। कहा कि 22 अक्तूबर को होने वाली पदयात्रा में कर्मचारियों को अपनी भविष्य की सुरक्षा के लिए आगे आना होगा।

उत्तर प्रदेश संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद के जिलाध्यक्ष गजेंद्र शर्मा ने कहा कि निजीकरण से युवाओं के लिए रोजगार के मौके कम होंगे। अटेवा जिलाध्यक्ष गर्वित चौधरी ने कहा कि भारत छोड़ो पदयात्रा तीन बजे से इंदिरा बाल भवन बिजनौर से नगर के मुख्य मार्ग से होकर डीएम कार्यालय तक जाएगी। इसमें सभी विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। गेट मीटिंग का संचालन रविंद्र कुमार ने किया। इस दौरान रोहित कुमार, फैजान अहमद, आलोक, शुभम शर्मा, विकास कुमार, जतिन सैनी, सुमैया कोकब, करन सिंह, शाहनवाज, तरुण कुमार, सत्यम कुमार, आलोक कुमार आदि मौजूद रहे।

अमर उजाला से साभार

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