करोलिया लाइटिंग में सभी मज़दूरों की अवैध तालाबंदी; मज़दूर आंदोलन की राह पर

प्रबंधन ने पूर्व में 10 मज़दूरों की गेटबंदी की तो यूनियन ने हड़ताल की नोटिस दी थी। लेकिन प्रबंधन ने आज सभी की गेटबंदी कर दी और प्रशासनिक कमेटी की वार्ता में भी उपस्थित नहीं हुआ।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। सिड़कुल, पंतनगर स्थित करोलिया लाइटिंग प्रा. लि. में प्रबंधन के दमन के खिलाफ मज़दूर आंदोलित हैं। गैरक़ानूनी गेटबंदी के शिकार यूनियन उपाध्यक्ष सहित 11 मज़दूरों की कार्यबहाली व माँगपत्र के समाधान को लेकर लगातार संघर्षरत हैं।
करोलिया लाइटिंग इम्पालाइज यूनियन ने बताया कि आज 5 जनवरी से मज़दूरों को हड़ताल पर जाना था, परंतु यूनियन ने तिथि आगे बढ़ाते हुए 18 जनवरी से हड़ताल करने का फैसला लिया था। लेकिन आज जब श्रमिक सुबह ड्यूटी पर पहुंचे तो सभी श्रमिकों का प्रबंधक ने गेट बंद कर दिया यह कह कर की आप हड़ताल का पत्र वापस लो और तब आप लोगो का गेट खुलेगा।
यूनियन अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमने हड़ताल नही की है, बल्कि प्रबंधन ने गैरक़ानूनी तालाबंदी की है। उन्होंने बताया कि कंपनी में तालाबंदी के बाद हमने प्रबंधन से कहा कि हम समाधान हेतु अभी हड़ताल की तिथि को 18 जनवरी तक आगे बढ़ा रहे है। जिस पर प्रबन्धन ने स्पष्ट कहा कि अगर तुम लोगों को अंदर आना है तो हड़ताल का नोटिस वापस लेना होगा।
प्रशासनिक कमेटी की वार्ता से प्रबंधन अनुपस्थित, एएलसी ने जारी किया नोटिस
कंपनी के मौजूदा विवाद के समाधान के लिए श्रमिक विवादों के निस्तारण के लिए उप जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय प्रशासनिक कमेटी के समक्ष आज वार्ता भी थी, परंतु प्रबंधन अपने अड़ियल रवैए और हठधर्मिता के कारण वार्ता में भी उपस्थित नही हुए।
वार्ता में उपस्थित न रहने के कारण सहायक श्रमायुक्त ऊधम सिंह नगर द्वारा प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि आईआर वार्ता के दौरान प्रबंधन द्वारा किया गया यह कृत्य गैरकानूनी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6ई के तहत प्रबंधन ऐसी कोई कार्यवाही नहीं कर सकता जिससे औद्योगिक अशांति बने।
जबसे बनी यूनियन, तबसे है दमन जारी
दरअसल करोलिया लाइटिंग में जब से यूनियन बनी है, तब से ही दमन चल रहा है। डेढ़ साल पहले कोविड-19 जांच की अपील करने पर यूनियन के उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था। उसी मामले में प्रबंधन कथित रूप से जांच चलाता रहा और यूनियन पर तरह तरह के दबाव बनाता रहा।
यूनियन ने प्रबंधन को अपना एक मांग पत्र दिया था। प्रबंधन उसे भी दरकिनार करता रहा। मामला सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष लंबित है और आईआर कार्यवाही व संराधन वार्ता जारी है। इसी दौरान 23 दिसंबर 2021 को अचानक प्रबंधन ने 10 मजदूरों की अवैध गेट बंदी कर दी जिससे मज़दूरों में आक्रोश और बढ़ गया। और श्रम भवन पर उनका धरना शुरू हो गया।
यूनियन ने 28 दिसंबर से हड़ताल की वैधानिक नोटिस दी थी, लेकिन शांतिपूर्ण समाधान के लिए उसे 5 जनवरी तक आगे बढ़ा दिया था। लेकिन प्रबंधन ने आज 5 जनवरी की सुबह मज़दूर जब कार्य पर पहुँचे तो प्रबंधन ने सभी मजदूरों की गेटबंदी कर दी, ताकि वह उसे हड़ताल बताया सके।
श्रम भवन में धरना जारी, समाधान तक चलेगा आंदोलन
सभी मज़दूर उप श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर कार्यालय, श्रम भवन में धरनारत हैं।
यूनियन ने कहा कि प्रबंधन पूर्व में बर्खास्त किए गए यूनियन उपाध्यक्ष सुनील यादव की सवेतन कार्यबहाली करे, जिन 10 श्रमिकों की संराधन कार्यवाही के दौरान गेट बंदी की गई है सहित सभी श्रमिकों की अवैध तालाबंदी समाप्त करके तत्काल कार्यबहाली करें, सभी श्रमिकों के उत्पीड़न के लिए जारी सभी आरोप पत्र निरस्त करे और मांग पत्र पर समझौता करें। जब तक श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता तब तक श्रमिक संघर्ष जारी रखेंगे और आंदोलन तेज करेंगे।