रुद्रपुर: विधायक का आश्वासन, 28 जुलाई कार्यक्रम स्थगित; न्याय नहीं तो 11 अगस्त को होगा आवास घेराव

प्रेसवार्ता: 6 श्रमिक नेताओं पर गुंडा एक्ट की नोटिस रद्द करने तथा लुकास टीवीएस, डॉल्फिन, करोलिया, इंटरार्क, नेस्ले आदि श्रमिक समस्यों के समाधान की माँग; विधायक की पहल का स्वागत।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर ने 28 जुलाई को स्थानीय सूर्यलोक होटल में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। प्रेस वार्ता में डॉल्फिन मजदूरों सहित 6 श्रमिक नेताओं पर जिला प्रशासन द्वारा गुंडा एक्ट की नोटिस के खिलाफ तथा लुकास टीवीएस, डॉल्फिन, करोलिया लाइटिंग, इंटरार्क, नेस्ले आदि कंपनियों में समझौते के अनुपालन व विभिन्न कंपनियों की श्रमिक समस्याओं पर नई रणनीति घोषित हुई।
श्रमिक संयुक्त मोर्चा प्रतिनिधियों ने बताया कि उपरोक्त विभिन्न मुद्दों पर जारी आंदोलन के क्रम में 7 जुलाई 2024 को मज़दूर महापंचायत आयोजित हुआ था। जिसके निर्णय के तहत 28 जुलाई 2024 को स्थानीय रुद्रपुर विधायक आवास कूच करने का कार्यक्रम निर्धारित था।
लेकिन इस दौरान विधायक महोदय द्वारा श्रमिक समस्याओं के समाधान और गुंडा एक्ट निरस्त कराने की दिशा में सकारात्मक पहल और जिला पुलिस द्वारा गुंडा ऐक्ट आदि की समाप्ति की दिशा में उठाए गए कदम को देखते हुए मोर्चा ने विधायक आवास कूच का कार्यक्रम 15 दिन के लिए स्थगित किया है।

समझौतों का अनुपालन और मज़दूरों की कार्यबहाली क्यों नहीं?
पत्रकारों से मुखातिब होकर मोर्चा के महासचिव चंद्र मोहन लखेड़ा ने कहा कि एक तरफ लुकास टीवीएस, इंटरार्क, करोलिया लाइटिंग और नेस्ले कम्पनी के श्रमिक जिला प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा कराए गए त्रिपक्षीय समझौते को लागू कराने और संरक्षित कर्मकारों के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
मोर्चा प्रतिनिधि ने कहा कि लुकास टीवीएस के मज़दूर विगत करीब 160 दिन से समझौते के तहत श्रमिकों की कार्यबहाली कराने को धरनारत हैं तो इंटरार्क और करोलिया के मजदूर भी समझौतों के अनुपालन और विगत लम्बे समय से नौकरी से बर्खास्त किए गए श्रमिकों की कार्यबहाली कराने को संघर्ष कर रहे हैं। बड़वे और इंटरार्क के श्रमिक समझौते के तहत श्रमिकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने को आवाज़ उठा रहे हैं।
किन्तु जहाँ कंपनी प्रबंधन समझौतों का घोर उल्लंघन करके श्रमिकों का उत्पीड़न कर रहा है, वहीं श्रम विभाग और जिला प्रशासन अपने द्वारा कराये गए त्रिपक्षीय समझौतों को लागू कराने से मुकर रहे हैं। नील मेटल, रॉकेट इंडिया, ऑटो लाइन, एलजीबी सहित सिडकुल की अन्य कम्पनियों में लंबे समय से माँगपत्र लंबित हैं, लेकिन श्रम अधिकारी या तो मौन हैं, या समझौता कराने की जगह कोर्ट भेजने पर आमादा हैं।
खुलेआम अविधिक कार्रवाइयाँ क्यों?
मोर्चा प्रचार सचिव हरेंद्र सिंह ने बताया कि सबसे भयावह स्थिति डॉल्फिन कंपनी में बनी हुई है। जहाँ स्थाई श्रमिकों को जबरिया ठेकेदारी की नौकरी में नियोजित किया गया है, अब तक 30 स्थाई श्रमिकों को कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र और पूर्व सूचना दिए बिना उनकी अवैध गेटबंदी की जा चुकी है। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और बोनस भी नहीं दिया जा रहा है। यह माननीय सुप्रीम कोर्ट और भारत के संविधान के अनुच्छेद 23, 42 और 43 का भी घोर उल्लंघन है। ऐसे में श्रम विभाग और प्रशासन द्वारा कंपनी मालिक के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज करने और कंपनी में चल रही उक्त अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के स्थान पर पीड़ित मजदूरों के 6 नेताओं के ऊपर ही गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करने और लूट और मारपीट करने आदि गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करने की अन्याय पूर्ण कार्यवाही की गई है।
डॉल्फिन के श्रमिक प्रतिनिधि ललित ने कहा कि वर्तमान समय में संराधन वार्ताओं के दौरान एएलसी द्वारा श्रमिकों के बयान सही से दर्ज नहीं करने और कम्पनी मालिकों को लाभ पहुँचाने के प्रकरण लगातार सामने आ रहे हैं। शासन-प्रशासन व श्रम अधिकारी द्वारा न्यूनतम वेतनमान लागू कराने में भी कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है, अधिकारियों के उक्त लापरवाह और अन्यायपूर्ण रुख के कारण पूरे ही औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों के बीच भयंकर रोष व्याप्त है।
विधायक आवास घेराव कार्यक्रम दो सप्ताह स्थगित
मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि इस बीच स्थानीय विधायक श्री शिव आरोरा जी ने सकारात्मक पहल दिखाते हुए मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ में कई वार्ताएं कीं और आश्वासन दिया है कि 31 जुलाई को डॉल्फिन कम्पनी के सभी 6 नेताओं को गुंडा एक्ट के तहत भेजे गए नोटिस और क़ायम वाद को निरस्त कर दिया जाएगा और लुकास टीवीएस, डॉल्फिन, करोलिया, इंटरार्क, नेस्ले सहित सभी कम्पनियों में चल रहे समस्याओं का समाधान जिला स्तरीय कमेटी का गठन करके करा लिया जाएगा।
स्थानीय विधायक जी की उपरोक्त सकारात्मक पहल को संज्ञान में लेकर 28 जुलाई 2024 को स्थानीय विधायक जी के आवास के घेराव के पूर्व घोषित कार्यक्रम को दो सप्ताह के लिए स्थगित किया गया है। यदि श्रमिक समयस्याओं का समाधान ना निकला तो यह कार्यक्रम 11 अगस्त 2024 को किया जायेगा।
मोर्चा कोषाध्यक्ष ठाकुर सिंह ने कहा कि यदि दो सप्ताह के भीतर लुकास टीवीएस, डॉल्फिन, करोलिया, इंटरार्क, नेस्ले सहित सभी पीड़ित मजदूरों को न्याय नहीं मिल जाता है और गुंडा एक्ट के तहत की गई अन्यायपूर्ण कार्यवाही को निरस्त नहीं हुई तो आगामी 11 अगस्त को स्थानीय विधायक आवास के घेराव के कार्यक्रम में मजदूर बढ़चढ़ कर भागेदारी करेगा। साथ ही पूरे उत्तराखंड स्तर पर भी प्रदर्शन आयोजित होंगे।
बलिदान दिवस पर 31 जुलाई को मुख्यालय पर कार्यक्रम
लुकास टीवीएस के राजेश चंद्र ने कहा कि महापंचायत के निर्णय के अनुसार उत्तराखंड स्तर पर 31 जुलाई 2024 को उधमसिंह जी के बलिदान दिवस पर दमन, जुल्म और शोषण के विरोध में आयोजित किये जा रहे ब्यापक कार्यक्रमों के क्रम में कलेक्ट्रेट रुद्रपुर में उधमसिंह जी की मूर्ति के समक्ष संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मोर्चा महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा कहा कि शासन-प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा जिस तरह से श्रम कानूनों की अनदेखी की जा रही है और कानूनों का खुला उल्लंघन कराया जा रहा है उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यदि अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से श्रम कानूनों को लागू कराके श्रमिकों संग न्याय नहीं किया तो मजबूरन हमें आगामी 11 अगस्त 2024 को विधायक जी का घेराव करने के लिए विवश होना पड़ेगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
प्रेस वार्ता को मज़दूर सहयोग केंद्र के मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश चंद्र, लुकास टीवीएस मजदूर संघ के हरीश, डॉल्फिन श्रमिक संगठन के सोनू, करोलिया लाइटिंग इम्पालाइज यूनियन के हरेन्द्र, इंटरार्क मज़दूर संगठन से एस एन मिश्रा, फिरोज, नेस्ले कर्मचारी संगठन के देवेंद्र सिंह, भगवती इम्पालाइज यूनियन के ठाकुर सिंह आदि श्रमिक प्रतिनिधियों ने भी सम्बोधित किया।