हिमाचल: पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर हजारों कर्मचारियों का राजधानी शिमला में महा रैली

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कर्मचारियों के उग्र होते प्रदर्शन व विपक्ष के वाकआउट के बाद सरकार ने दोपहर में कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया, जो बेनतीजा रही। कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन शुरू किया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर लौटे एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने बताया कि वार्ता बेनतीजा रही है। कर्मचारियों ने चौड़ा मैदान में क्रमिक अनशन पर बैठने का फैसला लिया है।

हिमाचल में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर प्रदेश भर से आए हजारों कर्मचारियों ने शनिवार को राजधानी शिमला में महा रैली निकाली। ढोल नगाड़े और तिरंगे झंडे लिए रैली में पहुंचे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।

प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के वाकआउट और चौड़ा मैदान में कर्मचारियों के उग्र होते प्रदर्शन के बाद सरकार ने दोपहर के समय रैली में शामिल कर्मचारी नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया। करीब एक घंटे तक सरकार के साथ चली बैठक आखिरकार बेनतीजा रही।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले को गंभीरता पूर्वक केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का भरोसा कर्मचारियों को दिया। लेकिन कर्मचारी नहीं माने। बैठक के बाद कर्मचारी नेता वापस रैली स्थल चौड़ा मैदान पहुंचे और अपना आंदोलन जारी रखने का एलान कर दिया।

कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए अब चौड़ा मैदान में ही क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। यह अनशन शनिवार से ही शुरू हो गया है। कई कर्मचारी नेता रैली के लिए लगाए गए पंडाल में ही अनशन पर बैठ गए। इनके एलान के बाद बाकी कर्मचारी भी सहयोग का वायदा कर अपने घरों को लौट गए।

रैली के लिए शनिवार सुबह करीब 10:00 बजे ही प्रदेश भर से हजारों कर्मचारी शिमला पहुंच गए थे। शिमला के टुटीकंडी आईएसबीटी और तवी मोड़ पहुंचे हजारों कर्मचारी बालूगंज और एडवांस स्टडीज होते हुए चौड़ा मैदान रवाना हुए। दोपहर 12:15 बजे ये कर्मचारी चौड़ा मैदान स्थित रैली स्थल पर पहुंचे। यहां बाद में कर्मचारी नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों को संबोधित किया। कहा कि वे पेंशन बहाल होने के बाद ही अपना आंदोलन खत्म करेंगे।

दोपहर करीब 2:47 बजे सरकार ने रैली में शामिल कर्मचारी नेताओं को बातचीत के लिए बुला लिया। मंच से जैसे ही इसकी जानकारी दी तो रैली में शामिल कर्मचारी अपनी मांग जल्द पूरी होने की उम्मीद में झूमने लगे। ढोल नगाड़ों के साथ नाटियों का दौर शुरू हो गया। बैठक खत्म होने तक चौड़ा मैदान में नाटियां चलती रहीं। इससे पहले रैली के दौरान भी कर्मचारी नाटियों पर झूमते दिखे।

रैली के लिए प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों से कर्मचारी पहुंचे थे। इनमें महिला कर्मचारी भी शामिल थीं। कई कर्मचारी अपने मासूम बच्चों को उठाए हुए रैली में शामिल होने पहुंचे। कुछ कर्मचारी लाठी और बैसाखी के सहारे रैली में समर्थन देने पहुंचे।

रैली के दौरान कर्मचारियों ने कई नारे लगाए। पेंशन को लेकर साडा हक.. एथे रख, जयराम ठाकुर करो कमाल..पुरानी पेंशन करो बहाल जैसे नारे लगे। कर्मचारी बोले कि सीएम जयराम पेंशन बहाल कर पेंशन पुरुष बन सकते हैं। सरकार रिपीट करवानी है तो पेंशन बहाल करो। कई कर्मचारियों ने नारे लगाए कि विधायकों को तो 90 हजार से ज्यादा पेंशन मिलती है लेकिन कर्मचारियों को चंद सौ रुपये दे रहे हैं। ऐसा भेदभाव नहीं चलेगा।

करुणामूलक संघ ने शनिवार को अपनी मांगों को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान जयराम सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कैबिनेट बैठक का सीन क्रिएट कर मांगें उठाई गईं। सरकार से विभिन्न विभागों, बोर्डों, यूनिवर्सिटी, निगमों में क्लास सी की करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों को बहाल करने की मांग की गई। संघ के कार्यकर्ता दोपहर 2:10 बजे आंबेडकर चौक पहुंच गए। यहां करीब 23 मिनट नारेबाजी के बाद ये कार्यकर्ता बैरिकेड की ओर कूच करने लगे।

इस बीच पुलिस ने घेराबंदी की कोशिश की। शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ रहे सदस्य आगे पहुंचकर सड़कों पर बैठ गए। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि वे पिछले 380 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। ऐसे में अब अपनी लंबित मांगों को मनवाने के लिए विधानसभा कूच किया है। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन शिमला के कालीबाड़ी के समीप एक रेन शेल्टर में निरंतर चल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के मुख्यमंत्री व मंत्री इनका हालचाल जानने एक बार भी रेन शेल्टर में नहीं आए।

अमर उजाला से साभार