हरियाणा : आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर का जोरदार प्रदर्शन, अधिकारी ने वार्ता कर दिया आश्वासन

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22 जुलाई से मंत्री आवास कैथल में धरनारत अंगनबाड़ी वर्कर्स की मांगों पर राहत देने की जगह नेताओं के खिलाफ झूठे केस दर्ज करने से प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन तेज हुआ।

जगाधरी, यमुनानगर (हरियाणा)। आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर्स यूनियन का धरना स्थानीय अनाज मंडी में सोमवार को 25 वें दिन भी जारी रहा। जिसकी अध्यक्षता यूनियन की राज्य प्रधान कुंज भट्ट ने तथा संचालन जिला प्रेस सचिव रितु गुप्ता और मीनू बाडी माजरा ने किया।

इस बीच विभाग की प्रभारी अतिरिक्त उपायुक्त ने उनकी मांगें सुनी और अपने स्तर की समस्याओं के निवारण का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कारण बताओ नोटिस वापस लेने की घोषणा की।

दमन से आवाज दबाने की कोशिश, आंदोलन हुआ तेज

राज्य प्रधान कुंज भट्ट ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा के कैथल आवास पर 22 जुलाई से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हुई हैं, परंतु उनको राहत पहुंचाना तो दूर कैथल में नेताओं के खिलाफ झूठे केस बनाकर मंत्री जी आवाज को दबाना चाहती हैं। जिस कारण प्रदेश के जिला मुख्यालय पर भी हमें संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश स्तरीय मांगों के अलावा स्थानीय मांगों के बारे में अपना एक ज्ञापन 18 अक्तूबर को जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिया था परंतु जिला कार्यक्रम अधिकारी ने धरने में भाग ले रही आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर के विरुद्ध शो कॉज नोटिस निकाल कर एक और दमन की नीति अपनाई है, जिससे वर्करों में बहुत रोष है। जिला अधिकारी ने आंगनबाड़ी वर्कर्स की समस्याओं का समाधान करने के बजाय दमन उत्पीड़न का रास्ता चुना है।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ऐसी कुटिल चालों से आंगनबाड़ी वर्कर्स का आंदोलन दबने वाला नहीं है। हम दुगुनी ताकत के साथ जोश व हौसले के साथ जबाब दे रहे हैं।

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धरने के समर्थन में पहुँचे जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य प्रवक्ता कामरेड सोमनाथ ने कहा कि जिला यमुनानगर की आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा दिये गए 18 अक्तूबर के मांगपत्र में कोई भी ऐसी मांग नहीं है जो नाजायज हो और जिसे जिला कार्यक्रम अधिकारी पूरा नहीं कर सकती। हमारी सरकार से ऐसी ही पूंजीवादी नीति के विरुद्ध लड़ाई है। हम इस सोच का पुरजोर विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार प्लेवे और डिजिटल इंडिया के नाम पर आंगनवाड़ी को एनजीओ के हवाले कर रही है। सुनने में तो यह नाम बहुत अच्छे लगते हैं परंतु बड़े-बड़े नाम लेने से उद्देश्य पूरे नहीं होते उसके लिए जमीनी स्तर पर काम करना पड़ता है। सरकार इन बड़े-बड़े नामों की आड़ में आंगनबाड़ी के मूलभूत उद्देश्यों की अवहेलना कर रही है। हम आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों के अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे।

अतिरिक्त उपायुक्त से हुई वार्ता, कारण बताओ नोटिस वापस

आंगनबाड़ी वर्कर्स आज अपने मांग पत्र विभाग की प्रभारी अतिरिक्त उपायुक्त महोदया को देने गईं, जहाँ उन्होंने एक एक करके सभी मांगें सुनी और कहा कि जो उनके स्तर की समस्याएं हैं उन्हें वे जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ बैठकर आज ही निवारण करेंगी।

आक्रोशित आंगनबाड़ी वर्कर्स ने जब कार्यक्रम अधिकारी से पूछा कि हमने जब सारी सामग्री लाभार्थियों में वितरित कर दी है तो भी आपने हमारे ऊपर सामग्री लाभार्थियों में नहीं बांटे जाने का आरोप लगा कर कारण बताओ नोटिस क्यों निकाला और हड़ताल में भाग लेने के कारण सेवाएं समाप्त करने का आदेश क्यों निकाला? इस पर उक्त अधिकारी के पास कोई जबाब नहीं था।

जिला अतिरिक्त उपायुक्त ने कारण बताओ नोटिस वापस लेने की घोषणा की। आंगनबाड़ी केंद्रों में खराब खाद्य सामग्री भेजे जाने का भी विरोध किया।

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आज के धरने में विजय शर्मा, मिथलेश गुप्ता, गुरविंदर, स्वर्णजीत, आशा, अंजू, नीलम, सुमित, गुलशन, रितु सिद्धू, रितु रानी, रीटा कत्याल, सुनीता, सत्या, ओम देवी, इंदिरा, लक्ष्मी आदि के साथ हजारों वर्कर व हैल्परस शामिल रही।