हरियाणा: सीएम आवास कूच कर रहे नगर निकाय कर्मचारियों को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका

निकाय और अग्निशमन कर्मचारियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो एक बार फिर प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
करनाल। सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में सीएम आवास कूच कर रहे नगर निकाय कर्मचारियों को आवास से चंद कदम पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक लिया। बाद में शीघ्र प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से बातचीत कराने के लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारी लौट गए और 15 दिन में बातचीत नहीं कराने पर फिर से आंदोलन की चेतावनी दी।
प्रदेशभर के नगर निकायों में सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन विभाग में शामिल न करने और अक्तूबर माह में हुए समझौते लागू करने समेत विभिन्न मांगों के लिए अलग-अलग जिलों से नपा कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी करनाल पहुंचे और एक सभा के बाद प्रदेशाध्यक्ष नरेश शास्त्री की अगुवाई में मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया।
हरियाणा सरकार की वायदाखिलाफी
12 दिन की हड़ताल के बाद बीते साल 29 अक्तूबर को नपा कर्मचारी संघ के नेताओं के साथ प्रदेश सरकार ने विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए समझौता किया था, लेकिन अभी तक सरकार ने उस दौरान लिखवाए गए मुकदमों को वापस करने के आदेश के अलावा कोई शासनादेश जारी नहीं किया।
इस पर छह जनवरी को कर्मचारियों ने स्थानीय निकायमंत्री डॉ. कमल गुप्ता के आवास पर भी आंदोलन किया था। जिसमें एक महीने के अंदर समझौते को लागू कराने का समय दिया गया था लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे कर्मचारी फिर आंदोलित हो गए।
संघ ने दी चेतावनी
प्रदेशभर के स्थानीय निकाय के नपा कर्मचारी संघ और फायर कर्मियों ने एक साथ रविवार को करनाल में काछवा रोड पर एक सभा की और वहां से जुलूस की शक्ल में प्रेमनगर स्थित सीएम आवास तक पहुंचे। हालांकि उन्हें आवास से पहले ही रोक दिया तो यहां उन्होंने अफसरों को दस मिनट का समय सीएम से बातचीत का लिखित आश्वासन के लिए दिया। यहां नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, महासचिव मांगेराम तिगरा, वरिष्ठ उपप्रधान रमेश तुषामड, राज्य उपप्रधान वीरभान बिड़लान, प्रदेश सचिव शारदा, कोषाध्यक्ष महेंदर सिंह संगेलिया, अग्निशमन विभाग के राज्य प्रधान राजेंद्र सिनंद आदि ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो एक बार फिर प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना बेहद आवश्यक है। एक हजार रुपये स्वच्छता भत्ता, फायर कर्मचारियों को एक हजार रुपये जोखिम भत्ता देने सफाई और सीवर के कार्य में सभी प्रकार के ठेके खत्म करने के स्थान पर सरकार ने ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस के ठेके देने का निर्णय लिया है। जिसका संघ विरोध करता है।
संघ की मांग है कि इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। सरकार ने नियमित भर्ती कर 1327 अग्निशमन कर्मचारियों के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है।