हरियाणा सरकार अस्थायी कर्मचारियों के लिए रेगुलराइजेशन पॉलिसी बनाए -चंडीगढ़ हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि नियमित करने की याचिकाएं लगातार दाखिल हो रही हैं, सरकार एक माह में पॉलिसी बनाए। ज्ञात हो कि अस्थायी कर्मचारियों का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है।
चंडीगढ़। हरियाणा में लंबे वक्त से इंतजार कर रहे अस्थायी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने को लेकर एक महीने में रेगुलराइजेशन पॉलिसी बनाए जाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि लगातार अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं। सरकार इन कर्मियों पर सहानुभूति के आधार पर गौर करे।
आपको बता दें कि अस्थायी कर्मचारियों का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इससे पहले सरकार ने सरकारी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में सालों से कार्यरत कर्मियों को अक्टूबर साल 2018 में बड़ी राहत देते हुए इन अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने के आदेश दे दिए थे। सिंगल बेंच के फैसले को सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दे दी थी। डबल बेंच ने मार्च 2019 में सिंगल बेंच को इस मामले में दोबारा गौर करने के आदेश दे दिए।
हाईकोर्ट ने किया था रेगुलराइजेशन पॉलिसी रद्द। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार की रेगुलराइजेशन पॉलिसी को ही रद्द कर कर नए सिरे से 6 महीनों में रेगुलर भर्ती के आदेश दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दे दिए। उसके बाद से हाईकोर्ट में लगातार अस्थायी कर्मचारियों द्वारा याचिकाएं दाखिल हो रही हैं। आज हाईकोर्ट ने सरकार को इन हजारों अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक महीने में पॉलिसी बनाए जाने का निर्देश दिया है।
एजी हरियाणा बलदेव राज महाजन बताते हैं कि साल 2014 में सरकार ने पॉलिसी बनाई, जिन अस्थायी कर्मचारियों को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं और जो पॉलिसी के तहत आते हैं। उनको रेगुलेर करने की पॉलिसी जारी की। कुछ लोगों ने इसे कोर्ट में चैलेंज किया की ये भर्ती की अप्रत्यक्ष विधि है। डिवीजन बेंच ने साल 2018 में इसे रद्द किया था कि ऐसी पॉलिसी सरकार जारी नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन्होंने 10 साल काम किया है, उनको सरकार रेगुलर कर सकती है। वहीं, हाईकोर्ट ने उस समय कहा था कि सरकार इन पदों पर लगे अस्थायी कर्मचारियों को रिलीव करे और नियमित कर्मचारियों को लगाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अस्थायी कर्मचारियों को फिलहाल काम करने दीजिए, जब नए नियमित कर्मचारियों की भर्ती होगी, तो रिलीव कर सकते हैं। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।