आंदोलन से भयभीत सरकार, पुलिस खोद रही है सड़कें

हर अवरोध करेंगे पर, किसानों का जज्बा मजबूत
नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई राज्यों से आए किसान राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर बीते नौ दिनों से डेरा डाले हुए हैं। शुरूआत में पंजाब और हरियाणा से किसान आए थे। पर अब किसानों को उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है। किसानों की लगातार बढ़ती संख्या को लेकर पुलिस के सामने उन्हें दिल्ली के बॉर्डर पर रोकना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यही कारण है कि दिल्ली पुलिस ने जहां एक ओर कई स्तरीय अवरोधक लगाए हैं। वहीं, दिल्ली-हरियाणा से लगे हुए अब छोटे मार्गों पर भी अवरोध पैदा करना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने इसी क्रम में गुरुग्राम से दिल्ली आने वाले झटिकरा बॉर्डर पर कई फीट जमीन खोद डाली है। इस कारण यहां के स्थानीय निवासयों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने सड़क को इस हिसाब से खोदा है कि वहां से केवल दो पहिया वाहन या फिर व्यक्ति पैदल ही गुजर सकता है।
वहीं, टिकरी बॉर्डर पर शुक्रवार को किसान पूरे दिन तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते दिखे। किसानों और सरकार के बीच शनिवार को एक बार फिर से बैठक होनी है। इसको लेकर किसान रणनीति भी बनाते दिखे। वहीं, टिकरी बॉर्डर पर किसानों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस ने एक और स्तर की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। पुलिस ने बहादुरगढ़ से आने वाले मार्ग पर पहले ही कटीली तोरों के अवरोधकों, सीमेंट के अवरोधक के अलावा वाहनों को बड़ी संख्या में खड़ा किया है। वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने एहतियातन निर्माणाधीन स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले सीमेंट के बड़े-बड़े स्लैब को सड़कों पर क्रेन की मदद से रखा। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि यदि किसानों और सरकार के बीच बात नहीं बनी और किसानों ने आगे बढ़ने का फैसला लिया तो मार्ग पर अवरोध पैदा कर ही उन्हें रोका जा सकता है।
खुदी सड़क से लोग परेशान : पुलिस ने हालत बिगड़ने या फिर किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए तरह-तरह के इंतजाम किए हैं। इस कारण आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का बाजारों से संपर्क टूट गया है। शादियों का मौसम चल रहा है। ऐसे में लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।
कृषि कानूनों को लेकर होडल, पलवल और फरीदाबाद में किसानों का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। हजारों किसान प्रदर्शन के लिए दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। इनमें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलावा स्थानीय किसान भी शामिल हंै। पुलिस ने शुक्रवार को किसानों को ट्रैक्टर और ट्रॉली ले जाने की इजाजत नहीं दी तो उन्होंने पैदल ही दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच कर दिया। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश से आए सैंकड़ों किसानों ने पलवल से पंद्रह किलोमीटर आगे केएमपी एक्सप्रेसवे पर सड़क पर ही डेरा डाल दिया है। यहां पुलिस ने भारी पत्थर और अवरोध खड़े कर किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक दिया।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर। दिल्ली कांग्रेस ने कहा कि देश के अन्नदाता बीते कई दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यह दिल्ली सरकार का दायित्व है कि वह देश के परेशान अन्नदाताओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कोविड-19 जांच केंद्र, खाने-पीने का सामान, पीने का पानी और बायो-टॉयलेट्स की व्यवस्था करने की मांग की। साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसे संबंध में तुंरत सरकार निर्देश दे।
बॉर्डर पर बैठे किसानों और पुलिस के बीच का फासला अधिक होने की वजह से पुलिस ड्रोन से भी निगरानी रख रही है। इससे पुलिस अंदाजा लगा लेती है कि बॉर्डर पर कितने किसान मौजूद हैं। किसानों का कहना है कि कई राज्यों से किसान अभी भी दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। पुलिस ने सीमाओं पर पहले से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है।
किसान सुभाष चीमा ने बताया कि वह जो भी हंै आज अपनी खेती की वजह से हैं। उन्होंने पूरी जिंदगी खेती की है और उसी से उनका परिवार चल रहा है। ऐसे में वे किसान आंदोलन से अपनी नजरें नहीं मोड़ सकते। गुरुवार को उनकी बेटी की शादी थी। आंदोलन के चलते वह अपनी बेटी की शादी में शामिल नहीं हो सके तो उन्होंने वीडियो कॉल कर बेटी को आशीर्वाद दिया।
जनसत्ता से साभार