29 सितंबर को भाजपा विधायक आवास का होगा घेराव; लुकास और डॉल्फिन मज़दूरों को न्याय दो!

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रुद्रपुर (उत्तराखंड)। लुकास टीवीएस और डॉल्फिन मजदूरों की समस्याओं का 28 सितंबर तक समाधान ना होने पर 29 सितंबर 2024 को स्थानीय भाजपा विधायक शिव अरोरा जी के आवास का अनिश्चित काल के लिए घेराव करने की घोषणा हुई।

भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष गणेश मेहरा के नेतृत्व में जिलाधिकारी महोदय से मुलाक़ातकर इसकी लिखित सूचना दी गई। इस दौरान डॉल्फिन और लुकास टीवीएस के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

मज़दूर प्रतिनिधियों ने दी चेतावनी

इस दौरान मज़दूर प्रतिनिधियों ने कहा कि सिडकुल पन्तनगर की लुकास टी वी एस मजदूर संघ दिनांक 26/10/2023 से और डांल्फिन कम्पनी के श्रमिक दिनांक- 28/08/2024 से संघर्षरत, धरनारत हैं।

साथ ही इंटरार्क-पंतनगर, इंटरार्क-किच्छा, हेंकल, पारले-पंतनगर, पारले-सितारगंज, सेटको-सितारगंज, मंत्री मेटल्स, नेस्ले, बड़वे, करोलिया, शिरडी, इंड्यूरेंस, बजाज मोटर्स, एलजीबी, जायडस-सितारगंज, ऑटोलाइन, नील मेटल, ब्रिटानिया, वोल्टास, सीआई ई इंडिया, ऐरा मेटल, गुजरात अम्बुजा-सितारगंज, एस्कॉर्ट सहित अनगिनत अन्य कम्पनियों में श्रमिक शोषण चल रहा है। डॉल्फिन कम्पनी में तो बुनियादी श्रम कानूनों का खुलेआम घोर उल्लंघन हो रहा है और हजारों स्थाई श्रमिकों को अवैध रूप से ठेके के तहत नियोजित करके उनका भविष्य बर्बाद कर दिया गया है।

उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन के अन्यायपूर्ण, असंवैधानिक कृत्यों तथा क्षेत्रीय विधायक को जगाने को लेकर भारतीय मजदूर संघ जिला-ऊधम सिंह नगर के बैनर तले श्रमिक समस्याओं के समाधान न होने पर 29 सितंबर 2024, दिन रविवार को रुद्रपुर के क्षेत्रीय विधायक श्री शिव अरोरा जी के आवास तक पदयात्रा निकाली जाएगी और मजदूर सत्याग्रह के तहत निर्णायक आंदोलन शुरू किया जायेगा।

लुकास टीवीएस मजदूर संघ के संघर्ष का 218 दिन

लुकास टीवीएस मजदूर संघ पंतनगर उत्तराखंड संबद्धता भारतीय मजदूर संघ का 26 अक्टूबर 2023 से लगातार धरना व अनिश्चित कालीन हड़ताल 24 सितंबर को 218वां दिन भी जारी रहा और आचार संहिता के तीन माह के बाद 14 जून 2024 से लगातार जारी हैं।

मज़दूर नेताओं ने कहा कि आज हमारे प्रदेश में वर्तमान सरकार के तानाशाही के चलते पूरे प्रदेश में हर जगह आन्दोलन हड़ताल देखने को मिल रहे। उसके बाद भी कोई समाधान न किया जाना कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की नाकामी और अधिकारी बेलगाम होने के कारण न्याय नहीं मिल रहा। देव भूमि को जिस तरह वर्तमान सरकार अपनी तानाशाही के चलते नजर अंदाज करना कर रही आने वाले समय में निकम्मी सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।

ज्ञात हो कि यूनियन बनाने पर प्रबंधन की प्रतिशोधपूर्ण कार्रवाइयों, पूर्व समझौते के अनुपालन, मज़दूरों की कार्यबहाली, माँगपत्र पर समझौता, यूनियन की मान्यता आदि बुनियादी मांगों को लेकर लुकास टीवीएस के मज़दूर 26 अक्टूबर 2023 से लगातार धरना व अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं।

इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने मज़दूरों को पहले कंपनी गेट पर बैठने नहीं दिया। मज़दूरों का धरना श्रम भवन पर चला तो पुलिस ने वहाँ से भी उठा दिया तो मज़दूर स्थानीय गांधी पार्क पर धरनारत रहे। फिर पुलिस के आला अधिकारियों ने लोक सभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के बहाने समझौता कराने के आश्वासन के साथ धरना समाप्त करवा दिया था।

इस बीच मज़दूरों को न्याय तो नहीं मिला, लेकिन श्रम विभाग ने पूरे विवाद को श्रम न्यायालय भेज दिया। वही दूसरी तरफ प्रबंधन ने आन्दोलनरत श्रमिकों को बर्खास्त कर दिया। अंततः मज़दूर चुनावी प्रक्रिया के तीन माह के बाद 14 जून 2024 से पुनः लगातार धरनारत हैं।

28 दिन से जारी डॉल्फिन कंपनी के मज़दूरों का संघर्ष

डॉल्फिन कम्पनी सिडकुल पंतनगर (उत्तराखंड) के मजदूरों का धरना और सामूहिक कार्यबहिष्कार 24 सितंबर को 28 वें दिन भी जोशो खरोश के साथ में जारी है।

डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार, जिला प्रशासन और श्रम विभाग डॉल्फिन कम्पनी में न्यूनतम वेतन भुगतान अधिनियम और न्यूनतम बोनस भुगतान अधिनियम सहित भारत देश के बुनियादी श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने में पूरी तरह से असमर्थ हो चुके हैं। कम्पनी मालिक ने हजारों स्थाई और नियमित श्रमिकों को अवैध रूप से ठेके के तहत अस्थाई नियोजन में धकेल कर उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है।

इस अवैध कृत्य के खिलाफ आवाज़ उठाने और श्रम विभाग में शिकायत करने पर करीब 50 स्थाई मजदूरों की अवैध गेटबंदी कर दी है। तमाम श्रमिकों को 8 माह बीतने के बाद भी नियमानुसार निलंबन भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। अनगिनत शिकायत करने के पश्चात् भी शासन प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा कम्पनी मालिक और ठेकेदारों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है और कम्पनी मालिक के उक्त गैरकानूनी कृत्यों पर पर्दा डालकर कम्पनी मालिक को खुला संरक्षण दिया जा रहा है।

महामंत्री वीरू सिंह ने कहा कि डॉल्फिन प्रकरण में जिला स्तरीय कमेटी की मध्यस्थता में समझौता वार्ताओं में नियम कानूनों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। श्रमिक पक्ष की घोर आपत्ति के बावजूद भी ADM महोदय द्वारा कानूनों का घोर उल्लंघन करके कम्पनी प्रबंधक के प्रतिनिधि के रूप में एक बाहरी ब्यक्ति एडवोकेट शेहरावत को शामिल किया जा रहा है और इस पर सहमति ब्यक्त ना करने पर वार्ता को बंद करने की चेतावनी दी जाती है। वहीं श्रमिक प्रतिनिधियों द्वारा अपने अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी जी को वार्ता में शामिल नहीं किया गया।

उक्त अवैध कृत्य का विरोध करने पर श्रमिक प्रतिनिधि सुनीता को भी चैम्बर से बाहर कर देने की धमकी दी गई, जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है।

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