फ्रांस: नई रिटायरमेंट व पेंशन योजना के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन; लाखों लोग उतरे सड़क पर

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सरकारी सेवाएं, स्कूल व अन्य सिविल सेवाएं ठप्प, सार्वजनिक परिवहन सेवा बुरी तरह प्रभावित रहीं। नई योजना के तहत श्रमिकों को पूरी पेंशन लेने के लिए 43 साल काम करना होगा।

फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पेंशन सुधार नई योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन तेज हो गए हैं। नई पेंशन योजना के विरोध में पेरिस समेत 200 शहरों में प्रदर्शन हुए। गुरुवार को फ्रांस में लाखों लोगों ने मार्च निकालकर सरकार के प्रस्तावों का विरोध किया।

गुरुवार को प्रदर्शन के चलते ट्रेन, फ्लाइट सहित कई सेवाएं बाधित हो गई। कई स्कूल बंद कर दिए गए। हड़ताल में 70 फीसदी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हुए। कहा जा रहा है कि एक दशक बाद फ्रांस में कर्मचारियों मज़दूरों का इतना विशाल प्रदर्शन हुआ है।इस दौरान पेरिस समेत देश के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प की तस्वीरें सामने आई हैं।

अब पेंशन के लिए 43 साल काम करना जरूरी

‘फ्रांस 24’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नई पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जाएगी। एक नया बिल सांसद से पारित होने के बाद रिटायरमेंट की उम्र को 62 से बढ़ा कर 64 कर देगा। साथ ही पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि को भी बढ़ा देगा।

प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न द्वारा इस महीने की शुरुआत में उल्लिखित नई पेंशन योजना के प्रस्तावों के तहत 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था। इसके विरोध में पूरे फ्रांस में जोरदार प्रदर्शन हुए।

सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपीय देशों ने रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है। स्पेन में ये 65 साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है।

टेलीग्राफ़ के एक पत्रकार ने अलजजीरा से कहा कि सरकार कर्मचारियों से 62 साल के बाद भी काम कराना चाहती है और युवाओं को रोज़गार के अवसर नहीं देना चाहती।

सरकारी सेवाएं बाधित, पुलिस ने किया बल प्रयोग

इस विराट प्रदर्शन के दौरान कई संगठनों ने सार्वजनिक हड़ताल का ऐलान करते हुए कई सरकारी सेवाओं को बाधित किया। उग्र प्रदर्शन के चलते फ्रांस की सार्वजनिक परिवहन सेवा बुरी तरह से प्रभावित हुई। स्कूलों और अन्य सिविल सेवाएं ठप्प रहीं।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक पेरिस, मार्सिले, टूलूज, नैनटेस और नीस सहित प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शनों के चलते परिवहन सेवाएं ठप रहीं। एफिल टॉवर को भी विजिटर्स के लिए बंद कर दिया गया है।

इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया। कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में विरोध कर रहे 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिससे भड़के लोगों ने पुलिस और पेरिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश दर्ज कराया।

फ्रांस की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनों में उमड़ रही भारी भीड़ से निपटने के लिए सरकार दमन की तैयारी में है। विरोध को देखते हुए पेरिस में दंगा-रोधी दल तैनात किया गया। देश के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन का कहना है कि हालिया प्रदर्शनों के मद्देनजर पेरिस में अब 10000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

ये तस्वीर पेरिस में गारे डे ल्योन के बाहर की है। यहां फ्रांसीसी ट्रेड यूनियन की रैली के दौरान प्रदर्शनकारियो ने लकड़ियां जलाईं।

नई पेंशन योजना का विरोध

‘CNN’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय यूनियनों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने की योजना के खिलाफ व्यापक हड़ताल और विरोध प्रदर्शन तेज करने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि ये बिल पारित हो जाता है तो फ्रांस में सरकारी नौकरियों में रिटायरमेंट की उम्र 62 से 64 हो जाएगी। जबकि नए प्रस्तावों के तहत, 2027 से लोगों को पूर्ण पेंशन के लिए 43 साल काम करना होगा, जबकि अभी यह 42 साल है।

पुरानी पेंशन योजना की मांग

IFOP पोल के मुताबिक नए सुधार जनता ने पूरी तरह से नकार दिए हैं। देश के 68 फीसदी लोगों का कहना है कि वो नए पेंशन सुधारों को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल रखने की माँग के साथ आंदोलन को तेज कर रहे हैं।

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