कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम में आग, 5 मज़दूरों की मौत

दोबारा लगी आग, वैक्सीन बनाने की होड तो नहीं है कारण
कोवीशील्ड कोरोना वैक्सीन बना रही सीरम इंस्टीट्यूट के महाराष्ट्र के पुणे स्थित प्लांट में गुरुवार को बड़े हादसे में अबतक 5 मज़दूरों की मौत हो चुकी है। दोपहर 3 बजे प्लांट की इमारत में लगी आग पर करीब डेढ़ घंटे में काबू पाने के बाद शाम करीब सवा सात बजे दोबारा आग लग गई।
पहली बार आग को दमकल की 15 गाड़ियों की मदद से डेढ़ घंटे बाद बुझाया जा सका। बाद में जब रेस्क्यू टीम अंदर पहुंची तो 5 मजदूरों की लाश मिली। दोबारा लगी आग को बुझाने में भी खासी मशक्कत हुई। मीडिया में या रही खबरों के अनुसार रेस्क्यू टीम 9 लोगों को बचाने में कामयाब रही।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आग सीरम इंस्टीट्यूट के टर्मिनल गेट 1 SEZ3 बिल्डिंग के चौथे और पांचवें तल तक फैल गई थी।
आशंका जतायी जा रही है कि मरने वालों का आंकडा कहीं ज्यादा हो सकता है।

दबाव में सीरम इंस्टीट्यूट ने की 25 लाख देने की घोषणा
सीरम इंस्टीट्यूट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सायरस पूनावाला ने पहले किसी की मौत से इनकार कर दिया था, लेकिन मामला खुलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 25 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
उधर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने बताया कि सरकार ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।

इसी प्लांट में बनती है कोवीशील्ड वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के पुणे प्लांट में ही कोरोना से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन बनाई जाती है। जिस जगह आग लगी, उसे सीरम का मंजरी प्लांट कहते हैं।
यह जगह कोवीशील्ड वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस वजह से कोवीशील्ड को नुकसान नहीं पहुंचा।
जहां आग लगी, वहां टीबी का टीका बनता है
जिस इमारत में आग लगी, वहां पर टीबी से बचाव के इस्तेमाल होने वाली बीसीजी वैक्सीन बनती है। यहां ठेका मज़दूर बिजली का काम करने आए थे।
यूपी, बिहार व पुणे के हैं मृतक मजदूर
हादसे में जान गंवाने वालों में रमाशंकर और विपिन सरोज उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। सुशील पांडेय बिहार से यहां मज़ दूरी करने आए थे। महेंद्र इंगले और प्रतीक पश्ते पुणे के ही रहने वाले थे।

ऊपरी मंजिल पर मिलीं लाशें
मज़दूरों की लाशें इमारत की ऊपरी मंजिल पर मिली हैं। आग लगने की वजह अभी साफ नहीं है। जिस इमारत में आग लगी, वहां वेल्डिंग का काम चल रहा था। माना जा रहा है कि यहां शॉर्ट सर्किट या वेल्डिंग की वजह से हादसा हुआ।
पिछले साल बना था यह प्लांट
300 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट में बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन किए जाने की योजना पर काम हो रहा था।पिछले साल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फॉर्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फॉर्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट में किया जा रहा है।

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी
सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। इसका परिसर करीब 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिस मंजरी कॉम्पलेक्स में आग लगी थी, वह वैक्सीन फैकल्टी के स्थान से कुछ मिनट की ही दूरी पर है।
जानकारी के मुताबिक इसे स्पेशल इकोनॉमिक जोन का हिस्सा माना जा रहा है। भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए मंजरी कॉम्पलेक्स में आठ-नौ भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य इस कंपनी की वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाना है।
वैक्सीन बनाने की होड में जल्दबाजी हो सकता है कारण
कोरोना की वैक्सीन बनाने की होड चौतरफा है। देश के भीतर दो कंपनियों ने वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। ऐसे में बाजार में जल्दी कब्जा जमा लेने की गरज से सुरक्षा मानकों की अनदेखी भी इस हादसे की वजह हो सकती है।