वेतन कटौती के ख़िलाफ़ पापुआ न्यू गिनी में भीषण हिंसा, 16 की मौत, देश में इमरजेंसी की घोषणा

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वेतन में 50% की कमी से संसद के बाहर प्रदर्शनकारी पुलिस और अन्य सिविल सेवकों पर बल प्रयोग हुआ तो हिंसा भड़की और सरकारी इमारतों व प्रधानमंत्री कार्यालय में तोड़-फोड़ हुई।

दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी में हिंसक दंगों में कम से कम 16 लोगों की मौत के बाद देश में शुक्रवार को आपातकाल की घोषणा कर दी गई.

प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में दंगा फैलने के बाद 11 जनवरी को देशभर में आपातकाल लगाने कि घोषणा की. आपातकाल की स्थिति अगले 14 दिनों तक बनी रहेगी.

ख़बरों की की माने तो तो ये हिंसा तब भड़की जब नए वेतन चेक में वेतन में 50 % तक की कमी को लेकर पुलिस और अन्य सिविल सेवक संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.

प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के बाद भीड़ हिंसक हो गई और कई सरकारी इमारतों के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में भी तोड़-फोड़ किया.

वही प्रधानमंत्री का कहना है कि वेतन कटौती कम्प्यूटर में आई खराबी के कारण हो गई थी. जिसके बाद कर्मचारियों के वेतन में करीब 100 डॉलर कि कमी आ गई थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि कई अधिकारीयों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें वित्त सचिव और पुलिस आयुक्त भी शामिल हैं.घटनाओं के बाद मारापे को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है.

पूर्व प्रधान मंत्री पीटर ओ’नील ने इस पुरे घटनाक्रम को पापुआ न्यू गिनी का सबसे काला दिन कहते हुए संबोधित किया और मैरापे कि आलोचना करते हुए कहा, “जिम्मेदारी लेने में कोई शर्म की बात नहीं है, लेकिन यह जानना बिल्कुल शर्मनाक है कि आपने कमान और नियंत्रण खो दिया है.”

दंगों के दौरान उत्तरी काउंटी लाई में सात लोग मारे गए और राजधानी में नौ लोग मारे गए.पुलिस ने बताया कि 50 से अधिक लोग गोलीबारी और चाकूबाजी से घायल हुए है और उनका इलाज पोर्ट मोरेस्बी जनरल अस्पताल में किया जा रहा है.

वही इन दंगों के कई वीडियो सोशल मिडिया पर देखने को मिल रही है, जिनमें हज़ारों कि संख्या में लोगों को सड़कों पर दिखाया गया है.

वही फैली हिंसा के बाद पापुआ न्यू गिनी ने दंगों को नियंत्रित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया से भी मदद मांगी है.

हालाँकि पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि 2 दिनों में ही स्थिति काफी नियंत्रित हो चुकी है. सुपरमार्केट,गैस स्टेशन दुबारा से खुल गए हैं.दंगों के कारण लोगों के पास ईंधन के साथ-साथ बाकि के जरूरतों की भी भारी किल्लत हो गई थी.

मालूम हो कि इससे पहले प्रधानमंत्री मारापे ने मिडिया से बात करते हुए बताया था कि ” देश अमेरिका के साथ एक नए सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेगा, जिससे उसके सैनिकों को देश के सभी बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंच की अनुमति मिल जाएगी”.

मारापे के मुताबिक संसदीय मंजूरी हासिल करने के बाद दोनों देश दो समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जो रक्षा सहयोग और समुद्री निगरानी पर केंद्रित होंगे.

मारापे ने तर्क दिया “हम एक विशिष्ट रक्षा सहयोग समझौते की ओर बढ़ रहे हैं. हम पृथ्वी ग्रह पर सर्वश्रेष्ठ सेना के साथ हस्ताक्षर कर रहे हैं.”मारापे दवा करते हैं कि इस समझते के एवज में पापुआ न्यू गिनी को अमेरिकी उपग्रह निगरानी तक पहुंच प्राप्त होगी.

वर्कर्स यूनिटी से साभार

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