9 नवंबर को प्रयागराज, यूपी में करेंगे किसान विरोध प्रदर्शन

नारनौंद में भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन तेज हो गया है। नारनौंद थाने में कल से हजारों किसान धरने पर बैठे हैं। एक चौंकाने वाली घटना में भाजपा सांसद जांगड़ा को काला झंडा दिखाने के आरोप में नारनौंद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर दो किसानों को गिरफ्तार किया था। जबकि किसानों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना में एक किसान कुलदीप सिंह राणा गंभीर रूप से घायल हो गए थे, और अभी भी जिंदल अस्पताल में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राणा 40 साल के हैं और उनके पास बहुत कम जमीन है। वह शुरू से ही किसान आंदोलन के समर्थक रहे हैं।
किसान मांग कर रहे हैं कि किसानों के खिलाफ मुकदमा वापस लिया जाए, और कुलदीप सिंह राणा के साथ हुई घटना के लिए मामला दर्ज किया जाए। किसानों ने ऐलान किया है कि अगर आज तक मामला नहीं सुलझा तो कल से हांसी एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे।
एसकेएम ने हरियाणा भाजपा के एक अन्य नेता अरविंद शर्मा के बयानों की भी निंदा की, जिन्हें कल किसानों को धमकाते हुए देखा गया था। उन्होंने कहा कि काले झंडे का विरोध करने वाले किसानों की आंखें फोड़ दी जाएंगी और हाथ काट दिए जाएंगे। कल एसकेएम हरियाणा की एक बैठक में शर्मा के हिंसक बयानों की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया गया था, जिसमें मांग की गई कि वह अपने बयान को वापस ले लें।
पंजाब के मानसा जिले के खिवा दयालपुरा में 28 अक्टूबर को टिकरी मोर्चा पर शहीद हुई तीन महिला किसानों अमरजीत कौर, गुरमेल कौर और सुखविंदर कौर का अंतिम अरदास किया गया। सैकड़ों किसान और नागरिक इन क्रांतिकारी महिलाओं को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। एसकेएम के कई नेता भी वहां मौजूद थे। किसानों ने किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ लड़ाई में इन महिलाओं की क्रांतिकारी भावना को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
इस बीच, कई राज्यों में कटी हुई खरीफ फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे बिक रही हैं। किसानों को धान, बाजरा, जैसी फसलों के लिए एमएसपी की तुलना में 33 फीसदी कम कीमत मिल रही है। यह एसकेएम के इस दावे की पुष्टि करता है कि जब तक एमएसपी कानूनी गारंटी नहीं बन जाता, यह कागज पर ही रहेगा।
वहीं, देश में उर्वरकों की कमी एक अभूतपूर्व संकट बन गई है, और कई राज्यों में किसान डीएपी उर्वरकों की कमी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के गृह राज्य मध्य प्रदेश में किसानों ने दमोह में राज्य-मार्ग जाम कर दिया। देश-भर से इसी तरह के विरोध की खबरें आ रही हैं।
9 नवंबर को यूपी के प्रयागराज में किसान जरी मंडी में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग के अलावा किसानों की मांगों में, ₹ 1940 प्रति क्विंटल पर धान की खरीद, सरकारी खरीद के पंजीकरण के लिए अधिकारियों द्वारा लिए जा रहे ₹ 300 प्रति जोत के भ्रष्टाचार के पैसे की वापसी; क्षेत्र में बोई जा रही सभी किस्मों की धान की खरीद; 11 क्विंटल प्रति बीघा की सीमा हटाना, बटाईदारों से खरीद, और उर्वरकों की कालाबाजारी पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं।
कर्नाटक में भी किसान धान की खरीद और धान के एमएसपी में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। कल उडुपी जिले में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। भिवानी में भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल को किसानों के काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा। सांसद एक कार्यक्रम में भाग लेने गईं थीं, जहां वह मुख्य अतिथि थीं।
इस बीच, कर्नाटक के किसान आंदोलन के एक युवा समर्थक नागराज, जिन्होंने 11 फरवरी को बादलपुर (कर्नाटक) से दिल्ली तक पैदल मार्च शुरू किया था, सभी बाधाओं को पार करते हुए गुना पहुंच गए हैं। श्री नागराज ने इस अवधि में अपनी मां को खो दिया, लेकिन उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कुछ दिनों के लिए घर वापस जाने के बाद मार्च करना जारी रखा। एसकेएम इन वीरों के जज्बे को सलाम करता है।
जारीकर्ता –
बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह
संयुक्त किसान मोर्चा
ईमेल: samyuktkisanmorcha@gmail.com