टोहाना प्रकरण में किसानों की जीत, संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को दी बधाई

विधायक का खेद प्रकट, किसानों की रिहाई, मुक़दमें होंगे रद्द
हरियाणा के टोहाना में सत्तारूढ़ जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को गाली देने और निर्दोष किसान नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ एक जबरदस्त आंदोलन से किसानों को जीत मिली है। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि विधायक के खेद प्रकट करने और किसानों की रिहाई के साथ किसानों का आंदोलन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
पूरा मामला है क्या?
मंगलवार, 3 जून को फतेहाबाद जिले के टोहाना से सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा सहयोगी जेजेपी के विधायक देवेन्द्र बबली पर किसानों को गाली देने का आरोप लगा था। बुधवार को विधायक से नाराज़ किसानों का टोहाना में बड़ा प्रदर्शन हुआ।
टोहाना के हिसार रोड स्थित टाउन पार्क से एसडीएम कार्यालय तक हज़ारों किसानों ने रैली निकली और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। जिसके बाद प्रशासन ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात की। किसानों ने प्रशासन को छह जून तक का समय दिया था।
इस बीच बुधवार रात युवा किसानों ने जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश की जिसके बाद कुछ किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई और पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया।
आंदोलन के दबाव में विकास सिसार और रवि आज़ाद को रविवार देर रात ही आनन-फ़ानन में रिहा कर दिया गया। लेकिन किसान मखन सिंह को नहीं छोड़ा गया था। इससे पूर्व बबली ने शनिवार शाम ही किसानों के खिलाफ “अनुचित” शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए खेद व्यक्त किया था।
इधर किसान पिछले तीन दिनों से अपने गिरफ़्तार किसान साथी को रिहा करने के लिए टोहाना सदर थाने का घेराव किए हुए थे। आज पूरे हरियाणा में किसानों ने सभी थानों का घेराव करने का आह्वान किया था परन्तु प्रशासन के नरम रवैये को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया और सिर्फ टोहाना के सदर थाने पर प्रदर्शन किया गया।

रविवार से किसानों ने थाने के भीतर ही टेंट लगा दिया था। सोमवार को यहां चार जिले सिरसा, फतेबाद, जींद और हिसार के किसान टोहाना पहुंचे। मोर्चे के नेताओ की मौजूदगी में नारों और गीत से उत्साह का माहौल बना रहा। महिलाओं के एक समूह ने भी किसानों की दुर्दशा पर गीत गाए।
जबरदस्त आंदोलन के बीच तीसरे किसान मखन सिंह भी आज रिहा हो गए, उनपर दर्ज 307 का मुकदमा सहित सभी मुकदमे खारिज करने पर सहमति बनी है।
टोहाना मामले पर संयुक्त किसान मोर्चा का बयान
टोहाना में सत्तारूढ़ जेजेपी के एमएलए देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को अपशब्द कहे जाने और उसका विरोध करने वाले निर्दोष किसान नेताओं की गिरफ्तारी के जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा किसानों को बधाई देता है।
- टोहाना आंदोलन की पहली माँग थी कि विधायक देवेंद्र बबली अपने अपशब्दों के लिए खेद व्यक्त करें और अपने सहयोगियों द्वारा लगाए केस को वापस ले। 5 जून को विधायक ने खेद प्रकट किया। संयुक्त किसान मोर्चा की स्थानीय समिति ने इसे स्वीकार कर लिया है। विधायक के सहयोगियों ने हलफनामा देकर यह कह दिया है कि इस केस को रद्द किए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
- उस मामले में गिरफ्तार किसान साथी मक्खन सिंह को रिहा कर दिया गया है। इस तरह उस मामले का समाधान हो चुका है।
- आंदोलन की दूसरी माँग पुलिस द्वारा विधायक के घर की तरफ जाते हुए हमारे किसान साथियों के विरुद्ध मुकदमे (FIR 103) और दो गिरफ्तार साथियों की रिहाई के बारे में थी। कल रात दोनों साथियों विकास सीसर और रवि आजाद को रिहा कर दिया गया है।
- प्रशासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद यह तय हुआ है की इस केस (FIR 103) को सरकार की तरफ से वापस ले लिया जाएगा।
- संयुक्त किसान मोर्चा 4 जून को सिंघु बॉर्डर की अपनी बैठक में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चल रहे विरोध कार्यक्रमों के बारे में निम्नलिखित मर्यादा सूत्र तय कर घोषित कर चुका है:
- विरोध के यह कार्यक्रम केवल सरकारी या राजनैतिक आयोजन तक सीमित रहेंगे। किसी भी प्राइवेट आयोजन (जैसे शादी, तेहरवी, पारिवारिक फंक्शन इत्यादि) में इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों का विरोध नहीं किया जाएगा।
- यह विरोध प्रदर्शन शांति पूर्वक तरीके से काले झंडे दिखाने, नारे लगाने आदि तक सीमित रहेगा। विरोध प्रदर्शन में हिंसा या तोड़ फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है।
- आंदोलन की सफलता की रोशनी में स्थानीय समिति द्वारा विधायक के खिलाफ पूर्व घोषित सभी कार्यक्रम अब रद्द किए जाते हैं।
समन्वय समिति, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी, जारीकर्ता बी एस राजेवाल, दर्शन पाल, हन्नान मौला, जोगिंदर सिंह उग्राहन, जगजीत सिंह दल्लेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, शिव कुमार शर्मा “कक्काजी”।