लखीमपुर खीरी में शहीद चार किसान और पत्रकार को श्रद्धांजलि दी। साथ ही साजिशन हत्या के मुख्य आरोपी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
लखीमपुर खीरी। पूर्व आह्वान के तहत संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आजादी के 75वें साल पर अपनी मांगों के लिए गुरुवार को किसानों ने 75 घंटे का प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें पहले दिन ही कई जनपदों व अन्य प्रांतों से हजारों किसान राजापुर मंडी पहुंचे। किसानों की भीड़ का अनुमान लगाने में प्रशासन तक फेल हो गया। धीरे-धीरे किसानों की बढ़ती संख्या ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी।
सुबह से ही बसों समेत अन्य वाहनों से किसानों के काफिले मंडी पहुंचने लगे थे। इससे दोपहर तक मंडी के कई टिन शेड (फड़) किसानों से भर गए। किसानों का जत्था खाना बनाने की तैयारी में जुटा। चारों तरफ जलसे का माहौल बन गया, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था नाकाफ़ी थी। मंडी परिसर में पानी की किल्लत हो गई और शौचालय भी कम पड़ गए।
परिसर में पानी व शौचालय की समस्या उत्पन्न होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने जिला प्रशासन को एक घंटे में व्यवस्था कराने के लिए अल्टीमेटम दिया और ऐसा न होने पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किसानों के प्रदर्शन की चेतावनी दे दी, जिससे तत्काल पानी और अन्य वयवस्थाएं फिर से दुरुस्त की जाने लगीं।

लखीमपुर राजापुर गल्ला मंडी में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा के 75 घंटों के इस महापड़ाव में यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश समेत करीब 20 राज्यों के हजारों किसानों ने अपनी मांगों की दस्तक दी।
आज महापड़ाव को डा. दर्शन पाल, योगेन्द्र यादव, बूटा सिंक्ष बुर्जगिल, मेधा पाटेकर, डा. आशीष मित्तल, रणजीत सिंह राजू, रवि आजाद, आदि प्रमुख किसान नेताओं ने संबोधित किया।
राकेश टिकैत, जोगेन्द्र सिंह उगराहा सहित तमाम राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेता मंचासीन रहे।
महापड़ाव की शुरुआत में लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान शहीद चार किसान और पत्रकार की शहादत को याद किया और श्रद्धांजलि दी।
वक्ताओं ने शहीद किसानों की साजिशन हत्या के मुख्य आरोपी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। किसानों की शहादत को 10 महीने बीत गए लेकिन हत्या साजिशकर्ता सरकार में बने रहना शर्मनाक बताया। इस केस में फंसाये गए बेगुनाह किसानों को रिहा करते हुए सभी फर्जी केस वापसी की मांग दोहरायी।
सभी वक्ताओं ने एमएसपी पर घोषित कमेटी को किसान विरोधी बताया और एमएसपी की कानूनी गारंटी की देशव्यापी मुहिम को और मजबूत करने की अपील की।
इसी के साथ वक्ताओं विशेषकर राज्य में सक्रिय किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश के किसानों की प्रमुख मांगो पर भी जोर दिया। इनमें गन्ना मिलों पर किसानों के बकाया का ब्याज समेत तत्काल पेमेन्ट, कृषि के लिए मुफ्त बिजली, ट्रयूबवैल कनेक्शन पर मीटर और घरेलू कनैक्शनों पर प्री पैड मीटर लगाने पर रोक, सभी घरेलू कनैक्शनों पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली की मांग रखी।
लखीमपुर समेत तमाम जिलों में कई पीढियों से जोत रहे किसानों को जंगल के नाम पर बेदखली बंद करने की कार्रवाई पर योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस मामले में थोपे सभी नोटिस तत्काल वापिस लेने की मांग की। अवारा पशुओं की समस्या का समाधान और सूखाढ़ से प्रभावित किसानों को देने की मांग भी उठाई।
व्यवस्थाओं में अपेक्षित सहयोग न मिलने पर मंच से तैयारी कमेटी के बलजिन्दर सिंह मान और दिलबाग सिंह ने स्थानीय प्रशासन की तीखी आलोचना की।

संयुक्त किसान मोर्चा की प्रमुख माँग-
- लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजश रचने के मामले में उप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
- लखीमपुर खीरी हत्याकांड में ‘निर्दोष होते हुए भी’ जेल में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर मढ़े केस तुरन्त वापस लिए जाएं।
- सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के द्वारा सी-2 +50%के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
- किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं।
- बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।
- भारत के सभी किसानों के सर पर चढ़े कर्ज को एक बार लकीर मार के एकमुश्त कर्ज मुक्त किया जाए।
- उत्तर प्रदेश की खंड मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए।
- वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को ज़मीन से बेदख़ल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।
संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश, राज्य समन्वय समिति, प्रेस विज्ञप्ति 18 अगस्त 2022 के साथ
जारीकर्ता: राजवीर सिंह जादौन, मुकुट सिंह, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, धर्मपाल सिंह चौहान, तजिन्दर सिंह विर्क, गुरअमनीत सिंह मांगट।